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लखनऊ. उत्तर प्रदेश के आबकारी आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के 15 दिसम्बर, 2016 के आदेश के अन्तर्गत राष्ट्रीय/राज्य राजमार्गों से 500 मीटर की दूरी तक स्थित प्रदेश की मदिरा दुकानों को 01 अप्रैल, 2017 से बन्द कर दिया गया है। इनमें से जिन दुकानों के अनुज्ञापन वर्ष 2017-18 के लिए सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की तिथि 15 दिसम्बर, 2016 से पूर्व नवीनीकृत कर दिए गए हैं, को वैकल्पिक स्थानों पर स्थानान्तरित करने की अनुमति दी गई है।

उत्तर प्रदेश के आबकारी आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण

कुमार नारायण ने कहा कि मुख्य सचिव द्वारा 03 अप्रैल, 2017 को रेडियोग्राम संदेश के द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि दुकानों के विस्थापन हेतु चयनित स्थलों को पूजा स्थल, शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों और बस्तियों आदि से 500 मीटर दूर रखा जाए। यह आदेश केवल उन्हीं दुकानों के सम्बन्ध में लागू होंगे, जो सर्वोच्च न्यायालय के उपर्युक्त आदेश के अन्तर्गत विस्थापित होकर वैकल्पिक स्थानों पर खोली जा रही हैं। 

जिला प्रशासन के स्तर पर रखें अपना पक्ष 

मुख्य सचिव द्वारा यह भी निर्देश दिए गए हैं कि स्थल का परीक्षण राजस्व पुलिस एवं आबकारी विभाग के अधिकारियों की गठित संयुक्त टीम द्वारा किए जाने के पश्चात ही दुकानों का स्थानान्तरण कराया जाए। स्थानान्तरित दुकानों के स्थल के सम्बन्ध में यदि किसी व्यक्ति, सामाजिक संगठन इत्यादि को कोई आपत्ति हो तो सम्बन्धित जिला प्रशासन के स्तर पर अपना पक्ष रख सकते हैं, जिस पर जिलाधिकारी के स्तर से विचारोपरान्त समुचित निर्णय लिया जाएगा। इस सम्बन्ध में व्यक्तियों और सामाजिक संगठनों द्वारा प्रत्यावेदन प्राप्त होने पर जिलाधिकारी द्वारा आबकारी आयुक्त व शासन को विचारार्थ संदर्भित किया जाएगा।

सार्वजनिक पूजा स्थल, विद्यालय, अस्पताल व आवासीय कालोनी, जो नियमावली में परिभाषित हैं, से उपर्युक्त 500 मीटर की दूरी मा0 सर्वोच्च न्यायालय के 15 दिसम्बर, 2016 के आदेश के क्रम में विस्थापित दुकानों के संदर्भ में ही हैं। पहले से स्थापित दुकानों के सम्बन्ध में उपर्युक्त दूरी के मानक पूर्ववत हैं।

 

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