इंडियन ऑइल ने ईंधन को जीएसटी में लाने की मांग की

देश की बड़ी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कार्पोरेशन ने कहा है कि पेट्रोल और डीजल को वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) के दायरे में लाना चाहिए. इंडियन ऑइल के अध्यक्ष संजीव सिंह ने कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों को जी.एस.टी. के दायरे में लाना कंपनी और उपभोक्ता दोनों के हित में होगा.

गौरतलब है कि तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी कई बार पेट्रोल-डीजल को जी.एस.टी. के दायरे में लाने का समर्थन कर चुके हैं. किंतु राज्यों के बीच सहमति नहीं बन पाने से इसे अभी तक जीएसटी में शामिल नहीं किया जा सका है.कंपनी के 2017-18 के वार्षिक वित्तीय परिणाम घोषित करते हुए सिंह ने प्रेस के समक्ष कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के समय पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि इसलिए नहीं की गई , क्योंकि पैट्रोल-डीजल के दामों में पहले ही वृद्धि की गई थी . इसके अलावा केन्द्र सरकार से भी कोई निर्देश नहीं मिले थे. लेकिन पिछले 9 दिन में पेट्रोल -डीजल के दाम दो -दो रुपए तक बढ़ चुके हैं.

 

बता दें कि कंपनी के 2017-18 के वार्षिक वित्तीय नतीजों में कहा गया है कि कंपनी ने पहली बार 20 हजार करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है.कंपनी का 2017-2018 में शुद्ध लाभ एक साल पहले के 19,106 करोड रुपए से बढकर 21,346 करोड़ रुपए हो गया.परिचालन आय भी 5,06,428 करोड रुपए हो गई. कंपनी का कुल रिफाइन मार्जिन 7.77 डलर प्रति बैरल से बढ़कर 8.49 डॉलर प्रति बैरल हो गया.कंपनी ने 20 प्रतिशत अर्थात दो रुपए प्रति शेयर का अंतिम लाभांश देने की घोषणा की है

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