धार्मिक स्वतंत्रता, कोर्ट और उत्तर प्रदेश
#tosnews
दुनिया में सभी धर्म यही शिक्षा देते हैं कि हमे आपस में भाईचारा कायम रखते हुए दूसरों के हितों व तकलीफों का ध्यान रख कर अपने धार्मिक अनुष्ठान व रीति रिवाज का निर्वहन करना चाहिए। कोई ऐसा धर्म भी नहीं है जिसकी आजादी का हक दूसरे धर्म के लोगों को नुकसान पहुंचता हो या फिर उनके दैनिक जीवन में बाधा पैदा करता हो। समय-समय पर धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर उठे मसलों को समाज के लोगों, कोर्ट और हमारी संसद ने बहुत समझदारी व धर्म ग्रंथों का हवाला देकर सुलझाया भी है। #tosnews
शायद यही वजह है कि भारत की अनेकता में एकता को आज भी मिसाल के तौर पर देखा जाता है।
हाल में ही धार्मिक स्वतंत्रता के नाम पर आम जन को होने वाली समस्याओं के दो मामले सामने आए हैं, जिनको लेकर प्रदेश के साथ पूरे देश में बहस छिड़ गई। #tosnews
पहला है मस्जिदों में अजान के लिए लाउडस्पीकर और दूसरा सड़क किराने और रास्तों के बीच बने धार्मिक स्थलों का। पहले बात करते हैं लाउडस्पीकर की। #tosnews
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने प्रयागराज के डीएम को पत्र लिख कर शिकायत की कि उनके घर के पास स्थित मस्जिद में रोज सुबह पांच बजे अजान होती है। इस दौरान लाउडस्पीकर से गूंजने वाली आवास से उनकी नींद में खलल पड़ती है। मुद्दा उछला तो विरोध और समर्थन के साथ राजनीति का दौर भी शुरू हो गया। #tosnews
वहीं उस मस्जिद की इंतजामिया में समस्या को जायज मानते हुए पुलिस के कहने पर दो लाउडस्पीकर उतार दिए और अन्य की आवाज धीमी कर विवाद को रोकने और सौहार्द कायम रखने का सराहनीय प्रयास किया। वहीं, आईजी रेंज प्रयागराज केपी सिंह ने हंगामा बढ़ता देख चार जिलों में प्रदूषण ऐक्ट व हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का सख्ती से पालन कराने को कहा। इसके तहत रात 10 से सुबह 6 बजे तक पूरी तरह लाउडस्पीकर बजाने या अन्य किसी पब्लिक अडेस सिस्टम के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी। #tosnews
गौरतलब है इलहाबाद हाईकोर्ट ने इसी मुद्दे पर कहा था कि कोई भी धर्म ये आदेश या उपदेश नहीं देता है कि ध्वनि यंत्र्ाों के जरिए प्रार्थना की जाए। यदि ऐसी कोई परंपरा है तो उससे दूसरों के अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए, न किसी को परेशान किया जाना चाहिए। #tosnews
कोर्ट ने अपने फैसले में कबीर के दोहे – कांकर पाथर जोरि कै मस्जिद लई बनाय, ता चढि मुल्ला बंग दे क्या बहरा हुआ खुदाय- का उल्लेख भी किया था। #tosnews
खैर मामला यहीं शांत हो जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। कुछ धर्मगुरु और राजनेता एक-दूसरे के धार्मों के अनुष्ठानों में लाउडस्पीकों के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग करने लगे। यह समस्या तो जायज है। चाहे वह अजान हो या फिर कीर्तन या अखंड रामायण। सोचने वाली बात है कि इस मुद्दे पर कानून होने के बाद अभी समस्या बरकारा है। जाहिर है कि इसका पालन करने वाले अपनी जिम्मेदारी का सही से निर्वहन नहीं कर रहे हैं। यदि ऐसा हुआ होता तो शायद यह हंगामा नहीं खड़ा हुआ होता। #tosnews
अब बात करते हैं दूसरे धार्मिक मुद्दे की जो आम लोगों के लिए निश्चित रूप से बड़ी समस्या है। यह मुद्दा रास्तों पर अवैध रूप से बने धार्मिक स्थलों का है, जिस पर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सराकर ने हाईकोर्ट के आदेश पर बड़ा निर्णय लिया है। इसके तहत रास्तों पर बने धार्मिक स्थलों को हटाने जैसी कार्रवाई आदेश दिया गया। निश्चित ही यह एक सराहनीय और आम जन को राहत प्रदान करने वाला कदम है। इसके तहत योगी सराकर ने आदेश दिया है कि जनवरी 2011 के बाद रस्तों पर या सड़क किनारे बने धार्मिक स्थल को तत्काल हाटया जाए। जबकि इसके पहले के ऐसे निर्माणों को कहीं और स्थानांतरित करने को कहा गया है। यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि कोई धार्मिक आयोजन सड़कों, गलियों, फुटपाथों या लेन आदि पर न हों जिससे कि आवागमन प्रभावित हो। #tosnews
यही नहीं सरकार की इस मु्द्दे पर कदर गंभीर है कि सार्वजनिक जगह पर धार्मिक स्थल बनाने पर तीन साल तक की सजा वाला कानून लाने की तैयारी है। इसका मसौदा राज्य विधि आयोग ने मुख्यमंत्री को सौंपा दिया है। इसमें सजा के साथ जुर्माने का भी प्रावधान है। इस तरह का कानून पहले से ही एमपी, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश बिहार आदि प्रदेश में है। जिसमें छह माह से लेकर पांच साल तक की सजा का प्रावधान है।
अब बात यह उठती है कि धर्म से जुड़े ऐसे मुद्दे उठते ही क्यों है। शासन, प्रशासन, कोर्ट के साथ कुछ नैतिक जिम्मेदारी हमारी भी बनती है कि ऐसे हम अपनी धार्मिक स्वतंत्रता के नाम पर कुछ भी ऐसा न करें कि जिससे दूसरे की जीने की आजादी प्रभावित हो। इसी से हमारे समाज में सौहार्द बना रहेगा और एक स्वस्थ समाजा की परिकल्पता साकार होगी। नहीं तो ऐसे मुद्दे को भुनाने की ताक में कुछ लोग हमेशा से रहे हैं और आगे भी रहेंगे। #tosnews
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features