एक-एक करके क्यों दूर होते जा रहे ‘आप’ के अपने ? `

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष अरविन्द केजरीवाल के सिपाही एक-एक कर उनसे दूर होते जा रहे है. योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण, शाजिया इल्मी के बाद अब आशीष खेतान ने भी पार्टी छोड़ने का फैसला ले लिया है. उन्होंने एक ट्वीट के जरिए इसकी जानकारी दी है. ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि “मैं पूरी तरह से अपनी लीगल प्रैक्टिस पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं और इस समय सक्रिय राजनीति में शामिल नहीं हूं, उन्होंने एक और ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने कहा कि कानूनी पेशे में शामिल होने के लिए मैंने अप्रैल में डीडीसी (संवाद और विकास आयोग) से इस्तीफा दे दिया था. बस इतना ही, मुझे अफवाहों में दिलचस्पी नहीं है. “

गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र की कमी बताकर सदस्य पार्टी से अलग हो रहे हैं. आप को छोड़कर भाजपा में शामिल हुई शाजिया इल्मी ने भी पार्टी में आज़ादी न मिलने का कारण बताते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. जबकि योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया था, जब 2015 में पार्टी ने दिल्ली में चुनाव जीतकर सरकार बनाई थी. प्रशांत भूषण के पिता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील शांति भूषण ने आप की स्थापना के समय 1 करोड़ का चंदा दिया था. 

इसके अलावा प्रो. आनंद कुमार, पूर्व विधायक विनोद बिन्नी और पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा भी पार्टी से दूरी बना चुके हैं. अब पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक कुमार विश्वास भी राज्यसभा में न भेजे जाने के कारण पार्टी से खफा चल रहे हैं, पार्टी ने उन्हें राजस्थान के प्रभारी पद से भी हटा दिया था. यह अधिक आश्चर्य की बात न होगी कि कुछ दिनों के भीतर कुमार भी केजरीवाल का साथ छोड़ दें. 

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