ऐसी 5 जगह जहाँ भगवान नहीं, पूजे जाते हैं कुत्ते

ऐसी 5 जगह जहाँ भगवान नहीं, पूजे जाते हैं कुत्ते

आस्था और श्रद्धा बहुत बड़ी चीज़ होती है. इससे लोग काफी जुड़े हुए होते हैं और अपनी श्रद्धा भक्ति के चलते हर देवी देव की आराधना करते हैं. किसी की श्रद्धा पर हम कोई सवाल नहीं उठा सकते. व्यक्ति जिसे चाहे उसे पूज सकता है. जैसे कुछ शहरों के लोग किसी और को नहीं बल्कि कुत्तों को पूजते हैं. जी हाँ, इसी के बारे में हम बताने जा रहे हैं जहाँ पर श्वान की पूजा की जाती है. ऐसी कुछ जगह हैं जहाँ पर श्वान के मंदिर भी बने हैं.ऐसी 5 जगह जहाँ भगवान नहीं, पूजे जाते हैं कुत्ते

बुलंदशहर :

सिकंदराबाद में करीब 100 साल पुराना एक ऐसा मंदिर है जहाँ पर एक श्वान की कब्र बनी है और लोग उसी की पूजा करते हैं. यह के लोगों का मानना है कि उसे पूजने से मनोकामना पूरी होती है. यह मंदिर एक साधु लटूरिया बाबा के कुत्ते को समर्पित है जिसने साधु के मरने के बाद वहीं अपनी जान दी.

चिपियाना गांव :

ये गाँव गाजियाबाद के पास है जहाँ पर भैरव बाबा का मंदिर है. उसी मंदिर के पास एक कुत्ते की मौत हो गई थी जिसे लोगों ने उसे आस्था का केंद्र बना लिया और उसी के पास एक हौदी बनाई और कहा जाता है उसमें नहाने से कुत्ते के काटना का असर खत्म हो जाता है.

कर्नाटक :

कर्नाटक के रामनगर जिले के चिन्नपटना गांव में एक कुत्ते का मंदिर बना हुआ है. इस पर लोग कहते हैं ये कुत्ता हर प्राकृतिक मुसीबत को पहले ही जान लेता है और इससे से बचाता भी है.

झांसी :

यहाँ के लोग एक कुतिया को पूजते हैं. जी हाँ, यहाँ भी एक मंदिर बना हुआ है जहाँ पर लोग पूजा करने आते हैं. इस मंदिर को लोग डॉगेस की देवी के रूप में पूजते हैं.

छत्तीसगढ़ :

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के खपरी गांव में “कुकुरदेव” को पूजा जाता था. ये काफी प्राचीन मंदिर है जिस पर लोगों की आस्था ये है कि यहाँ पूजा करने से कुकुर खांसी और कुत्ते के काटने डर नहीं रहता.

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