राज्यभर में दावानल की घटनाओं की संख्या 1494 पहुंच गई थी, जो रविवार को 42 के इजाफे के साथ 1536 पर पहुंच गई। अब तक आग से कुल 3444.016 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। हालांकि, आग पर काबू पाने के लिए न सिर्फ संसाधन झोंके गए हैं, बल्कि ग्रामीणों के साथ ही अन्य विभागों की मदद भी इसमें ली जा रही है। 6539 वन कर्मी (फायर वाचर सहित), 2067 स्थानीय लोग, 21 पुलिसकर्मी, और एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के 15 जवान आग बुझाने में जुटे रहे। 936 वाहनों व 10 पानी के टैंकरों की सेवाएं ली जा रही हैं। वहीं, स्थानीय ग्रामीण अपने स्तर से भी आग बुझाने में जुटे हैं। टिहरी जिले के राजकीय इंटर कॉलेज कांडीखाल के नजदीक पहुंची आग को चतुर्थ श्रेणी कर्मी ने किसी तरह बुझाने में सफलता पाई। वहीं, कालसी के जंगलों में लगी आग के आबादी के नजदीक पहुंचने की आशंका पर एसडीआरएफ के जवानों ने आग बुझाने में सहयोग दिया। रिकार्ड तोड़ हुई घटनाएं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि इस मर्तबा राज्य में आग की रिकार्ड तोड़ घटनाएं हुई हैं। बारिश न होने की वजह से भी दिक्कत बढ़ी। अब काफी हद तक आग पर काबू पा लिया गया है।

उत्तराखंड में बदलेगा मौसम, आंधी और ओलावृष्टि की चेतावनी

उत्तराखंड में मौसम ने करवट बदली और पर्वतीय क्षेत्रों मे गत दिवस कई जगह तेज हवा के साथ ही बारिश भी हुई। इससे गर्मी से बेहाल पहाड़ों ने राहत महसूस की। वहीं, देहरादून, पौड़ी, पिथौरागढ़, टिहरी और उत्तरकाशी जिलों में बारिश से चढ़ते पारे पर अंकुश लगा है। इससे मैदानी इलाकों में भी तापमान में कमी आई है।राज्यभर में दावानल की घटनाओं की संख्या 1494 पहुंच गई थी, जो रविवार को 42 के इजाफे के साथ 1536 पर पहुंच गई। अब तक आग से कुल 3444.016 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। हालांकि, आग पर काबू पाने के लिए न सिर्फ संसाधन झोंके गए हैं, बल्कि ग्रामीणों के साथ ही अन्य विभागों की मदद भी इसमें ली जा रही है।   6539 वन कर्मी (फायर वाचर सहित), 2067 स्थानीय लोग, 21 पुलिसकर्मी, और एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के 15 जवान आग बुझाने में जुटे रहे। 936 वाहनों व 10 पानी के टैंकरों की सेवाएं ली जा रही हैं। वहीं, स्थानीय ग्रामीण अपने स्तर से भी आग बुझाने में जुटे हैं।   टिहरी जिले के राजकीय इंटर कॉलेज कांडीखाल के नजदीक पहुंची आग को चतुर्थ श्रेणी कर्मी ने किसी तरह बुझाने में सफलता पाई। वहीं, कालसी के जंगलों में लगी आग के आबादी के नजदीक पहुंचने की आशंका पर एसडीआरएफ के जवानों ने आग बुझाने में सहयोग दिया।     रिकार्ड तोड़ हुई घटनाएं   उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि इस मर्तबा राज्य में आग की रिकार्ड तोड़ घटनाएं हुई हैं। बारिश न होने की वजह से भी दिक्कत बढ़ी। अब काफी हद तक आग पर काबू पा लिया गया है।

मौसम विभाग के चेतावनी जारी कर कहा है प्रदेश में अगले 36 घंटों में आंधी और बारिश के साथ ही कहीं-कहीं ओले भी पड़ सकते हैं। बीते एक सप्ताह ने पहाड़ और मैदान भीषण गर्मी का सामना कर रहे हैं। देहरादून में पारा पांच साल पुराने रिकार्ड की बराबरी कर 40.7 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया था। मैदानों में तापमान लगातार 40 से 44 डिग्री के बीच रहने के साथ ही लू के थपड़े चैन छीन रहे थे। 

अब मौसम का मिजाज बदला नजर आया। मैदानी क्षेत्रों में आसमान में बादलों ने डेरा डाला तो पहाड़ों में कई स्थानों पर बारिश हुई। फलस्वरूप पर्वतीय नगरों में अधिकतम तापमान में तीन से चार डिग्री की कमी आई है। उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग में अधिकतम तापमान पिछले दिनों 32 से 38 डिग्री के बीच था जो अब 28 से 34 डिग्री पर आ गया है।

उत्तराखंड में बेकाबू हुई जंगलों की आग कुछ हद तक नियंत्रण में आई है। रविवार को आग की 42 घटनाएं सामने आई, जिनमें करीब 84 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। इससे पहले शनिवार को 158 स्थानों पर आग लगी थी। वहीं, आग पर काबू पाने के लिए वनकर्मियों व स्थानीय लोगों के साथ ही विभिन्न विभागों के कार्मिक आग बुझाने में जुटे हैं। इनकी संख्या 8700 के लगभग है। इस बीच मौसम के करवट बदलने और कुछेक स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी होने से आने वाले दिनों में आग से कुछ राहत मिलने की उम्मीद जगी है। 

राज्यभर में दावानल की घटनाओं की संख्या 1494 पहुंच गई थी, जो रविवार को 42 के इजाफे के साथ 1536 पर पहुंच गई। अब तक आग से कुल 3444.016 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। हालांकि, आग पर काबू पाने के लिए न सिर्फ संसाधन झोंके गए हैं, बल्कि ग्रामीणों के साथ ही अन्य विभागों की मदद भी इसमें ली जा रही है। 

6539 वन कर्मी (फायर वाचर सहित), 2067 स्थानीय लोग, 21 पुलिसकर्मी, और एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के 15 जवान आग बुझाने में जुटे रहे। 936 वाहनों व 10 पानी के टैंकरों की सेवाएं ली जा रही हैं। वहीं, स्थानीय ग्रामीण अपने स्तर से भी आग बुझाने में जुटे हैं। 

टिहरी जिले के राजकीय इंटर कॉलेज कांडीखाल के नजदीक पहुंची आग को चतुर्थ श्रेणी कर्मी ने किसी तरह बुझाने में सफलता पाई। वहीं, कालसी के जंगलों में लगी आग के आबादी के नजदीक पहुंचने की आशंका पर एसडीआरएफ के जवानों ने आग बुझाने में सहयोग दिया। 

रिकार्ड तोड़ हुई घटनाएं 

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि इस मर्तबा राज्य में आग की रिकार्ड तोड़ घटनाएं हुई हैं। बारिश न होने की वजह से भी दिक्कत बढ़ी। अब काफी हद तक आग पर काबू पा लिया गया है।

 
 
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