युवक को था जेंडर डिस्फोरियाः सेक्स चेंज करने से पहले युवक का तीन तरह से आकलन किया गया। इसमें उसका जेनेटिक, फिजिकल व मेंटल स्तर देख गया है। युवक जेंडर डिस्फोरिया श्रेणी का मिला। इस श्रेणी में आने वाले पुरुषों में आदतें लड़कियों वाली होती हैं।

‘मुन्नी’ नाम से अब मिलेगी नई पहचानः युवक ने अपना पुराना नाम प्रकाशित करने से मना किया। मगर अब उसे नया नाम मुन्नी रास आ रहा है। उसने बताया कि डॉक्टर शीघ्र ही जेंडर चेंज का मेडिकल सर्टिफिकेट देंगे। इसमें मुन्नी नाम दर्ज करने का ही अनुरोध करूंगा।

12 वर्ष पहले संजोया ख्वाब, अब हुआ पूराः  प्लास्टिक सर्जरी वार्ड में भर्ती युवक-लड़की बनने से काफी खुश है। उसने बताया कि छह वर्ष पहले उसके माता-पिता की मौत हो गई थी। वहीं मामा भी नहीं रहे। सिर्फ एक बड़ी बहन है, उसकी शादी हो चुकी है। वह घर में अकेले रहता है। मगर शुरुआत से उसे महिलाओं के बीच बैठने की आदतें, उनके काम करने के तौर तरीके काफी पसंद थे। बारह वर्ष की उम्र में उसने लड़की बनने का ख्वाब संजोया, जोकि अब पूरा हुआ। उसने बताया कि वह घर में रखीं फीमेल ड्रेस छुप-छुप कर पहनता था। वहीं अब अपना शौक खुलकर पूरा कर सकेगा।

रोकने पर हो जाते हैं डिप्रेशन के शिकारः विशेषज्ञों के मुताबिक अभिभावक अपने बच्चों पर ध्यान दें तो छोटी उम्र में ही उनके ट्रासजेंडर होने का अंदाजा लगा सकते हैं। ऐसे में माता-पिता घबराएं नहीं बल्कि बच्चों की काउंसिलिंग पर फोकस करें। उनके साथ सामान्य बच्चों की तरह ही व्यवहार करें। कारण, यदि ऐसे बच्चों को डांट कर उन्हें अपने तरह से पेश आने पर मजबूर किया जाता है तो वह डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में वह घातक कदम भी उठा सकते हैं।