पिछले हफ्ते विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली के चलते भारतीय शेयर बाजार में लगातार गिरावट देखी गई है। इस हफ्ते भी बाजार में उतार-चढ़ाव बरकरार रहने की संभावना है। आइए जानते हैं कि इस हफ्ते किन फैक्टर से बाजार की चाल पर असर पड़ सकता है।
कंपनियों के तिमाही नतीजे
भारतीय कंपनियां लगातार अपने तिमाही नतीजे जारी कर रही हैं। यह सिलसिला इस हफ्ते भी बरकरार रहेगा। प्रमुख कंपनियों की बात करें, तो डीएलएफ, जोमैटो, भारती एयरटेल और महिंद्रा एंड महिंद्रा तिमाही नतीजे आने वाले हैं। इन कंपनियों के नतीजों के आधार पर ही निवेशक अपने पोर्टफोलियो की रुपरेखा तय करेंगे कि किन शेयरों को रखना है और किन्हें बेचकर निकलना है।
भारत के महंगाई आंकड़े
इस हफ्ते के दौरान भारत के साथ अमेरिका से भी कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित इंफ्लेशन डेटा आएंगे। साथ ही, जापान के जीडीपी आंकड़ों और अमेरिका के फेडरल रिजर्व के बयानों पर भी नजर रहेगी। शुक्रवार को चीन से मेटल से जुड़ा पॉजिटिव डेटा आने के बाद हिंदुस्तान जिंक के शेयरों में भारी उछाल दिखा था। ऐसे में ये फैक्टर भी शेयर बाजार के लिए काफी अहम होंगे।
चुनावी हलचल पर नजर
भारत में हो रहे लोकसभा चुनाव के चलते भी शेयर बाजार में अस्थिरता दिख रही है। यही वजह है कि विदेशी निवेशकों ने बिकवाली भी तेज कर दी है। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने का कहना है कि लोकसभा चुनाव से जुड़ी अनिश्चितताओं के चलते घरेलू बाजार में मौजूदा रुझान फिलहाल जारी रहने की संभावना है। निवेशक अतिरिक्त सावधानी बरत सकते हैं।
इन फैक्टर्स के अलावा कच्चे तेल का दाम और रुपया-डॉलर का रुख भी बाजार की दिशा तय करेगा। साथ ही, निवेशकों की नजर भूराजनीतिक गतिविधियों पर भी बनी रहेगी। पिछले हफ्ते बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,213.68 अंक यानी 1.64 प्रतिशत के नुकसान में रहा। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में भी 420.65 अंकों यानी 1.87 प्रतिशत की गिरावट आई।
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