अमेरिका ने खोली कांग्रेस की ये बड़ी पोल, अमेरिका से आई इस रिपोर्ट ने किया सारे कांग्रेस नेता को परेशान…

पूरे देश में एक वक़्त पर राज करने वाली कांग्रेस ने देश के साथ कई धोखे किये l कांग्रेस राज में कई घोटाले हुए और इन घोटालों का परिणाम भारत आज भी भुगत रहा है l अब अमेरिका ने कांग्रेस के बारे में एक ऐसी रिपोर्ट दी है, जो आपको चौंका सकती है l अमेरिका से आई इस रिपोर्ट से ये पता चल जाता है कि कांग्रेस ने देश के साथ उस वक़्त बड़ा घोटाला किया और देश की सुरक्षा तक को अपने फायदे के लिए ताक पर रख दिया गया l

अमेरिका ने खोली कांग्रेस की ये बड़ी पोल, अमेरिका से आई इस रिपोर्ट ने किया सारे कांग्रेस नेता को परेशान...

कांग्रेस को भारतीय राजनीति में सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी होने का दर्जा हासिल है, लेकिन अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए की अब एक ऐसी रोंगटे खड़े कर देने वाली रिपोर्ट सामने आयी है जिससे कांग्रेस को देश की सबसे भ्रष्ट, चोर और ठग पार्टी होने का दर्जा भी हासिल हो गया है l सीआईए की इस रिपोर्ट ने गांधी परिवार की असलियत खोल कर रख दी है l

कांग्रेस के काल में राजीव गांधी का बोफोर्स घोटाला देश के सबसे प्रमुख घोटालों में से एक था और अब अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए ने इससे जुडी अपनी एक रिपोर्ट को गुप्त सूची से हटा दिया है l इस रिपोर्ट से कांग्रेस का असली चेहरा देश क्या पूरी दुनिया के सामने आ गया है l इस रिपोर्ट के मुताबिक़ ना केवल राजीव गांधी इस घोटाले में शामिल थे बल्कि उन्ही के कहने पर स्वीडन ने उस वक़्त बोफोर्स मामले की जांच बीच में ही बंद कर दी थी, जिसके कारण राजीव गाँधी सजा से बच गए और ऐसा स्वीडन ने राजीव गांधी को बचाने के लिए किया था l

रिपोर्ट के मुताबिक़ 1988 में राजीव गांधी स्टॉकहोम की यात्रा पर गए जिसके फ़ौरन बाद ही बोफोर्स घोटाले की जांच को बंद कर दिया था l गौरतलब है कि बोफोर्स स्वीडन की हथियार बनाने वाली कंपनी थी l  बोफोर्स ने भारत में अपनी तोपों को बेचने के लिए तत्कालीन प्रधानमन्त्री राजीव गांधी व् कई लोगों को रिश्वत दी थी, लेकिन स्वीडन ने इस घोटाले की जांच इसलिए बंद कर दी थी ताकि रिश्वत लेने वाले अधिकारियों के नाम सामने न आने पाएं और साथ ही भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी को शर्मिंदगी से बचाया जा सके l

इस रिपोर्ट के खुलने से पूरी दुनिया में कांग्रेस की थू-थू हो रही है क्योंकि ये बेहद शर्म की बात है कि देश का प्रधानमन्त्री खुद ही घोटालों में शामिल था, और जब देश का पीएम ही घोटालेबाज चोर हो तो देश का तो फिर भगवान् ही मालिक है. l सबसे ज्यादा शर्मनाक बात तो ये है कि ऐसे भृष्ट घोटालेबाज राजीव गांधी को कांग्रेस ने 1991 में भारत रत्न दे दिया था l

सीआईए की इस रिपोर्ट का नाम है “स्वीडन बोफोर्स हथियार घोटाला”. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने बोफोर्स पर लगे सभी आरोपों की एक लिस्ट तैयार की थी और सीआईए के मुताबिक़ बोफोर्स ने 150 करोड़ डॉलर के सौदे में बिचौलिए और भारतीय अधिकारियों को कथित तौर पर घूस दी थी l सीआईए की रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि स्वीडन को भी अपनी जांच में पता चल गया था कि तकरीबन 4 करोड़ डॉलर का कमीशन बिचौलियों को दिया गया था l

सीआईए की रिपोर्ट के अनुसार स्वीडन ने स्विस बैंक में की गई पेमेंट के बारे में भी खुलासा करने से मना कर दिया था और स्वीडन की ओर से घूस की बात बाहर आ जाने से भारत के प्रधानमंत्री राजीव गांधी के लिए भारत में दिक्कतें खड़ी हो गई थीं l स्वीडिश कंपनी बोफोर्स पर भी भ्रष्टाचार का कलंक लग रहा था, इसलिए इन दोनों को बचाने के लिए ही स्वीडन ने बोफोर्स घोटाले की जांच को बंद कर दिया था l

इस रिपोर्ट के खुलने से पूरी दुनिया में कांग्रेस की थू-थू हो रही है क्योंकि ये बेहद शर्म की बात है कि देश का प्रधानमन्त्री खुद ही घोटालों में शामिल था, और जब देश का पीएम ही घोटालेबाज चोर हो तो देश का तो फिर भगवान् ही मालिक है. l सबसे ज्यादा शर्मनाक बात तो ये है कि ऐसे भृष्ट घोटालेबाज राजीव गांधी को कांग्रेस ने 1991 में भारत रत्न दे दिया था l

सीआईए की इस रिपोर्ट का नाम है “स्वीडन बोफोर्स हथियार घोटाला”. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने बोफोर्स पर लगे सभी आरोपों की एक लिस्ट तैयार की थी और सीआईए के मुताबिक़ बोफोर्स ने 150 करोड़ डॉलर के सौदे में बिचौलिए और भारतीय अधिकारियों को कथित तौर पर घूस दी थी l सीआईए की रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि स्वीडन को भी अपनी जांच में पता चल गया था कि तकरीबन 4 करोड़ डॉलर का कमीशन बिचौलियों को दिया गया था l

सीआईए की रिपोर्ट के अनुसार स्वीडन ने स्विस बैंक में की गई पेमेंट के बारे में भी खुलासा करने से मना कर दिया था और स्वीडन की ओर से घूस की बात बाहर आ जाने से भारत के प्रधानमंत्री राजीव गांधी के लिए भारत में दिक्कतें खड़ी हो गई थीं l स्वीडिश कंपनी बोफोर्स पर भी भ्रष्टाचार का कलंक लग रहा था, इसलिए इन दोनों को बचाने के लिए ही स्वीडन ने बोफोर्स घोटाले की जांच को बंद कर दिया था l

दोनों पक्षों ने खुद को बचाने के लिए एक दूसरे का साथ दिया और घूस की जानकारी को छुपाने की योजना बनायी गई और आखिरकार स्टॉकहोम ने बोफोर्स की जांच को बंद कर दिया l हालांकि इस घोटाले की वजह से राजीव गांधी की सरकार गिर गई थी, लेकिन क्योंकि राजीव गांधी ने स्वीडन जाके जांच बंद करवा दी थी इसलिए भारत में उन्हें सजा नहीं मिल पायी थी l सबूत ना होने के कारण 2004 में दिल्ली की एक अदालत ने राजीव गांधी को आरोप मुक्त करार दिया था l

आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले भी एक अंग्रेजी न्यूज़ चैनल ने बोफोर्स घोटाले में कई बड़े खुलासे किये थे और इन खुलासों में ये बात साफ़ हो गयी थी कि उस वक़्त बोफोर्स में दलाली की बात तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गाँधी को बखूबी पता थी l

 
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