अगर आपके बच्चे का स्कूल सड़क किनारे है तो , हो जाएं सावधान!

प्रदूषण को लेकर कई बार कई रिपोर्ट्स और कई सर्वे सामने आते रहते हैं और हवा में घुलते जानलेवा प्रदूषण को लेकर नए नए खुलासे भी होते हैं. लेकिन अगर बात बच्चों की सेहत की हो तो वाकई में चिंता का विषय है. हाल ही में इंडियन कॉउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के जरिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन ने एक सर्वे में बताया की मेन रोड के स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को सांस की बीमारियां होने की संभावना ज्यादा है. कारण साफ है कि मेन रोड की ओर चलता ट्रैफिक और उससे निकलता धुंआं बच्चों के नाजुक फेफड़ों को कमजोर करता जा रहा है.

बच्चों की हाईट कम होने की वजह से बच्चे ज्यादा से ज्यादा प्रदूषण इन्हेल करते हैं मेन रोड पर बने स्कूलों के आसपास सुबह के समय और छुट्टी के समय पर सड़क पर ट्रैफिक तीन गुना बढ़ जाता है. इसी ट्रैफिक की वजह से प्रदूषण भी बढ़ता जाता है, जिसकी वजह से बच्चों को प्रदूषण भरी इसी हवा में सांस लेना पड़ता है. बच्चों की हाईट कम होने की वजह से बच्चे ज्यादा से ज्यादा प्रदूषण इन्हेल करते हैं क्योंकि पार्टिकुलेट मैटर्स जमीन से कम ऊंचाई पर ही रहता है और इसीलिए प्रदूषण के ये कण आसानी से बच्चों के अंदर पहुच जाते हैं. ICMR के सर्वे के मुताबिक भी ऐसे स्कूलों के बच्चों में सांस की बीमारियों की संभावना 15 प्रतिशत ज्यादा होती है.

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सर्वे में ये भी पता चला है कि ऐसे बच्चों को भविष्य में अस्थमा होने के चांस बढ़ जाते हैं और इसके अलावा ऐसे बच्चों में माइक्रो मिनरल्स की भी कमी पाई जाती है. स्कूल में 5 से 8 घंटे बिताने के बाद बच्चे लगातार नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड, हाइड्रो कार्बन, सल्फर ऑक्साइड जैसी जहरीली गैस के संपर्क में रहते हैं. यही वजह है कि आजकल छोटे बच्चो में अस्थमा और सांस संबंधी बीमारियां जल्दी हो जाती हैं.

कुछ स्कूलों में एयर प्यूरीफायर की सुविधा भी है लेकिन सवाल ये है कि बच्चों को सिर्फ इनडोर क्लासेज में ही नही पढ़ना होता है, बच्चों को दूसरी एक्टिविटी के लिए बाहर निकलना ही पड़ता है. अब ऐसे एयर प्यूरीफायर कहां तक बच्चों को दिनभर चलने वाले ट्रैफिक के धुएं से बचाएंगे.

पैरेंट्स की मानें तो बच्चों को स्कूल भेजना जरूरी है और स्कूल मेन रोड पर है तो प्रदूषण तो होता ही है, ऐसे में पैरेंट्स मजबूर हैं और प्रदूषण है कि बढ़ता ही जा रहा है.

कुल मिलाकर हर मर्ज की एक ही दवा है और वो है बढ़ते प्रदूषण को रोकना. दिल्ली समेत तमाम जगहों पर चलते-फिरते मेन रोड के किनारे स्कूल चल रहे हैं और बच्चे रोज सुबह-शाम इस जहरीली हवा में सांस लेकर अपनी आने वाली जिंदगी मे बीमारियों को न्यौता दे रहे हैं.

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