समाजवादी पार्टी से निष्कासित वरिष्ठ नेता अमर सिंह का कहना है कि वो भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की किसी पेशकश से इनकार नहीं करेंगे, हालांकि उन्होंने कहा कि बीजेपी से जुड़ने के लिए उन्होंने कोई प्रार्थना पत्र भी नहीं दिया है.बड़ी खबर: विधानसभा चुनाव से पहले 18 HAS अधिकारियों का किया बड़ा फेरबदल….
अमर सिंह ने एक फिल्म के विशेष शो में शामिल होने के दौरान कहा कि ‘बीजेपी बहुत बड़ा दल है. मैं यह नहीं कहूंगा कि यदि मुझे अवसर मिलेगा, तो मैं बीजेपी में नहीं जाऊंगा. लेकिन मुझे यह अवसर दे कौन रहा है. मैंने यह अवसर हासिल करने के लिये कोई प्रार्थना पत्र भी नहीं दिया है.’
इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें यदि मोदी में कोई बुराई दिखाई देगी, तो वह उनकी आलोचना भी करेंगे. लेकिन इस तथ्य को कौन नकार सकता है कि प्रधानमंत्री की मां और उनके नजदीकी रिश्तेदार आज भी आम नागरिकों की तरह जीवन-यापन करते हैं और सरकारी अस्पतालों में इलाज कराते हैं. सिंह ने मोदी सरकार के विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए कहा कि फिलहाल केवल विरोध के नाम पर विरोध की राजनीति की जा रही है.
अमर सिंह ने कहा कि जीएसटी की शुरूआत के लिए संसद में बुलाए गए विशेष सत्र से कांग्रेस महज इसलिए गायब रही, क्योंकि नई कर प्रणाली के बारे में मोदी घोषणा कर रहे थे. इन दिनों इस तरह की राजनीति का जो स्वरूप देखने को मिल रहा है, वह बहुत क्रूर और निष्ठुर है.
उन्होंने बागी जद(यू) नेता शरद यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि यादव पहले यह बताएं कि अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री काल में जब वह एनडीए के संयोजक थे, तब उन्हें देश में सांप्रदायिकता क्यों नहीं नजर आ रही थी. इन दिनों देश की सियासत में सांप्रदायिकता और धर्मनिरपेक्षता एक मजाक बनकर रह गई है.