बड़ी खबर: मुलायम ने बुलाई लोहिया ट्रस्ट की बैठक, ले सकते हैं बड़ा सियासी फैसला...

बड़ी खबर: मुलायम ने बुलाई लोहिया ट्रस्ट की बैठक, ले सकते हैं बड़ा सियासी फैसला…

सपा में एक बार फिर उठापटक के संकेत हैं। सपा के प्रदेश सम्मेलन से दो दिन पहले मुलायम सिंह यादव ने 21 सितंबर को लोहिया ट्रस्ट की बैठक बुला ली है। सपा में हाशिये पर चल रहे मुलायम कोई राजनीतिक फैसला भी ले सकते हैं। शिवपाल सिंह यादव मैनपुरी में इसका संकेत दे चुके हैं।बड़ी खबर: मुलायम ने बुलाई लोहिया ट्रस्ट की बैठक, ले सकते हैं बड़ा सियासी फैसला...
सपा का प्रदेश सम्मेलन 23 सितंबर को लखनऊ और राष्ट्रीय अधिवेशन 5 अक्तूबर को आगरा में होगा। सपा की स्थापना के बाद से यह पहला मौका है जब सपा के सम्मेलनों में मुलायम सिंह की कोई भूमिका नहीं है। वह पार्टी में हाशिये पर हैं। उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने की शिवपाल सिंह की मांग पर भी कोई रेसपोंस नहीं मिला है।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से तीन दिन पहले इस बाबत सवाल किया गया तो उन्होंने टाल दिया। सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में 5 अक्तूबर को उन्हें दूसरी बार सपा अध्यक्ष चुन लिया जाएगा। ऐसे में सपा में मुलायम व शिवपाल के लिए कोई जगह नहीं रहेगी।

सपा के सम्मेलन भी एक दिवसीय हैं। मुलायम के नजदीकी लोगों का कहना है कि एक दिन में पार्टी की राजनीतिक लाइन, आर्थिक व राजनीतिक प्रस्तावों पर चर्चा नहीं हो पाएगी। वे सम्मेलन को वैचारिक विमर्श के प्लेटफार्म के बजाय अध्यक्ष के चुनाव का जरिया बता रहे हैं।

सपा के प्रदेश सम्मेलन से दो दिन पहले मुलायम सिंह ने लोहिया ट्रस्ट की बैठक बुलाई है। यूं तो ट्रस्ट की बैठक में रूटीन के मसलों पर चर्चा होती है लेकिन माना जा रहा है कि मुलायम सिंह इस बैठक में कोई अहम राजनीतिक फैसला कर सकते हैं।

शिवपाल के बयान के बाद लगाए जा रहे हैं कयास
हाल ही में मैनपुरी में शिवपाल ने कहा है कि नेताजी का अपमान अब बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। शीघ्र ही कोई फैसला किया जाएगा। हो सकता है, यह फैसला लोहिया ट्रस्ट में कर लिया जाए। एक विकल्प सेकुलर फ्रंट के गठन का भी हो सकता है।

इसके बैनर तले मुलायम सिंह के लोग अपनी सक्रियता बरकरार रख सकते हैं। मुलायम पहले ही लोकसभा चुनाव से पहले गठबंधन का विरोध कर चुके हैं जबकि अखिलेश गठबंधन की तरफ बढ़ रहे हैं। राष्ट्रपति के चुनाव समेत कई मौकों पर उनकी राय अलग-अलग रही है। इसलिए भी माना जा रहा है कि अब पिता-पुत्र के राजनीतिक रास्ते भी अलग-अलग होंगे।

ट्रस्ट में मुलायम के नजदीकियों का बहुमत
लोहिया ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी मुलायम सिंह और ट्रस्टी सचिव रामगोपाल यादव हैं। इसके अलावा 11 ट्रस्टी हैं। इनमें अखिलेश यादव और बलराम यादव भी हैं। अन्य ट्रस्टी शिवपाल सिंह यादव, आजम खां, भगवती सिंह, दीपक मिश्रा, जगपाल सिंह, रामसेवक यादव, रामनरेश यादव और राजेश यादव हैं।

ये सभी मुलायम के नजदीकी माने जाते हैं। ट्रस्ट की पिछली बैठक में अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव नहीं आए थे। इस बार भी उनके आने की संभावना नहीं है।

 
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