बी एस येदियुरप्पा भारतीय राजनीति इतिहास के अकेले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने एक ही हफ्ते में दो बार विश्वास मत जीता है. दरअसल साल 2011 में बीजेपी के 11 बागी विधायकों और 5 निर्दलीय विधायकों ने समर्थन वापस लेकर येदियुरप्पा सरकार को संकट में डाल दिया था. लेकिन इसके बावजूद येदियुरप्पा ने एक हफ्ते में दो बार बहुमत साबित करके दिखा दिया. पहला विश्वास मत उन्होंने ध्वनिमत से जीता जिसे तत्कालीन राज्यपाल हंसराज भारद्वाज ने असंवैधानिक करार दे दिया. इसके बाद येदियुरप्पा को एक बार फिर विधानसभा में शक्ति परीक्षण से गुजरना पड़ा, जिसमें वो 100 के मुकाबले 106 मतों से जीत हासिल की. दरअसल मुख्यमंत्री बनने के करीब 55 घंटे के भीतर बी एस येदियुरप्पा को आज विधानसभा के पटल पर बहुमत साबित करना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पारित करके बहुमत साबित करने के लिए राज्यपाल द्वारा दिये गये 15 दिन के समय में कटौती कर दी. तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले लिंगायत नेता येदियुरप्पा (75) ने कहा कि वह राज्य विधानसभा में बहुमत साबित करने को लेकर '100 प्रतिशत' आश्वस्त हैं. येदियुरप्पा ने कहा कि राजनीतिक खेलों के बीच शनिवार को हम कल बहुमत साबित करेंगे. हम उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन करेंगे. येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने के लिए 111 विधायकों का समर्थन चाहिए. राज्य की 222 सीटों पर हुए चुनावों में भाजपा को 104 सीटों में जीत मिली है और उसे उम्मीद है कि कांग्रेस तथा जद (एस) के नव निर्वाचित विधायक अपनी पार्टी छोड़ येदियुरप्पा सरकार का समर्थन कर सकते हैं. दो सीटों पर मतदान नहीं होने के कारण 224 सदस्यीय विधानसभा में असरदार संख्या 222 है. जद (एस) के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार और गठबंधन के नेता एच डी कुमारस्वामी ने दो जगहों से जीत दर्ज की है लेकिन वह एक वोट ही डाल पाएंगे. कुमारस्वामी ने बुधवार को दावा किया था कि बीजेपी राज्य में सत्ता में आने के लिए 'ऑपरेशन लोटस' दोहराने का प्रयास कर सकती है. क्योंकि आंकड़े स्पष्ट रूप से पार्टी के खिलाफ है. विपक्ष के पास 116 विधायकों (78 कांग्रेस, 37 जेडी (एस) और एक बसपा) का समर्थन है. उसने एक निर्दलीय विधायक के समर्थन का भी दावा किया है.

एक हफ्ते में दो विश्वास मत जीतने वाले एकलौते CM हैं येदियुरप्पा

बी एस येदियुरप्पा भारतीय राजनीति इतिहास के अकेले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने एक ही हफ्ते में दो बार विश्वास मत जीता है. दरअसल साल 2011 में बीजेपी के 11 बागी विधायकों और 5 निर्दलीय विधायकों ने समर्थन वापस लेकर येदियुरप्पा सरकार को संकट में डाल दिया था. लेकिन इसके बावजूद येदियुरप्पा ने एक हफ्ते में दो बार बहुमत साबित करके दिखा दिया.बी एस येदियुरप्पा भारतीय राजनीति इतिहास के अकेले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने एक ही हफ्ते में दो बार विश्वास मत जीता है. दरअसल साल 2011 में बीजेपी के 11 बागी विधायकों और 5 निर्दलीय विधायकों ने समर्थन वापस लेकर येदियुरप्पा सरकार को संकट में डाल दिया था. लेकिन इसके बावजूद येदियुरप्पा ने एक हफ्ते में दो बार बहुमत साबित करके दिखा दिया.  पहला विश्वास मत उन्होंने ध्वनिमत से जीता जिसे तत्कालीन राज्यपाल हंसराज भारद्वाज ने असंवैधानिक करार दे दिया. इसके बाद येदियुरप्पा को एक बार फिर विधानसभा में शक्ति परीक्षण से गुजरना पड़ा, जिसमें वो 100 के मुकाबले 106 मतों से जीत हासिल की.  दरअसल मुख्यमंत्री बनने के करीब 55 घंटे के भीतर बी एस येदियुरप्पा को आज विधानसभा के पटल पर बहुमत साबित करना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पारित करके बहुमत साबित करने के लिए राज्यपाल द्वारा दिये गये 15 दिन के समय में कटौती कर दी.    तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले लिंगायत नेता येदियुरप्पा (75) ने कहा कि वह राज्य विधानसभा में बहुमत साबित करने को लेकर '100 प्रतिशत' आश्वस्त हैं. येदियुरप्पा ने कहा कि राजनीतिक खेलों के बीच शनिवार को हम कल बहुमत साबित करेंगे. हम उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन करेंगे. येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने के लिए 111 विधायकों का समर्थन चाहिए.  राज्य की 222 सीटों पर हुए चुनावों में भाजपा को 104 सीटों में जीत मिली है और उसे उम्मीद है कि कांग्रेस तथा जद (एस) के नव निर्वाचित विधायक अपनी पार्टी छोड़ येदियुरप्पा सरकार का समर्थन कर सकते हैं. दो सीटों पर मतदान नहीं होने के कारण 224 सदस्यीय विधानसभा में असरदार संख्या 222 है. जद (एस) के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार और गठबंधन के नेता एच डी कुमारस्वामी ने दो जगहों से जीत दर्ज की है लेकिन वह एक वोट ही डाल पाएंगे.  कुमारस्वामी ने बुधवार को दावा किया था कि बीजेपी राज्य में सत्ता में आने के लिए 'ऑपरेशन लोटस' दोहराने का प्रयास कर सकती है. क्योंकि आंकड़े स्पष्ट रूप से पार्टी के खिलाफ है. विपक्ष के पास 116 विधायकों (78 कांग्रेस, 37 जेडी (एस) और एक बसपा) का समर्थन है. उसने एक निर्दलीय विधायक के समर्थन का भी दावा किया है.

पहला विश्वास मत उन्होंने ध्वनिमत से जीता जिसे तत्कालीन राज्यपाल हंसराज भारद्वाज ने असंवैधानिक करार दे दिया. इसके बाद येदियुरप्पा को एक बार फिर विधानसभा में शक्ति परीक्षण से गुजरना पड़ा, जिसमें वो 100 के मुकाबले 106 मतों से जीत हासिल की.

दरअसल मुख्यमंत्री बनने के करीब 55 घंटे के भीतर बी एस येदियुरप्पा को आज विधानसभा के पटल पर बहुमत साबित करना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पारित करके बहुमत साबित करने के लिए राज्यपाल द्वारा दिये गये 15 दिन के समय में कटौती कर दी.  

तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले लिंगायत नेता येदियुरप्पा (75) ने कहा कि वह राज्य विधानसभा में बहुमत साबित करने को लेकर ‘100 प्रतिशत’ आश्वस्त हैं. येदियुरप्पा ने कहा कि राजनीतिक खेलों के बीच शनिवार को हम कल बहुमत साबित करेंगे. हम उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन करेंगे. येदियुरप्पा को बहुमत साबित करने के लिए 111 विधायकों का समर्थन चाहिए.

राज्य की 222 सीटों पर हुए चुनावों में भाजपा को 104 सीटों में जीत मिली है और उसे उम्मीद है कि कांग्रेस तथा जद (एस) के नव निर्वाचित विधायक अपनी पार्टी छोड़ येदियुरप्पा सरकार का समर्थन कर सकते हैं. दो सीटों पर मतदान नहीं होने के कारण 224 सदस्यीय विधानसभा में असरदार संख्या 222 है. जद (एस) के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार और गठबंधन के नेता एच डी कुमारस्वामी ने दो जगहों से जीत दर्ज की है लेकिन वह एक वोट ही डाल पाएंगे.

कुमारस्वामी ने बुधवार को दावा किया था कि बीजेपी राज्य में सत्ता में आने के लिए ‘ऑपरेशन लोटस’ दोहराने का प्रयास कर सकती है. क्योंकि आंकड़े स्पष्ट रूप से पार्टी के खिलाफ है. विपक्ष के पास 116 विधायकों (78 कांग्रेस, 37 जेडी (एस) और एक बसपा) का समर्थन है. उसने एक निर्दलीय विधायक के समर्थन का भी दावा किया है

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com