लंबे समय से लटकी 2123.6 मेगावाट की 21 जल विद्युत परियोजनाओं को दोबारा शुरू करने को लेकर शुक्रवार को दिल्ली में बैठक होगी। जिसमें केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय, जल शक्ति मंत्रालय और वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव शामिल होंगे। उत्तराखंड से बैठक में सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम और यूजेवीएनएल के एमडी डॉ. संदीप सिंघल शामिल होने जा रहे हैं।
दरअसल, प्रदेश में प्रस्तावित 21 जल विद्युत परियोजनाएं ऐसी हैं, जिनके निर्माण में कोई बड़ी बाधा नहीं है। इनमें से 11 परियोजनाएं तो गैर विवादित हैं जबकि 10 परियोजनाएं ऐसी हैं, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट की विशेषज्ञ समिति ने हरी झंडी दी हुई है। पिछले दिनों जब इनके निर्माण की कवायद शुरू हुई तो जल शक्ति मंत्रालय ने पर्यावरणीय कारणों का हवाला देते हुए अड़ंगा लगा दिया था।
सुप्रीम कोर्ट की एक्सपर्ट बॉडी ने इन्हें दी हुई है हरी झंडी
परियोजना का नाम- नदी का नाम- क्षमता (मेगावाट में)
लता तपोवन- धौलीगंगा- 171
कोटलीभेल 1ए- भागीरथी- 195
तमकलता- धौलीगंगा- 190
अलकनंदा- अलकनंदा- 300
कोटलीभेल 1बी- अलकनंदा- 320
भ्यूंदर गैंग- भ्यूंदर गैंग- 24.3
खिराओगंगा- खिराओगंगा- 4
झालाकोटि- धरम गंगा- 12.5
उर्गम-2- कल्पगंगा- 7.5
झेलम तमक- धौलीगंगा- 128
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