अमावस्या के दिन 2017 का पहला सूर्य ग्रहण, इन राशियों पर पडेगा खास प्रभाव –

सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है जो सूर्य चंद्र व पृथ्वी की विशेष स्थिति के कारण बनती है। जब चंद्र सूर्य व पृथ्वी के बीच आता है तब सूर्य कुछ देर के लिए अदृश्य हो जाता है। आम भाषा में इस स्थिति को सूर्य ग्रहण कहते हैं। इसमे चंद्र, सूर्य व पृथ्वी एक ही सीध में होते हैं व चंद्र पृथ्वी और सूर्य के बीच होने की वजह से चंद्र की छाया पृथ्वी पर पड़ती है। सूर्य ग्रहण की सदैव अमावस्या के दिन घटित होता है। पूर्ण ग्रहण के समय पृथ्वी पर सूर्य का प्रकाश पूर्णत अवरुद्ध हो जाता है। ग्रहण को धार्मिक दृष्टि से अशुभ माना जाता है। भारतीय ज्योतिष में ग्रहण का बहुत महत्व है क्योंकि उनका सीधा प्रभाव मानव जीवन पर होता है। वर्ष 2017 का पहला वलयाकार सूर्यग्रहण रविवार दिनांक 26.02.17 को घटित होने जा रहा है। अमावस्या के दिन ही 26 फरवरी साल 2017 का पहला सूर्य ग्रहण भी लगेगा। 

भारत के स्थानीय समयानुसार खंडग्रास सूर्य ग्रहण रविवार दिनांक 26.02.17 को शाम 17 बजकर 40 मि॰ पर प्रारंभ होकर रात 22 बजकर 01 मि॰ तक रहेगा। ग्रहण का सूतक रविवार दिनांक 26.02.17 को प्रातः 05 बजकर 40 मि॰ से प्रारंभ हो जाएगा। परंतु रविवार दिनांक 26.02.17 को घटित होने वाला ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा अतः इसका धार्मिक दृष्टिकोण से शुभाशुभ प्रभाव भी मान्य नहीं होगा। परंतु ज्योतिषीय दृष्टिकोण से इसका प्रभाव संपूर्ण विश्व पर पड़ेगा। कुंभ राशि में घटित होने वाले इस ग्रहण से नौकरीपेशा, मजदूरों, जल संसाधन के कार्यों, मीडिया कर्मियों, राजनेताओं को परेशानी होगी। इस ग्रहण से सोने की कीमतों में थोड़ी मंदी के साथ-साथ कच्चे तेल की कीमतों में कमी भी आएगी।
 
  साल 2017 का पहला सूर्यग्रहण इस साल का पहला सूर्यग्रहण 26 फरवरी को पड़ने जा रहा है। इस सूर्यग्रहण को भारत, दक्षिण अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, प्रशांत, अटलांटिक, और हिंद महासागर में देखा जा सकेगा। इंडियन स्टैंडर्ड टाइम के मुताबिक भारत में सूर्यग्रहण 26 फरवरी यानी कि रविवार को शाम 5  बजकर 40 मिनट पर शुरू होगा और रात 10 बजकर 1 मिनट तक चलेगा। लेकिन रात होने की वजह से इसका पूरा नज़ारा देख पाना मुमकिन नहीं होगा। 
 
सूर्यग्रहण एक खगोलीय घटना है, और ये घटना तभी होती है जब चन्द्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरती है। पृथ्वी से देखने पर सूर्य पूर्ण अथवा आंशिक रूप से चन्द्रमा द्वारा ढका हुआ प्रतीत दिखाई देता है। सूर्यग्रहण तीन तरह के होते हैं। पूर्ण सूर्यग्रहण, आंशिक सूर्यग्रहण और वलयाकार सूर्यग्रहण। पूर्ण और आंशिक सूर्यग्रहण का अर्थ नाम से ही स्पष्ट है, अब हम आपको वलयाकार सूर्यग्रहण के बारे में बताते हैं।
 
वलयाकार सूर्यग्रहण वो खगोलीय घटना है जब पृथ्वी का उपग्रह चांद पूथ्वी से काफी दूर रहने के बावजूद पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है। इससे पृथ्वी से सूर्य की जो तस्वीर उभरती है उसमें सूरज का बीच का हिस्सा भी ढका हुआ नज़र आता है। और सूर्य का बाकी हिस्सा प्रकाशित होने की वजह से सूर्य की कंगन या वलय के आकार की तस्वीर उभरती है, इसलिए इसे वलयाकार सूर्यग्रहण कहते हैं। 
 
सूर्यग्रहण से जुड़ी क्या क्या हैं भ्रांतियां-
 
पुरानी मान्यताओं के मुताबिक ग्रहण के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा ग्रहण के बाद स्नान भी ज़रुरी होता है। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान विशेष हिदायत दी जाती है कि वे बाहर ना निकलें ना ही ग्रहण को देखें। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक ग्रहण के दौरान दान करने से पुण्य मिलता है। हालांकि ये सारी चीजें महज मान्यताएं हैं और मॉर्डन साइंस इसे नहीं मानता है। 
 
कब होगा अगला ग्रहण?
 
26 फरवरी के बाद साल 2017 में दो और ग्रहण नजर आएंगे। इसमें एक चन्द्र ग्रहण होगा, तो दूसरा सूर्य ग्रहण। 7-8 अगस्‍त को हमें भारत में आंशिक चन्द्रग्रहण देखने को मिलेगा। इसे यूरोप, अफ्रीका, एशिया और ऑस्‍ट्रेलिया से देखा जा सकेगा। जबकि 21 अगस्‍त को पूर्ण सूर्य ग्रहण लगेगा।
 सूर्य ग्रहण 2017 जानें राशिनुसार क्या पड़ेगा प्रभाव

ग्रहण के कारण पीड़ित सूर्य की दशा व अन्य ग्रहों की स्थिति विभिन्न राशियों को जरूर प्रभावित करेगी। ज्योतिषाचार्य इस बारे में क्या कहते हैं आइये जानते हैं-

मेष – मेष राशि के स्वामी मंगल सूर्य ग्रहण के दिन उच्चस्थ शुक्र के साथ बृहस्पति के घर में विराजमान हैं। यह आपके लिये शुभ फलदायी हो सकता है। आपकी राशि से सूर्य 11वें घर में विचरण कर रहे हैं जो कि लाभ का घर माना जाता है। ग्रहण के कारण इस दिन आप कोई विशेष लेन-देन न ही करें तो बेहतर है क्योंकि ग्रहण आपके लाभक्षेत्र को प्रभावित कर सकता है।

वृषभ – वृषभ राशि का स्वामी शुक्र उच्चस्थ होकर मंगल के साथ बृहस्पति के घर में विराजमान है जो आपके लिये अति लाभकारी कहा जा सकता है। वहीं ग्रहण के दिन सूर्य आपकी राशि से दशम स्थान पर है जो कि आपका कर्मक्षेत्र है। इसलिये आपके लिये सलाह है कि अपने कार्यों में सतर्कता बरतें। यदि आप नया कार्य शुरु करने का विचार कर रहे हैं तो उसमें अपने से बड़ों की सलाह जरूर लें क्योंकि ग्रहण के कारण आपके कार्यों में बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं।

मिथुन – मिथुन राशि का स्वामी बुध कुंभ राशि में सूर्य के साथ ही विचरण कर रहा है जिसे आपका राशि स्वामी भी प्रभावित रहेगा। अपनी वाणी में नियंत्रण रखें। बेवजह किसी से बहस न करें अन्यथा इसका अशुभ प्रभाव आपके जीवन पर पड़ सकता है।

कर्क – कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा कुंभ राशि में सूर्य के साथ विराजमान है जिससे आपकी मानसिक चिंताए बढ़ने के संकेत हैं। आप में उत्साह की कमी भी हो सकती है। आपके राशि स्वामी इस ग्रहण से प्रभावित हैं इसलिये इस दिन शुभ कार्यों को टालना ही आपके लिये बेहतर रहेगा।

सिंह – राशि स्वामी सूर्य स्वयं इस ग्रहण में पीड़ित हैं और आपकी राशि को सपष्ट रूप से देख भी रहे हैं। संभल कर रहें आपके मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा व आत्मसम्मान के लिये यह कुछ अनिष्ट के संकेत कर रहा है। मानसिक व शारीरिक तौर पर कुछ परेशानियों का आपको सामना करना पड़ सकता है। इनका कारण दांपत्य या प्रेमजीवन के कुछ छुट-पुट विवाद भी हो सकते हैं। इस दिन धैर्य से काम लें व जितना हो सके प्रात:काल सूर्य देव की आराधना व मंत्रों का जाप करें।

कन्या – कन्या राशि का स्वामी बुध कुंभ राशि में विराजमान है जो कि अपनी राशि से छठवें घर में विराजमान है। अपने काम में सावधानी रखें कोई गुप्त शत्रु आपके कार्यों में रूकावट बन सकता है। अपनी वाणी में विनम्रता व संयम रखें। विशेषकर व्यावसायिक साझेदार के साथ किसी भी प्रकार की बहसबाजी या वाद-विवाद न करें अन्यथा तल्ख़ियां बढ़ सकती हैं जिसका प्रभाव आपके कार्य जीवन पर पड़ेगा।

तुला – तुला राशि के स्वामी शुक्र अपनी उच्चस्थ राशि मीन में विराजमान हैं जिससे ग्रहण का सीधा प्रभाव आपकी राशि पर नहीं होगा लेकिन आपकी राशि से सूर्य पंचम भाव में ग्रहणित हो रहे हैं जिससे कि मानसिक तनाव बढ़ सकता है विशेषकर विद्यार्थियों के लिये परीक्षा संबंधी तनाव बढ़ने के आसार हैं। साथ ही आपके प्रेमसंबंध भी ग्रहण से प्रभावित हो सकते हैं। अपने साथी से कोई ऐसी बात न कहें जिससे उनकी भावनाएं आहत हों या कोई ऐसा वादा न करें जिस पर आप खरे न उतर सकें।

वृश्चिक – वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल शुक्र के साथ मीन राशि में विराजित है जो कि आपकी राशि से पांचवें घर में है। आपकी राशि से चौथे घर में सूर्य ग्रहण का योग बन रहा है जो कि आपकी सुख-सुविधाओं में कमी लाने वाला हो सकता है। माता के लिये भी यह कष्टदायी हो सकता है। इस दिन यात्रा करने का जोखिम न ही लें तो बेहतर है।

धनु – धनु राशि का स्वामी बृहस्पति कन्या राशि में वक्र चल रहा है। बृहस्पति के वक्र होने के कारण आपके लिये यह समय थोड़ा परेशानियों भरा रहने से आपके लिये अनुकूल नहीं कहा जा सकता, आपकी राशि से तीसरे घर में सूर्य ग्रहण लगेगा जिससे भाई-बहनों से विवाद हो सकता है। आपकी इच्छाशक्ति जवाब दे सकती है। सूझ-बूझ वाले निर्णय लें।

मकर – मकर के राशि स्वामी शनि धनु राशि में विराजमान हैं आपकी राशि से दूसरे घर में सूर्य ग्रहण योग बन रहा है। दूसरा घर आपका धन संपदा का घर है। अपने धन का उपयोग देखभाल कर करें। अचानक से आपके खर्चों में बढ़ोतरी होने की भी आशंका है। किसी भी जोखिम वाले क्षेत्र में पैसा न लगायें खासकर लॉटरी, जुआ आदि में धन न लगायें। इससे हानि हो सकती है।

कुंभ – कुंभ राशि के स्वामी शिनि धनु राशि में विराजमान हैं जो कि आपकी राशि से दसवां है जिसे हम लाभ पद मानते हैं किंतु वर्तमान स्थिति में आपकी राशि पर ही सूर्य ग्रहण योग बना हुआ है जोकि आपके लिये शुभ नहीं कहा जा सकता। इस समय आपका मानसिक और शारीरिक कष्ट बढ़ सकता है। तनाव को कम करने व नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिये भगवान शिव शंकर का मंत्र जाप करें।

मीन – मीन राशि का स्वामी बृहस्पति कन्या राशि में विराजमान है जोकि आपकी राशि से सातवां है और सपष्ट रूप से देख रहा है। किसी प्रकार का बड़ा नुक्सान तो आपको नहीं होगा। आपकी राशि से 12वां सूर्यग्रहण दोष बन रहा है। जिससे आपके खर्चों में अचानक बढोतरी हो सकती है इसलिये बेहतर रहेगा कि धन संबंधी फैसले सोच समझ कर ही लें। 

 

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