खीरी संसदीय सीट से दो बार सांसद रहे कद्दावर नेता रवि प्रकाश वर्मा ने शुक्रवार को सपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। सपा प्रमुख अखिलेश यादव को भेजे अपने इस्तीफे में उन्होंने लिखा कि खीरी में पार्टी के आंतरिक गतिविधियों के कारण मैं काम कर पाने में असमर्थ हूं, इसलिए सपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं।
लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी (सपा) को बड़ा झटका लगा है। कद्दावर नेता रवि प्रकाश वर्मा ने शुक्रवार को सपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपने इस्तीफा देने का कारण लखीमपुर खीरी में सपा की आंतरिक गतिविधियों को बताया। चर्चा है कि रवि वर्मा अब कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। उधर, कांग्रेस प्रदेश कमेटी ने उनको पार्टी में शामिल कराने की तैयारियां पूरी कर ली हैं।
कौन हैं रवि प्रकाश वर्मा
लखीमपुर खीरी के गोला निवासी रवि प्रकाश वर्मा खीरी संसदीय सीट से दो बार सांसद और एक बार राज्यसभा सांसद रह चुके हैं। वह इसी साल जनवरी महीने में सपा के तीसरी बार राष्ट्रीय महासचिव बने थे। लेकिन, कुछ ही महीनों बाद उनकी सपा से अनबन सामने आ गई थी, तभी से इस बात के कयास लगाए जाने लगे थे कि रवि वर्मा लोकसभा चुनाव से पहले सपा का साथ छोड़ सकते हैं।
रवि प्रकाश वर्मा के पिता बाल गोविंद वर्मा वर्ष 1962 से 1971 और फिर 1980 में सांसद चुने गए थे। कुछ दिन बाद उनका निधन हो गया तो उपचुनाव हुआ, जिसमें रवि प्रकाश की माता उषा वर्मा सांसद चुनी गईं। इसके बाद वह वर्ष 1984 से 1989 तक सांसद रहीं। रवि प्रकाश वर्ष 1998 से 2004 तक सपा से सांसद रहे। इसके बाद 2014 से 2020 तक राज्यसभा सदस्य रहे।