अफसर खड़े होकर करें सांसदों, विधायकों का स्वागत: मुख्य सचिव

अफसर खड़े होकर करें सांसदों, विधायकों का स्वागत: मुख्य सचिव

मुख्य सचिव राजीव कुमार ने बुधवार को जनप्रतिनिधियों के प्रोटोकॉल के अनुपालन के लिए अपर मुख्य सचिवों से लेकर डीजीपी और कमिश्नर से लेकर डीएम, एसपी तक के लिए विस्तृत निर्देश जारी किए हैं।अफसर खड़े होकर करें सांसदों, विधायकों का स्वागत: मुख्य सचिव
उन्होंने कहा कि यदि सांसद या विधायक मिलने आते हैं तो अधिकारी खड़े होकर उनका स्वागत करें और विदा भी खड़े होकर करें। सरकारी धन से होने वाले आयोजनों में अधिकारी मुख्य अतिथि न बनें।

मुख्य सचिव ने कहा है कि शासन के संज्ञान में आया है कि लगातार दिशा-निर्देश जारी होने के बावजूद सांसदों और विधानमंडल के सदस्यों के प्रति सामान्य शिष्टाचार, अनुमन्य प्रोटोकॉल और सौजन्य प्रदर्शन का पालन समुचित रूप से नहीं किया जा रहा है।

इस संबंध में शिकायतें भी प्राप्त हो रही हैं। उन्होंने डेढ़ दर्जन शासनादेशों का हवाला देते हुए सांसदों, विधायकों के साथ शिष्टाचार व प्रोटोकॉल के संबंध में निर्देशों की जानकारी दी है।

उन्होंने कहा है कि संशोधित सब्सिडरी वारंट ऑफ प्रिसिडेंट के अनुसार सांसदों व विधायकों को कोटिक्रम 22 और 22-अ में रखा गया है।

राज्य के मुख्य सचिव, राजस्व परिषद के अध्यक्ष, महाधिवक्ता, लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष, सदस्य राजस्व परिषद, अध्यक्ष लोक सेवा अधिकरण, विश्वविद्यालयों के कुलपति, आयुक्त, सचिव, पुलिस महानिरीक्षक, विशेष सचिव, डीएम, एसपी, सीएमओ आदि सभी अधिकारी कोटिक्रम में विधायकों से नीचे हैं।

सुझाव नहीं मान सकते तो विनम्रता के साथ बताएं

राजीव कुमार ने कहा है कि यदि जनप्रतनिधि जनहित से जुड़े कार्यों के लिए अधिकारियों से मिलने आते हैं तो उन्हें यथोचित सम्मान दें। सीट से खड़े होकर उनका स्वागत करें, यथास्थिति जलपान, जल ग्रहण करने का आग्रह करें। यदि अधिकारी उनके सुझाव या अनुरोध को स्वीकार करने की स्थिति में नहीं है तो विनम्रता से साथ उन्हें अवगत कराएं। उन्हें खड़े होकर सम्मानपूर्वक विदा करें।

पत्रों का जवाब दें, फोन सुनें

मुख्य सचिव ने अधिकारियों से अपेक्षा जताई है कि वे जनप्रतिनिधियों के पत्रों की प्राप्ति स्वीकार करें, शीघ्र ही उन्हें कृत कार्यवाही से अवगत कराएं। उनकी टेलीफोन कॉल रिसीव करें। मीटिंग के दौरान कॉल रिसीव करने के लिए अनुपलब्ध हैं तो मीटिंग के बाद प्राथमिकता के आधार पर उन्हें कॉल बैक करें।

शिष्टाचार के उल्लंघन पर अनुशासनात्मक कार्यवाही

राजीव कुमार ने कहा है कि अधिकारी सरकारी कार्यों के उद्घाटन या शिलान्यास कार्यक्रमों, ऋण वितरण, सहायता शिविरों में सामग्री वितरण और अन्य समारोहों में मुख्य अतिथि की हैसियत से भाग नहीं लेंगे। उन्होंने कहा है कि शिष्टाचार संबंधी शासन के निर्देशों राज्य कर्मचारी आचरण नियमावली 1956 के नियम-3 (2) में आता है। शिष्टाचार नियमों के उल्लंघन के मामलों में नियमानुसार अनुशासनिक कार्यवाही की जाएगी।
 
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