अगर आपने भी पक्षियों को किया हैं पिंजरों में कैद, तो मिल सकते हैं ये सकेंत

अगर आपने भी पक्षियों को किया हैं पिंजरों में कैद, तो मिल सकते हैं ये सकेंत

कई लोगों को पक्षी पालना बेहद ही पसंद होता है। ऐसे लोग अक्सर अपने घर में चिड़ियां, कबूतर या तोते पाल लेते हैं। मगर वास्तुशास्त्र में पक्षियों को घर में पालने से मना किया गया है। वास्तुशास्त्र के मुताबिक, घर में पक्षियों को पिंजरे में कैद नहीं करना चाहिए। इससे आपके परिवार के लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है, साथ ही घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह हो सकता है।अगर आपने भी पक्षियों को किया हैं पिंजरों में कैद, तो मिल सकते हैं ये सकेंत 2 दिसंबर 2017 शनिवार का राशिफल: आज इन राशियों पर अपनी कृपा करेंगे शनिदेव….

शास्त्रों के अनुसार, संसार के कण-कण पर नवग्रहों का आधिपत्य है। पशु-पक्षियों एवं जीव-जंतुओं पर भी नवग्रहों का प्रभाव होता है। पक्षी हमेशा खुले आकाश से ही प्रेम करते है। यदि उन्हें पिंजरे में बंद कर दिया जाए, तो पिंजरा उनके लिए जेल के समान हो जाता है। हिंदू धर्मशास्त्रों में पक्षियों को दाना खिलाना बहुत ही पुण्य का काम माना गया है। पक्षियों को सुख-समृद्धि और सफलता का सूचक माना जाता है। यदि इन्हें पिंजरे में कैद कर दिया जाए, तो ये घर में स्थिरता और आर्थिक हानि का कारण बन सकते हैं।

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, सभी जीव-जंतु और पशु-पक्षी ईश्वरीय पंचतत्वों से बने हुए हैं। सभी जीवों में ये तत्व अलग- अलग प्रतिशत में विद्यमान होते हैं। जैसे- हिंसक पशुओं में अग्नि तत्व सबसे ज्यादा होता है। इस प्रकार कमल जैसे कुछ जलीय पौधों और जीव-जंतुओं में जल तत्व की प्रधानता होती है। इसी तरह धरती पर विचरण करने वाले जीव-जंतु पृथ्वी तत्व को संबोधित करते हैं। पेड़ों पर रहने वाले पशु-पक्षियों में वायु तत्व की प्रधानता होती है। इसी श्रंखला में आकाश में उड़ने वाले जितने भी पक्षी हैं, वे आकाश तत्व का प्रतिनिधित्व करते हैं।

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, तोता बुध ग्रह का प्रतीक होता है। यदि हम तोतों को कैद करते हैं, तो इससे हमारा बुध ग्रह निर्बल हो जाता है। साथ ही हमारे निर्णय लेने की क्षमता क्षीण हो जाती है। उपाय के तौर पर, ऐसे लोगों को बुधवार के दिन कैद पक्षी मुक्त कराने की सलाह दी जाती है। यदि ऐसेे लोग उस पक्षी को ऐसी जगह मुक्त कराते हैं, जहां से उसे पकड़ने की संभावनाएं शून्य होती हैं, तो इससे उन व्यक्तियों के बुध, बृहस्पति दोनों ग्रह बलवान हो जाते हैं और व्यक्ति को कार्य में सफलता मिलती है।

व्यक्ति की कुंडली का द्वादश भाव अर्थात बारहवां घर आकाश को संबोधित करता है। कुंडली में इस बारहवें भाव से व्यक्ति के घर की छत, व्यक्ति का शयन कक्ष और बीमारियां हेतु व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती करना देखा जाता है। लाल किताब सिद्धांत के मुताबिक, कुंडली का बारहवां घर केतु का माना गया है। इसी क्रम में सभी पक्षी मूलतः मोक्षकारक ग्रह केतु द्वारा शासित हैं। केतु ग्रह से व्यक्ति के वंश का भी उल्लेख किया जाता है। अर्थात बच्चों का स्वास्थ्य, बच्चों की संख्या, संतान प्राप्ति में केतु द्वारा गतिरोध संचालित होते हैं। इसलिए यदि हम पक्षियों को कैद करते हैं, तो हमारी कुंडली का बारहवां भाव बिगड़ जाता है। 

ज्योतिषाचार्य प्रमोद कुमार अग्रवाल बताते हैं कि शास्त्रों में आकाश तत्व को मोक्ष का मार्ग कहा गया है।  पक्षियों का हमारी कुंडली पर भी प्रभाव रहता है। पिंजरे में बंद पक्षी अपशकुन का प्रतीक होते हैं। वास्तुशास्त्र के मुताबिक, पक्षियों को पिंजरे में रखना विभिन्न प्रकार की परेशानियों को दावत देना है। अतः पक्षियों को पिंजरे में बंद करके कभी नहीं पालना चाहिए।

उनकी जगह आकाश में है, उन्हें प्राकृतिक रूप से विचरण करने दें। बालकनी, छत या खुले स्थान पर दाना-पानी रखकर उनकी सेवा करें, जिससे आपको जीवन में धन, सुख,  भाग्य और मोक्ष की प्राप्ति हो सके। हिंदू संस्कृति में प्रत्येक जीवित प्राणी जीव कहलाता है। जीव को बृहस्पति ग्रह का प्रतीक माना गया है। जब हम किसी पक्षी को पिंजरे में कैद करते हैं, तो हमारा बृहस्पति निर्बल हो जाता है, क्योंकि देवगुरु बृहस्पति का तत्व आकाश तत्व होता है। चूंकि पक्षियों को आकाश बहुत प्यारा होता है और वे आकाश में ही उड़ते रहना चाहते हैं। इससे उन्हें आकाश तत्व की प्राप्ति होती है।

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