भले ही हमारे पड़ोसी देश नेपाल से रोटी-बेटी के संबंध है। लेकिन करीब एक दर्शक पूर्व महेंद्रनगर नेपाल स्थित ओपेरा होटल में खुले कैसीनो यानी जुए के अड्डे में सैकड़ों भारतीय हर रोज लाखों रुपये गवां रहे हैं। यहां सिर्फ व्यवस्थाओं को देखने के लिए महिला और पुरुषों को तैनात किया गया है। इस जटिल मसले पर अभी तक दोनों देशों के द्वारा अनदेखी की जा रही है। कैसीनो मालिक विदेशी निवेश कर अपने वारे-न्यारे कर रहा है। यहां जुआ खेलने के लिए टनकपुर, बनबसा, खटीमा के ही नहीं बल्कि उत्तराखंड के विभिन्न जिलों के अलावा उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से लोग अपनी किस्मत अजमाने आते हैं। कैसीनों में सैकड़ों भारतीय अपनी किस्मत आजमाने के चलते अपना सबकुछ गवां चुके हैं। कई घर से बेघर हो गए। इन सबके पीछे एक प्रमुख कारण बॉर्डर पर तैनात सुरक्षा एजेंसियां भी है, जो बगैर किसी जांच के धड़ल्ले से आवाजाही करने दे रहे हैं। कुछ तो जांच में पकड़े जाते हैं, लेकिन कुछ आराम से सीमा पार कर जाते हैं। दिल्ली से करोड़ों की चोरी कर नेपाल भाग रहे थे दस लोग, चढ़े पुलिस के हत्थे यह भी पढ़ें नेपाली नागरिकों पर है प्रतिबंध नेपाल में खुले कैसीनों में नेपाली नागरिकों के खेलने पर प्रतिबंध लगाया है। सिर्फ भारतीय व अन्य देशों के लोगों को ही इन कैसिनो में परिचय पत्र दिखाकर खेलने की अनुमति मिलती है। कैसीनो में आसानी से मिल रहा है ब्याज में पैसा नेपाल एपीएफ कर रही भारतीय व्यापारियों को परेशान, आक्रोश यह भी पढ़ें कैसीनो में खेलने के लिए भारत के लोग भी ब्याज में पैसा उपलब्ध कराकर अपने वारे-न्यारे कर रहे हैं। कैसीनो में जब कोई जुए में पैसे हार जाता है तो वह पैसों की तलाश में भटकता रहता है। इस बीच वहां कई भारतीय लोग पहचान होने पर उस व्यक्ति को 25 से 30 प्रतिशत तक ब्याज में पैसा उपलब्ध करा देते है। शराब, खाने व रहने की निश्शुल्क व्यवस्था अब भारत और नेपाल के बीच अब नहीं चलेगा तांगा यह भी पढ़ें कैसीनों में खेलने आए लोगों के लिए कैसिनो की ओर से मदिरा, खाने के साथ-साथ रहने की भी निशुल्क व्यवस्था की जाती है। दूरस्थ स्थानों से आने वाले कैसीनो के शौकीन कई दिनों तक होटल में रहकर ही जुआ खेलने में मशगूल रहते हैं। यही नहीं इन लोगों को लाने के लिए बॉर्डर पर वाहन भी उपलब्ध कराया जाता है। सीमा पर आसानी से खुल जाता है गेट भारतीय सीमा में घुस नेपाल पुलिस ने चालक को पीटा यह भी पढ़ें नेपाल में कैसीनो में जाने वाले जुए के शौकीन लोगों के लिए सीमा क्षेत्र में गेट भी सुविधा शुल्क लेकर आसानी से खुल जाता है। बैराज में तैनात पुलिस कर्मी व सिंचाई विभाग के कर्मचारी अकसर निर्धारित समय के बाद भी नेपाल आने-जाने वाले के लिए सुविधा शुल्क लेकर गेट को खोल देते हैं। जबकि बैराज में गेट खुलने का समय सुबह छह से आठ, 10 से 12, दो से चार व शाम छह से सात है। जबकि रात्रि में आने वाले वाहनों को आसानी से छोड़ दिया जाता है। वहीं, इस धंधे में बाइकर्स भी लगे हुए है। वह बनबसा बैराज से महेन्द्र नगर तक छोड़ने के लिए 150 से 200 रुपये तक प्रति सवारी वसूलते हैं। सीमा पर लगी सुरक्षा एजेंसी भी मूक दर्शक आए दिन कैसीनो में लाख रुपये लेकर लोग जुआ खेलने बनबसा सीमा से जाते है। वही बनबसा बैराज, एसएसबी, कस्टम के अलावा अन्य सुरक्षा एजेन्सी इन लोगों के तालाशी लेने का साहस नहीं जुटा पाती है। एक ओर जहां सुरक्षा एजेन्सी भारतीय 500 व 2000 रूपये के नोटों को नेपाल ले जाने पर कार्यवाही कर रही है। वहीं, कैसीनो में यह नोट धड़ल्ले से चल रहे हैं। आखिर यहां यह नोट कैसे पहुंच रहे हैं, यह जांच का विषय है। कैसीनो में पैसे हारकर कई लोग गंवा चुके है जान यहां से जुआ हारने के बाद कई लोग अपनी जान दे चुके हैं। कई लोग कैसीनो की लत में अपनी जमीन, आभूषण व अन्य जरूरी सामान भी गंवा चुके हैं। लेकिन इस मसले पर अभी तक शासन-प्रशासन द्वारा कोई ठोस पहल नहीं की गई है। जिस कारण ये धंधा काफी फलफूल रहा है। कुछ भी कहने से बच रहे अधिकारी दो देशों के बीच का मामला होने के कारण सुरक्षा एजेंसियों व अन्य अधिकारी मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं।

आखिर नेपाल में बिछा है ऐसा क्या जाल कि लुट रहे हैं भारतीय

नेपाल के महेंद्रनगर में खुला कैसीनो लोगों का जल्द अमीर बनने का केंद्र लगाता है। जहां भारत के सैकड़ों लोग अब तक करोड़ों रुपये लुटा चुके हैं। कैसीनो में भारतीय मुद्रा से धड़ल्ले से जुआ खेला जाता है। यहां क्षेत्र के दर्जनों लोग अपनी जमा पूंजी लुटा चुके हैं। जिस वजह से कई घर परिवार बिखर चुके हैं और भारतीय मुद्रा नेपाल के कैसीनो में जमा होती जा रही है। मगर नेपाल जा रही भारतीय मुद्रा की रोकथाम के लिए सुरक्षा एजेंसियों द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। न ही उनकी कभी चेकिंग की जाती है। भले ही हमारे पड़ोसी देश नेपाल से रोटी-बेटी के संबंध है। लेकिन करीब एक दर्शक पूर्व महेंद्रनगर नेपाल स्थित ओपेरा होटल में खुले कैसीनो यानी जुए के अड्डे में सैकड़ों भारतीय हर रोज लाखों रुपये गवां रहे हैं। यहां सिर्फ व्यवस्थाओं को देखने के लिए महिला और पुरुषों को तैनात किया गया है। इस जटिल मसले पर अभी तक दोनों देशों के द्वारा अनदेखी की जा रही है।   कैसीनो मालिक विदेशी निवेश कर अपने वारे-न्यारे कर रहा है। यहां जुआ खेलने के लिए टनकपुर, बनबसा, खटीमा के ही नहीं बल्कि उत्तराखंड के विभिन्न जिलों के अलावा उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से लोग अपनी किस्मत अजमाने आते हैं। कैसीनों में सैकड़ों भारतीय अपनी किस्मत आजमाने के चलते अपना सबकुछ गवां चुके हैं। कई घर से बेघर हो गए। इन सबके पीछे एक प्रमुख कारण बॉर्डर पर तैनात सुरक्षा एजेंसियां भी है, जो बगैर किसी जांच के धड़ल्ले से आवाजाही करने दे रहे हैं। कुछ तो जांच में पकड़े जाते हैं, लेकिन कुछ आराम से सीमा पार कर जाते हैं।    दिल्ली से करोड़ों की चोरी कर नेपाल भाग रहे थे दस लोग, चढ़े पुलिस के हत्थे यह भी पढ़ें नेपाली नागरिकों पर है प्रतिबंध नेपाल में खुले कैसीनों में नेपाली नागरिकों के खेलने पर प्रतिबंध लगाया है। सिर्फ भारतीय व अन्य देशों के लोगों को ही इन कैसिनो में परिचय पत्र दिखाकर खेलने की अनुमति मिलती है।   कैसीनो में आसानी से मिल रहा है ब्याज में पैसा    नेपाल एपीएफ कर रही भारतीय व्यापारियों को परेशान, आक्रोश यह भी पढ़ें कैसीनो में खेलने के लिए भारत के लोग भी ब्याज में पैसा उपलब्ध कराकर अपने वारे-न्यारे कर रहे हैं। कैसीनो में जब कोई जुए में पैसे हार जाता है तो वह पैसों की तलाश में भटकता रहता है। इस बीच वहां कई भारतीय लोग पहचान होने पर उस व्यक्ति को 25 से 30 प्रतिशत तक ब्याज में पैसा उपलब्ध करा देते है।   शराब, खाने व रहने की निश्शुल्क व्यवस्था    अब भारत और नेपाल के बीच अब नहीं चलेगा तांगा यह भी पढ़ें कैसीनों में खेलने आए लोगों के लिए कैसिनो की ओर से मदिरा, खाने के साथ-साथ रहने की भी निशुल्क व्यवस्था की जाती है। दूरस्थ स्थानों से आने वाले कैसीनो के शौकीन कई दिनों तक होटल में रहकर ही जुआ खेलने में मशगूल रहते हैं। यही नहीं इन लोगों को लाने के लिए बॉर्डर पर वाहन भी उपलब्ध कराया जाता है।   सीमा पर आसानी से खुल जाता है गेट    भारतीय सीमा में घुस नेपाल पुलिस ने चालक को पीटा यह भी पढ़ें नेपाल में कैसीनो में जाने वाले जुए के शौकीन लोगों के लिए सीमा क्षेत्र में गेट भी सुविधा शुल्क लेकर आसानी से खुल जाता है। बैराज में तैनात पुलिस कर्मी व सिंचाई विभाग के कर्मचारी अकसर निर्धारित समय के बाद भी नेपाल आने-जाने वाले के लिए सुविधा शुल्क लेकर गेट को खोल देते हैं। जबकि बैराज में गेट खुलने का समय सुबह छह से आठ, 10 से 12, दो से चार व शाम छह से सात है। जबकि रात्रि में आने वाले वाहनों को आसानी से छोड़ दिया जाता है। वहीं, इस धंधे में बाइकर्स भी लगे हुए है। वह बनबसा बैराज से महेन्द्र नगर तक छोड़ने के लिए 150 से 200 रुपये तक प्रति सवारी वसूलते हैं।   सीमा पर लगी सुरक्षा एजेंसी भी मूक दर्शक  आए दिन कैसीनो में लाख रुपये लेकर लोग जुआ खेलने बनबसा सीमा से जाते है। वही बनबसा बैराज, एसएसबी, कस्टम के अलावा अन्य सुरक्षा एजेन्सी इन लोगों के तालाशी लेने का साहस नहीं जुटा पाती है। एक ओर जहां सुरक्षा एजेन्सी भारतीय 500 व 2000 रूपये के नोटों को नेपाल ले जाने पर कार्यवाही कर रही है। वहीं, कैसीनो में यह नोट धड़ल्ले से चल रहे हैं। आखिर यहां यह नोट कैसे पहुंच रहे हैं, यह जांच का विषय है।   कैसीनो में पैसे हारकर कई लोग गंवा चुके है जान   यहां से जुआ हारने के बाद कई लोग अपनी जान दे चुके हैं। कई लोग कैसीनो की लत में अपनी जमीन, आभूषण व अन्य जरूरी सामान भी गंवा चुके हैं। लेकिन इस मसले पर अभी तक शासन-प्रशासन द्वारा कोई ठोस पहल नहीं की गई है। जिस कारण ये धंधा काफी फलफूल रहा है।   कुछ भी कहने से बच रहे अधिकारी   दो देशों के बीच का मामला होने के कारण सुरक्षा एजेंसियों व अन्य अधिकारी मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं।

भले ही हमारे पड़ोसी देश नेपाल से रोटी-बेटी के संबंध है। लेकिन करीब एक दर्शक पूर्व महेंद्रनगर नेपाल स्थित ओपेरा होटल में खुले कैसीनो यानी जुए के अड्डे में सैकड़ों भारतीय हर रोज लाखों रुपये गवां रहे हैं। यहां सिर्फ व्यवस्थाओं को देखने के लिए महिला और पुरुषों को तैनात किया गया है। इस जटिल मसले पर अभी तक दोनों देशों के द्वारा अनदेखी की जा रही है। 

कैसीनो मालिक विदेशी निवेश कर अपने वारे-न्यारे कर रहा है। यहां जुआ खेलने के लिए टनकपुर, बनबसा, खटीमा के ही नहीं बल्कि उत्तराखंड के विभिन्न जिलों के अलावा उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से लोग अपनी किस्मत अजमाने आते हैं। कैसीनों में सैकड़ों भारतीय अपनी किस्मत आजमाने के चलते अपना सबकुछ गवां चुके हैं। कई घर से बेघर हो गए। इन सबके पीछे एक प्रमुख कारण बॉर्डर पर तैनात सुरक्षा एजेंसियां भी है, जो बगैर किसी जांच के धड़ल्ले से आवाजाही करने दे रहे हैं। कुछ तो जांच में पकड़े जाते हैं, लेकिन कुछ आराम से सीमा पार कर जाते हैं। 

नेपाली नागरिकों पर है प्रतिबंध नेपाल में खुले कैसीनों में नेपाली नागरिकों के खेलने पर प्रतिबंध लगाया है। सिर्फ भारतीय व अन्य देशों के लोगों को ही इन कैसिनो में परिचय पत्र दिखाकर खेलने की अनुमति मिलती है। 

कैसीनो में आसानी से मिल रहा है ब्याज में पैसा 

कैसीनो में खेलने के लिए भारत के लोग भी ब्याज में पैसा उपलब्ध कराकर अपने वारे-न्यारे कर रहे हैं। कैसीनो में जब कोई जुए में पैसे हार जाता है तो वह पैसों की तलाश में भटकता रहता है। इस बीच वहां कई भारतीय लोग पहचान होने पर उस व्यक्ति को 25 से 30 प्रतिशत तक ब्याज में पैसा उपलब्ध करा देते है। 

शराब, खाने व रहने की निश्शुल्क व्यवस्था 

कैसीनों में खेलने आए लोगों के लिए कैसिनो की ओर से मदिरा, खाने के साथ-साथ रहने की भी निशुल्क व्यवस्था की जाती है। दूरस्थ स्थानों से आने वाले कैसीनो के शौकीन कई दिनों तक होटल में रहकर ही जुआ खेलने में मशगूल रहते हैं। यही नहीं इन लोगों को लाने के लिए बॉर्डर पर वाहन भी उपलब्ध कराया जाता है। 

सीमा पर आसानी से खुल जाता है गेट 

नेपाल में कैसीनो में जाने वाले जुए के शौकीन लोगों के लिए सीमा क्षेत्र में गेट भी सुविधा शुल्क लेकर आसानी से खुल जाता है। बैराज में तैनात पुलिस कर्मी व सिंचाई विभाग के कर्मचारी अकसर निर्धारित समय के बाद भी नेपाल आने-जाने वाले के लिए सुविधा शुल्क लेकर गेट को खोल देते हैं। जबकि बैराज में गेट खुलने का समय सुबह छह से आठ, 10 से 12, दो से चार व शाम छह से सात है। जबकि रात्रि में आने वाले वाहनों को आसानी से छोड़ दिया जाता है। वहीं, इस धंधे में बाइकर्स भी लगे हुए है। वह बनबसा बैराज से महेन्द्र नगर तक छोड़ने के लिए 150 से 200 रुपये तक प्रति सवारी वसूलते हैं। 

सीमा पर लगी सुरक्षा एजेंसी भी मूक दर्शक

आए दिन कैसीनो में लाख रुपये लेकर लोग जुआ खेलने बनबसा सीमा से जाते है। वही बनबसा बैराज, एसएसबी, कस्टम के अलावा अन्य सुरक्षा एजेन्सी इन लोगों के तालाशी लेने का साहस नहीं जुटा पाती है। एक ओर जहां सुरक्षा एजेन्सी भारतीय 500 व 2000 रूपये के नोटों को नेपाल ले जाने पर कार्यवाही कर रही है। वहीं, कैसीनो में यह नोट धड़ल्ले से चल रहे हैं। आखिर यहां यह नोट कैसे पहुंच रहे हैं, यह जांच का विषय है। 

कैसीनो में पैसे हारकर कई लोग गंवा चुके है जान 

यहां से जुआ हारने के बाद कई लोग अपनी जान दे चुके हैं। कई लोग कैसीनो की लत में अपनी जमीन, आभूषण व अन्य जरूरी सामान भी गंवा चुके हैं। लेकिन इस मसले पर अभी तक शासन-प्रशासन द्वारा कोई ठोस पहल नहीं की गई है। जिस कारण ये धंधा काफी फलफूल रहा है। 

कुछ भी कहने से बच रहे अधिकारी 

दो देशों के बीच का मामला होने के कारण सुरक्षा एजेंसियों व अन्य अधिकारी मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं।

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