इस्लामिक स्टेट के हाथों पहले अपह्रत और फिर मारे गए 38 भारतीयों के शव सोमवार को भारत पहुंचे थे. इन्हें लाने खुद विदेश राज्यमंत्री वी के सिंह इराक गए थे. हालांकि, मारे गए लोगों को मुआवजे के सवाल पर विदेश राज्यमंत्री गुस्से में आ गए. पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि मुआवजा देना बिस्किट मांगने जैसा नहीं है, ये लोगों की जिंदगी का सवाल है. उन्होंने आगे बताया था कि केंद्र और राज्य सरकार पूरी तरह गंभीर है, विदेश मंत्रालय ने पीड़ित परिवारों से जानकारी मांगी है कि किसे नौकरी दी जा सकती है.

यह भी बता दें कि मंगलवार सुबह वी के सिंह 38 में से पांच लोगों के शव लेकर बिहार की राजधानी पटना पहुंचे. ये शव सीवान जिले में उनके पैतृक घर पहुंचाए गए, लेकिन दो के परिजनों ने शव लेने से इंकार कर दिया. वे सरकार से वित्तीय सहायता की मांग कर रहे थे. मृतकों में शामिल अदालत सिंह के परिवार के सदस्य श्याम कुमार कुशवाहा ने कहा कि अदालत सिंह की पत्नी, बच्चों और माता-पिता को आर्थिक सहायता की जरूरत है. जब तक उन्हें इसका आश्वासन नहीं मिलता, वे धव स्वीकार नहीं करेंगे.