सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए क्रीमी लेयर की सीमा का दायरा सार्वजनिक उपक्रमों, बीमा कंपनियों और बैंकों तक बढ़ाने का फैसला किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मंत्रिमंडल ने इस आशय के प्रस्ताव को अनुमोदन कर दिया है।
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ओबीसी क्रीमी लेयर के लिए आठ लाख रुपए प्रतिवर्ष की आय सीमा अब सरकारी कंपनियों और वित्तीय संस्थानों पर भी लागू होगी। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि यह फैसला लगभग 24 वर्ष से लंबित था और सरकार ने इसे लागू करने का निर्णय किया है।
उच्चतम न्यायालय ने 1992 में सरकार को इससे संबंधित निर्देश जारी किए थे। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले सप्ताह क्रीमी लेयर की सीमा छह लाख रुपए से बढाकर आठ लाख रुपए की दी थी। उन्हाेंने बताया कि क्रीमी लेयर की सीमा तय करने का आधार महंगाई को बनाया जाता है।
जेटली ने कहा कि क्रीमी लेयर के लिए सालाना आदमनी और सामाजिक स्थिति को आधार बनाया जाता है। समूह ‘ए’ और समूह ‘बी’ के कर्मचारी क्रीमी लेयर के दायरे आते हैं।
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नयी व्यवस्था के अनुसार सार्वजनिक उपक्रमों और वित्तीय संस्थानों में समूह ‘ए’ और समूह ‘बी’ के समान पदों पर क्रीमी लेयर सीमा लागू होगी। इस अवसर पर मौजूद केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गेहलोत ने कहा कि इससे आरक्षण का लाभ उन लोगों तक पहुंचेगा जो अभी तक इससे वंचित रहे हैं।
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