इस पीपल की छांव में बसी है बापू की याद

17 अक्तूबर 1929 बृहस्पतिवार के दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी देहरादून दौरे पर आए थे। इस दिन शहंशाही आश्रम के सामने तत्कालीन मानव भारती विद्यालय अब मसीही ध्यान केंद्र में बापू ने पीपल का पौधा रोपा था। 88 साल पहले ऐतिहासिक घटनाक्रम के गवाह रहे इस पौधे की छांव में अब बापू की याद बसी है।
इस पीपल की छांव में बसी है बापू की याद

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डा. डीपी पांडे के पौत्र डा. हिमांशु शेखर ने बताया कि बापू ने यहां बैठकर बच्चों के साथ भोजन किया था। उन्होंने डा. डीपी पांडे को शिक्षा व स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित कई निर्देश दिए।

पहाड़ियों के अलावा रिस्पना नदी भी घूमने गए गांधी

महात्मा गांधी आसपास की पहाड़ियों के अलावा रिस्पना नदी भी घूमने गए। तब राजपुर इलाके के आसपास पठानों की बस्ती थी। फ्रंटियर गांधी खान अब्दुल गफ्फार खान के निर्देशों पर बापू का जोरदार स्वागत हुआ था।

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दुनिया भर के लोगों के लिए खास है यह पेड़ 
मसीही ध्यान केंद्र के निदेशक कैप्टन राबर्ट भरोचा, सीरिल दास और सरिता दास ने बताया कि इस ऐतिहासिक पीपल के पेड़ को देखने के लिए दुनिया भर से लोग आते हैं।

भारतीयों के साथ ही विदेशियों में भी इस वृक्ष को लेकर आस्था है। मसीही समाज भी इस वृक्ष के प्रति विशेष सम्मान रखता है। 

 
 
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