अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमले के पीछे कहीं IS कनेक्शन तो नहीं...

अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमले के पीछे कहीं IS कनेक्शन तो नहीं…

अमरनाथ यात्रियों पर हुए हमले के लिए एजेंसियों और गृह मंत्रालय ने लश्कर-ए तैयबा को जिम्मेदार माना है जबकि लश्कर इसकी जिम्मेदारी नहीं ले रहा है। अलबत्ता लश्कर ने हमले की कड़ी शब्दों में निंदा कर मामले को उलझा दिया है।अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमले के पीछे कहीं IS कनेक्शन तो नहीं...ABP न्यूज़ ने एज़ाज़ रिज़वी कॉलेज ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन को अवार्ड से किया सम्मानित…

हिजबुल मुजाहिदीन के चीफ सलाहुद्दीन के नेतृत्व वाले यूनाइटेड जिहाद काउंसिल ने भी हमले की निंदा की है। लश्कर कमांडर इस्माइल को हमले का मास्टर माइंड माना गया है। दरअसल लश्कर और हिजबुल के कई आतंकी अब आईएस और अल कायदा के सीधे संपर्क में आ गए हैं।

अमरनाथ यात्रियों पर हमले को कश्मीर में आईएस के बढ़ते प्रभाव से जोड़कर देखा जा रहा है। आईएस के झंडे पहले भी कश्मीर में लहराए जाते रहे हैं लेकिन पुलिस अब तक आईएस के आतंकियों की मौजूदगी को नकारती रही है। 

जाकिर मूसा के अलकायदा से जुड़ने की अटकलें

हिजबुल मुजाहिदीन से अलग होकर अपना आतंकी गुट बनाने वाले जाकिर मूसा ने अलगाववादी नेताओं को श्रीनगर के लाल चौक पर मारने की चेतावनी देकर पहली बार इस्लामिक कट्टरता वाले आतंकी संगठनों से निकटता का संकेत दिया था।

अब सुरक्षा एजेंसियां भी मान रहीं हैं कि जाकिर मूसा का अल कायदा से संपर्क जुड़ गया है। वैसे अमरनाथ यात्रियों पर हमले में अल कायदा शामिल नहीं है। इस तरह के हमले आईएस करता रहा है। सूत्रों का कहना है कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद जब घाटी में मौजूद लश्कर आतंकियों को कुछ समय के लिए पाकिस्तान से आर्थिक मदद और हथियार मिलना बंद हो गया तब लश्कर के कुछ आतंकी आईएस विचारधारा वाले लोगों से जुड़े।

आईएस से उन्हें मदद भी मिली। सर्जिकल स्ट्राइक में लश्कर के शिविर तबाह हुए थे। सूत्रों का कहना है कि सुरक्षा एजेंसियां आतंकी इस्माइल के आईएस कनेक्शन को खंगाल रही है।

अल कायदा सामान्य हिंदुओं पर हमले के खिलाफ

अल कायदा की ओर से हाल में भारतीय उपमहाद्वीप के मुजाहिदीन के लिए जारी कोड ऑफ कंडक्ट के दस्तावेज में सामान्य हिंदुओं और पूजा स्थलों को निशाना बनाने से मना किया गया है। अलकायदा ने कट्टर हिंदू संगठनों और इसके नेताओं को निशाना बनाने के निर्देश जारी किए हैं। .

इसमें सेना, सुरक्षा बल और पुलिस को भी निशाना बनाने की बात है। आईएस इस सिद्धांत को नहीं मानता। आईएस और अल कायदा में इस मुद्दे पर मतभेद है। सामान्य हिंदू और पूजा स्थल आईएस के निशाने पर हैं। 

कश्मीर आधारित आतंकी संगठन खुलकर यात्रा का नहीं करते विरोध 
अमरनाथ यात्रा से हजारों कश्मीरियों की रोजीरोटी जुड़ी है। कश्मीरी घोड़े वाले और अन्य कारोबार से अमरनाथ यात्रा से जुड़ते हैं। यही कारण है कि कश्मीर आधारित आतंकी संगठन अमरनाथ यात्रा को सीधे तौर पर निशाना बनाने की बात नहीं करते रहे हैं। इनमें लश्कर-ए -तैयबा भी शामिल है। इस कारण से भी आतंकी इस्माइल के आईएस कनेक्शन की पड़ताल की जा रही है।

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