अब शुरू होगी जाधव को PAK के नापाक मंसूबों से बचाने की असली लड़ाई

अब शुरू होगी जाधव को PAK के नापाक मंसूबों से बचाने की असली लड़ाई

अंतरराष्ट्रीय अदालत (ICJ) ने पाकिस्तान के दावों को खारिज करते हुए भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगा दी. ICJ में 18 साल बाद फिर से भारत से बुरी तरह हारने के बाद पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. वहीं, ICJ के आदेश के बाद से भारत में खुशी का माहौल है, लेकिन अब सवाल जाधव को पाकिस्तान के चंगुल से छुड़ाकर भारत वापस लाने का है. ICJ के आदेश के बाद अब जाधव को पाकिस्तान के नापाक मंसूबों से बचाने की असली लड़ाई शुरू होगी.अब शुरू होगी जाधव को PAK के नापाक मंसूबों से बचाने की असली लड़ाईयह भी पढ़े: अभी-अभी: कुलभूषण जाधव को मार चुका है पाकिस्तान, मचा…

भारत ने भी जाधव को बचाने की कोशिशें तेज कर दी है. भारत फिर से पाकिस्तान से जाधव से राजनयिक की मुलाकात की इजाजत मांग सकता है. इससे पहले भारत 16 बार राजनयिक मुलाकात कराने की इजाजत मांग चुका है, लेकिन पाकिस्तान ने हर बार ठुकरा दिया. हालांकि ICJ के आदेश के बाद से पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ गया है. ऐसे में अब सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान जाधव से राजनयिक की मुलाकात की अनुमति देगा? 

सबरजीत की जेल में ही कर दी थी हत्या

अगर हम पाकिस्तान के इतिहास पर नजर दौड़ाएं, तो अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करने को लेकर उसका रवैया बेहद खराब रहा है. खासकर भारत को लेकर पाकिस्तान ने सभी ईमानदारी से अंतरराष्ट्रीय कानून को नहीं माना. सबरजीत से लेकर 26/11 मुंबई आतंकी हमले मामले तक में पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय कानूनों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई. पाकिस्तान की जेल में सरबजीत की हत्या कर दी गई, जबकि मुंबई आतंकी हमले पर आज भी पाकिस्तान टालमटोल कर रहा है. सबरजीत मामले में भारतीय जांच एजेंसियों को पाकिस्तान ने अपने यहां आने की इजाजत नहीं दी थी. भारत ने पांच बार पाकिस्तान को मुंबई हमले के डोजियर सौंपे, लेकिन पाकिस्तान आज भी इसके आरोपियों के खिलाफ सख्ती नहीं बरत रहा है.

बेहद बदतर रहा है पाकिस्तान का रिकॉर्ड

अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन को लेकर पाकिस्तान का रिकॉर्ड बेहद बदतर रहा है. अमेरिकी ट्विन टावर यानी 2001 में 9/11 के हमले का मास्टरमाइंड ओबामा बिन लादेन पाकिस्तान में छिपा रहा, लेकिन पाकिस्तान ने किसी भी अमेरिकी एजेंसी को अपने देश में घुसने नहीं दिया. हालांकि बाद में अमेरिकी सुरक्षा बलों ने जबरन घुसकर लादेन को एबटाबाद मे मार गिराया. इसी तरह अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या आतंकवादियों ने 2002 में की, लेकिन डेनियल के अपहरण के बाद से लगातार पाकिस्तान ने कभी अमेरिकी एजेंसी को अपने यहां आने नहीं दिया. इसके अलावा वह पठानकोट आतंकी हमले के आरोपी जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर और मुंबई हमले के मास्टरमाइंड अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद को लेकर भी आनाकानी कर रहा है. ये दोनों आतंकी पाकिस्तान में छिपे बैठे हैं, लेकिन पाकिस्तान इससे इनकार कर रहा है.

…तो इसलिए विदेशी जांच एजेंसियों नहीं देता इजाजत

पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से इतना शर्मिंदा है कि वह अपने यहां किसी दूसरे देश की जांच एजेंसी को आने की इजाजत नहीं देता है. वह घबराता है कि अगर विदेशी एजेंसियां उसके यहां आईं, तो उसके भीतर का सच यानी आतंक, सेना और आईएसआई के गठजोड़ की हकीकत दुनिया के सामने खुलकर आ जाएगी.

पाकिस्तान बोलना नहीं मानेंगे फैसला

कूलभूषण जाधव पर इंटरनेशनल कोर्ट की ओर से रोक लगाने के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया दी है. पाकिस्तान ने कहा है कि भारत को विश्व के सामने बेनकाब करेंगे. भारत ने इस मामले में पाकिस्तान को जिम्मेदारी भरा जवाब नहीं दिया. दूसरी ओर पाकिस्तान डिफेंस की ओर से एक ट्वीट में कहा गया है कि दुनिया की किसी भी अदालत के पास ये न्याय अधिकार नहीं है कि वह एक संप्रभु राष्ट्र की अदालत द्वारा दिए गए फैसले को पलट दे. पाकिस्तान पूरी ताकत से लड़ेगा. पाकिस्तान की ये प्रतिक्रियाएं भी जाधव मामले पर खतरनाक बताई जा रही हैं.

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