साबुन, शैंपू, कंडीशनर, सीरम आदि हेयर प्रोडक्ट जो आप इस्तेमाल करते हैं, उनमें मौजूद सामग्री को देखें और यह सुनिश्चित करें कि आप जो प्रोडक्ट इस्तेमाल कर रहे हैं, वह आपके बालों के लिए सही है या नहीं? देखें कि वह सोडियम लॉरेल सल्फेट फ्री है या नहीं? इनके स्थान पर आप प्राकृतिक एसएलएस (सोडियम लॉरेल सल्फेट) फ्री, पैराबेन्स फ्री, वेगन साबुन का प्रयोग करें। इस साबुन को आप बाल, चेहरा, हाथ और शरीर धोने के लिए सुरक्षित रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है। सप्ताह में कम-से-कम दो बार भृंगराज तेल से स्कैल्प की मसाज करें। तेल लगाने के बाद जब बालों को साफ करने जा रहे हों, तो साफ करने से पहले रीठा, शिकाकाई और आंवले का मिश्रण लगाएं।
हफ्ते में कम-से-कम एक बार बालों और स्कैल्प की नरिशिंग के लिए ऐसे उत्पादों का इस्तेमाल करें, जिनमें एलोवेरा, आंवला, भूंगराज, तुलसी, नीम, मेथी, ब्राह्मी, गुड़हल आदि हो। इसके अलावा आप बालों में गुड़हल की पत्तियों और फूलों को दही के साथ मिक्स करके लगा सकते हैं। यह बालों को समय से पूर्व सफेद होने से रोकता है, साथ ही बालों को लंबा करता है। पुराने समय में लोग इस नुस्खे को खूब आजमाते थे। विटामिन सी युक्त आहार पर जोर दें। इसकी आपूर्ति के लिए नारंगी, पपीता, कीवी आैर नींबू का सेवन करें। इन फलों में कोलेजन नामक एक आवश्यक प्रोटीन होता है, जो बालों को मुलायम और हेल्दी बनाता है।