इलाहाबाद: लोकसभा-विधानसभा में ओबीसी आरक्षण की मांग…

पूर्व प्रधानमंत्री स्व. वीपी सिंह की जयंती पर पिछड़ों को लोकसभा और विधानसभा में राजनीतिक आरक्षण की मांग उठाई गई। पिछड़ा वर्ग समाज के प्रमुख नेतृत्व और संगठनों की केपी कम्युनिटी सेंटर में रविवार को आयोजित संगोष्ठी में मांग की गई कि ओबीसी का आरक्षण 27 फीसद कम है, इसे बढ़ाकर 55 फीसद किया जाए।

मंडल कमीशन की 25वीं वर्षगांठ पर आयोजित संगोष्ठी में गुजरात से आए हार्दिक पटेल के बड़े भाई प्रग्नेश पटेल ने कहा कि सभी पिछड़े वर्गो को एससी-एसटी के साथ मिलाकर संगठित किया जाए। कहा कि गुजरात की तरह यूपी में भी ओबीसी और एससी-एसटी संगठन को मजबूत करने का समय आ गया है। आयोजक पिछड़ा वर्ग विकास समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय गोस्वामी ने कहा कि ¨हदू, मुस्लिम और ओबीसी को संगठित कर एससी-एसटी के साथ मिलकर संघर्ष किया जाएगा। जब तक 85 प्रतिशत आबादी वालों का हक नहीं मिलेगा तो 15 प्रतिशत वालों को हक नहीं लेने देंगे। शिक्षा, रोजगार, रोजी-रोटी तथा राजनैतिक भागीदारी संख्या के आधार पर लेकर रहेंगे। शिवशंकर वर्मा ने कहा कि ओबीसी का आरक्षण 55 फीसद होने तक लड़ाई जारी रखनी होगी। योगेंद्र वर्मा ने कहा कि त्रिस्तरीय आरक्षण पुन: लागू किया जाए। मंजू यादव ने कहा कि महिलाओं का आरक्षण अलग से किया जाए। प्रेमचंद्र कुशवाहा ने कहा कि पिछड़ों को जब तक सामाजिक न्याय नहीं मिलता तब तक संघर्ष किया जाएगा। सपा नेता एवं पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व अध्यक्ष रामआसरे विश्वकर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार पिछड़े वर्गो के आरक्षण को बांटकर आरक्षण समाप्त करने की साजिश कर रही है। कहा कि सरकार मंडल कमीशन की पूरी संस्तुतियों को लागू करे।

संगोष्ठी में लखनऊ के पूर्व महापौर दाऊजी गुप्ता, पूर्व मंत्री चौधरी लालता प्रसाद निषाद, मोहनलाल गुप्ता, फिरासत हुसैन, अवधेश कुमार बारी, पप्पूलाल निषाद, श्यामसुंदर पटेल आदि ने विचार रखे।
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