राजस्थान में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्दे नजर कांग्रेस और बसपा के गठबंधन की अटकलें तेज हो रही थी. एक इन खबरों को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा है कि राजस्थान में कांग्रेस खुद के दम पर चुनाव जीतने के काबिल है. आपको बता दें, इस साल के अंत यानी दिसम्बर में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने वाले है. इन चुनाव से पहले बसपा और कांग्रेस के गठबंधन की खबरें मिल रही थी. इन खबरों का खंडन करते हुए पायलट ने कहा है कि "कांग्रेस राजस्थान में काफी मजबूत स्थिति में है. ऐसे में किसी भी पार्टी से गठबंधन करने की कोई जरूरत नहीं है." राज्य के पूर्व सीएम और पार्टी के कद्दावर नेता अशोक गहलोत को राष्ट्रीय महासचिव प्रभारी बनाए जाने के बाद इसकी उम्मीद थी कि पार्टी के अभियान में सचिन पायलट को पीछे से बैकअप देंगे. लेकिन, कई मामलों में गहलोत सचिन पायलट पर भारी पड़ रहे हैं. राज्य की सियासत में उनकी मजबूत पकड़ है. ऐसे में कांग्रेस में इस बात की कोशिश रहेगी कि इस विवाद को जल्द ही खत्म कर लिया जाएगा.

अकेले जीतेंगे चुनाव बसपा की जरूरत नहीं: सचिन पायलट

राजस्थान में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्दे नजर कांग्रेस और बसपा के गठबंधन की अटकलें तेज हो रही थी. एक इन खबरों को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा है कि राजस्थान में कांग्रेस खुद के दम पर चुनाव जीतने के काबिल है. राजस्थान में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्दे नजर कांग्रेस और बसपा के गठबंधन की अटकलें तेज हो रही थी. एक इन खबरों को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा है कि राजस्थान में कांग्रेस खुद के दम पर चुनाव जीतने के काबिल है.   आपको बता दें, इस साल के अंत यानी दिसम्बर में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने वाले है. इन चुनाव से पहले बसपा और कांग्रेस के गठबंधन की खबरें मिल रही थी. इन खबरों का खंडन करते हुए पायलट ने कहा है कि "कांग्रेस राजस्थान में काफी मजबूत स्थिति में है. ऐसे में किसी भी पार्टी से गठबंधन करने की कोई जरूरत नहीं है."  राज्य के पूर्व सीएम और पार्टी के कद्दावर नेता अशोक गहलोत को राष्ट्रीय महासचिव प्रभारी बनाए जाने के बाद इसकी उम्मीद थी कि पार्टी के अभियान में सचिन पायलट को पीछे से बैकअप देंगे. लेकिन, कई मामलों में गहलोत सचिन पायलट पर भारी पड़ रहे हैं. राज्य की सियासत में उनकी मजबूत पकड़ है. ऐसे में कांग्रेस में इस बात की कोशिश रहेगी कि इस विवाद को जल्द ही खत्म कर लिया जाएगा.

आपको बता दें, इस साल के अंत यानी दिसम्बर में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने वाले है. इन चुनाव से पहले बसपा और कांग्रेस के गठबंधन की खबरें मिल रही थी. इन खबरों का खंडन करते हुए पायलट ने कहा है कि “कांग्रेस राजस्थान में काफी मजबूत स्थिति में है. ऐसे में किसी भी पार्टी से गठबंधन करने की कोई जरूरत नहीं है.”

राज्य के पूर्व सीएम और पार्टी के कद्दावर नेता अशोक गहलोत को राष्ट्रीय महासचिव प्रभारी बनाए जाने के बाद इसकी उम्मीद थी कि पार्टी के अभियान में सचिन पायलट को पीछे से बैकअप देंगे. लेकिन, कई मामलों में गहलोत सचिन पायलट पर भारी पड़ रहे हैं. राज्य की सियासत में उनकी मजबूत पकड़ है. ऐसे में कांग्रेस में इस बात की कोशिश रहेगी कि इस विवाद को जल्द ही खत्म कर लिया जाएगा. 

 
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