अभी-अभी: हनीप्रीत की करीबी 'मौसी' गिरफ्तार, एक लाख रुपये इनाम था घोषित

अभी-अभी: हनीप्रीत की करीबी ‘मौसी’ गिरफ्तार, एक लाख रुपये इनाम था घोषित

रेप केस में राम रहीम को दोषी ठहराए जाने के बाद 25 अगस्त 2017 को पंचकूला सहित देश के कई हिस्सों में हिंसा करने के आरोप में फरार चल रही हनीप्रीत की करीबी गोलो मौसी को गिरफ्तार कर लिया गया है. हरियाणा पुलिस की SIT ने हिंसा भड़काने और भीड़ को उकसाने की आरोपी गोलो मौसी पर एक लाख रुपये का इनाम रखा हुआ था.अभी-अभी: हनीप्रीत की करीबी 'मौसी' गिरफ्तार, एक लाख रुपये इनाम था घोषित

जानकारी के मुताबिक, हनीप्रीत की करीबी गोलो मौसी राजस्थान की रहने वाली हैं. वह डेरे में लंगर व्यवस्था देखती थी. पुलिस ने डेरा संगत को हिंसा के लिए भड़काने का मामला दर्ज किया था. उसके बाद से गोलो मौसी फरार चल रही थी. उसने अपने भांजे गुरदत्त के साथ भड़काऊ भाषण देकर संगत को आगजनी और हिंसा करने के लिए उकसाया था.

इससे पहले उसके भांजे गुरदत्त को गिरफ्तार कर लिया गया था. राम रहीम की खास चेली हनीप्रीत इंसान भी हिंसा भड़काने के मामले में अंबाला जेल में बंद है. उसके खिलाफ 28 अगस्त 2018 को पंजीकृत प्राथमिकी 345 में भारतीय दंड संहिता की धारा 121, 121ए, 216, 145, 150, 151, 152, 153 और 120बी के तहत केस दर्ज है.

हनीप्रीत रेप केस में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दोषी करार दिए जाने के बाद पंचकूला में हिंसा भड़काने और देशद्रोह मामले की आरोपी है. एसआईटी ने कोर्ट में 1200 पन्ने की चार्जशीट दाखिल की है. इसमें हनीप्रीत सहित 15 अन्य को पंचकूला में दंगों और हिंसा की घटना के लिए आरोपी बनाया गया है. हनीप्रीत पर गंभीर आरोप हैं.

चार्जशीट में कुल 67 लोगों को गवाह बनाया गया है. चार्जशीट के तीन पन्नों में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम और 6 सुरक्षाकर्मियों का भी जिक्र किया गया है. इनमें हनीप्रीत की साथी सुखदीप कौर, राकेश कुमार अरोड़ा, सुरेंद्र धीमान इंसा, चमकौर सिंह, दान सिंह, गोविंद राम, प्रदीप गोयल इंसा व खैराती लाल पर कई धाराओं के तहत केस दर्ज है.

बताते चलें कि दो साध्वियों से रेप केस में पिछले साल 25 अगस्त को राम रहीम को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने दोषी करार दिया था. इसके बाद डेरा के भक्तों ने हरियाणा और पंजाब समेत कई देश कई राज्यों में हिंसा शुरू कर दी थी. पंचकूला में गाड़ियां और पेट्रोल पंप जला दिए गए. सरकारी और प्राइवेट दफ्तरों में भी आगजनी की गई थी.

इस हिंसा में करीब 41 लोगों की जान गई, 200 से अधिक लोग घायल हो गए. इसके बाद हनीप्रीत लापता हो गई. पुलिस ने उसे इस हिंसा का मास्टमाइंड बताया. लेकिन करीब 38 दिनों तक उसकी तलाश होती रही और उसका कहीं पता नहीं चला. इसी बीच आज तक न्यूज चैनल के जरिए वह सबसे पहले सबके सामने आई और अपनी बात रखी थी.

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