अभी-अभी: US की खुफिया एजेंसी ने किया बड़ा खुलासा, भारत पर हमले जारी रखेगा पाक

अभी-अभी: US की खुफिया एजेंसी ने किया बड़ा खुलासा, भारत पर हमले जारी रखेगा पाक

वैश्विक पटल पर बेइज्जत होने के बावजूद पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। अमेरिका की खुफिया एजेंसी ने खुलासा किया है कि पाकिस्तान नए तरह के परमाणु हथियारों का विकास कर रहा है। जिसमें छोटी दूरी के खतरनाक हथियार शामिल हैं। अभी-अभी: US की खुफिया एजेंसी ने किया बड़ा खुलासा, भारत पर हमले जारी रखेगा पाक अमेरिका के खुफिया विभाग के प्रमुख ने चेताया है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी समूह लगातार भारत के अंदर हमले कर रहे हैं, इससे दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव बढ़ने का जोखिम है। नेशनल इंटेलिजेंस के निदेशक डेन कोट्स का बयान जम्मू के सुंजवां सैन्य शिविर पर पाक स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के हमले के कुछ दिन बाद आया है। इसमें छह सुरक्षाकर्मियों समेत सात लोगों की मौत हो गई।

डैन कोट्स ने विश्वव्यापी खतरों पर चर्चा के दौरान चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पाकिस्तान छोटी दूरी के रणनीतिक हथियारों समेत नए प्रकार के परमाणु हथियारों का विकास कर रहा है। जिसमें समुद्र और हवा में छोड़ी जाने वाली क्रूज मिसाइलों के साथ-साथ लंबी दूरी के बैलिस्टिक मिसाइल शामिल हैं। 

भारत और पाकिस्तान के तनाव पर चर्चा करते हुए डैन कोट्स ने कहा कि पाकिस्तान के समर्थन वाले आतंकी समूह भारत में हमले जारी रख सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान समर्थित गतिविधियों से दोनों देशों के बीच का तनाव और बढ़ सकता है।

चीन-भारत के भी तनावपूर्ण रिश्ते रहेंगे

सीनेट की प्रवर समिति की सुनवाई के सामने डैन कोट्स ने कहा कि इस्लामाबाद के समर्थित आतंकी समूह भारत और अफगानिस्तान पर हमला करने की योजना बनाने की कोशिश जारी रखेंगे। वह पाकिस्तान को अपना सुरक्षित ठिकाना बनाए रखेंगे। बिना किसी आतंकी संगठन का जिक्र किए उन्होंने कहा कि आने वाले वक्त में भारत और पाकिस्तान का तनाव बढ़ेगा। 

पाकिस्तानी आतंकी समूहों के किसी हमले का हवाला दिए बिना कोट्स ने सीनेटरों से कहा कि उन्हें लगता है कि दोनों एशियाई देशों के बीच तनाव बढ़ने की आशंका है। भारत और पाक के संबंध तनावपूर्ण बने रहेंगे। नियंत्रण रेखा पर हिंसा जारी रहेगी और अगर भारत में कोई बड़ा आतंकी हमला या एलओसी पर हिंसा की बड़ी घटना होती है तो इसके बढ़ने का जोखिम ज्यादा है।

कोट्स के मुताबिक, भारत और चीन के बीच तीन महीने तक चले दोकलम गतिरोध को बातचीत से हल किए जाने के बावजूद दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण बने रहेंगे। उन्होंने कहा, प्रॉपर्टी सेक्टर के ठंडा रहने से चीन की विकास दर में कमी आ सकती है। वहीं कर प्रणाली में बदलाव और नोट बंदी के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में उछाल आने की उम्मीद है।

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