कठुआ केस में एसआईटी ने सोमवार को पठानकोट की जिला व सत्र अदालत में पूरक आरोपपत्र दायर किया। पूरक आरोपपत्र में कहा गया है कि पीड़िता को भारी मात्रा मे नशीली दवाएं (सेडेटिव्स) दी गई थी, ताकि वह प्रतिरोध न कर सके।कठुआ केस में एसआईटी ने सोमवार को पठानकोट की जिला व सत्र अदालत में पूरक आरोपपत्र दायर किया। पूरक आरोपपत्र में कहा गया है कि पीड़िता को भारी मात्रा मे नशीली दवाएं (सेडेटिव्स) दी गई थी, ताकि वह प्रतिरोध न कर सके।  आरोपपत्र में अब तक की जांच ब्योरा भी है। साथ ही आठों आरोपितों की कॉल डिटेल्स व बैंक खातों के लेनदेन भी शामिल हैं। इसमें 130 और गवाहों को शामिल किया गया है। अब मामले में कुल गवाहों की संख्या 351 हो गई है। वहीं अभियोजन पक्ष ने किसी भी गवाह को पेश नहीं किया।  बचाव पक्ष के वकील एके साहनी के मुताबिक जम्मू पुलिस की ओर से मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी की सप्लीमेंट्री चार्जशीट की विस्तृत जानकारी मंगलवार को सामने आएगी। उन्होंने कहा कि एसआईटी के नए चालान में किसी नए आरोपित का नाम नहीं जोड़ा गया है। इससे यह साफ हो गया है कि जिन लोगों को पहले आरोपित बनाया गया, ये आरोपपत्र उनके खिलाफ ही है।  एडवोकेट साहनी के अनुसार उनकी ओर से गवाहों की पूर्व सूचना दिए जाने की याचिका पर फैसला भी मंगलवार को सुनाए जाने की उम्मीद है। साहनी ने स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से कठुआ मामला पूरी तरह से फेयर ट्रायल के साथ हो, इसी वजह से उन्होंने गवाहों को पेश करने से पहले उनकी जानकारी पहले देने की मांग रखी है। उन्होंने तर्क दिया कि गवाह के संबंध में जानकारी होने पर बचाव पक्ष को भी क्रॉस एग्जामिनेशन की तैयारी का मौका मिलेगा।  इससे पहले इस माह एसआइटी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि वह मामले में पूरक आरोपपत्र दायर करेगी। कोर्ट पूरक आरोपपत्र दायर करने के लिए आठ सप्ताह का वक्त दिया था। पठानकोट की जिला एवं सत्र अदालत ने बच्ची से बलात्कार व उसकी हत्या के मामले में आठ जून को सात आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किये थे।  अब तक जांच में क्या  क्राइम ब्रांच सांझी राम, उसके पुत्र विशाल, उसके किशोर भतीजे, दो विशेष पुलिस अधिकारियों दीपक खजूरिया उर्फ "दीपू", सुरेंद्र वर्मा व उसके मित्र परवेश कुमार उर्फ मन्नू को इस मामले में गिरफ्तार कर चुकी है। नौ अप्रैल को दायर पहली चार्जशीट में इन सबका नाम था। कांस्टेबल तिलक राज और उपनिरीक्षक आनंद दत्ता को को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। आरोप है कि इन्होंने सांझी राम से चार लाख रुपये लिए थे और अहम सुबूतों को नष्ट कर दिया था। वहीं परवेश कुमार न सिर्फ सह आरोपी खजूरिया के साथ संपर्क में था, बल्कि राज के संपर्क में भी था।  आरोपपत्र में कुमार की कॉल डिटेल्स भी है, ताकि यह दिखाया जा सके वह अपराध व तत्काल बाद की महत्वपूर्ण तारीखों पर वह अन्य आरोपियों के साथ मौजूद था।  बता दें कि जम्मू के कठुआ के रसाना गांव की आठ वर्षीय बच्ची 10 जनवरी 2018 को लापता हुई थी। 17 जनवरी को उसका शव गांव के ही नजदीक जंगल से बरामद हुआ था। बाद में बच्ची से दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी।

आरोपपत्र में अब तक की जांच ब्योरा भी है। साथ ही आठों आरोपितों की कॉल डिटेल्स व बैंक खातों के लेनदेन भी शामिल हैं। इसमें 130 और गवाहों को शामिल किया गया है। अब मामले में कुल गवाहों की संख्या 351 हो गई है। वहीं अभियोजन पक्ष ने किसी भी गवाह को पेश नहीं किया।

बचाव पक्ष के वकील एके साहनी के मुताबिक जम्मू पुलिस की ओर से मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी की सप्लीमेंट्री चार्जशीट की विस्तृत जानकारी मंगलवार को सामने आएगी। उन्होंने कहा कि एसआईटी के नए चालान में किसी नए आरोपित का नाम नहीं जोड़ा गया है। इससे यह साफ हो गया है कि जिन लोगों को पहले आरोपित बनाया गया, ये आरोपपत्र उनके खिलाफ ही है।

एडवोकेट साहनी के अनुसार उनकी ओर से गवाहों की पूर्व सूचना दिए जाने की याचिका पर फैसला भी मंगलवार को सुनाए जाने की उम्मीद है। साहनी ने स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से कठुआ मामला पूरी तरह से फेयर ट्रायल के साथ हो, इसी वजह से उन्होंने गवाहों को पेश करने से पहले उनकी जानकारी पहले देने की मांग रखी है। उन्होंने तर्क दिया कि गवाह के संबंध में जानकारी होने पर बचाव पक्ष को भी क्रॉस एग्जामिनेशन की तैयारी का मौका मिलेगा।

इससे पहले इस माह एसआइटी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि वह मामले में पूरक आरोपपत्र दायर करेगी। कोर्ट पूरक आरोपपत्र दायर करने के लिए आठ सप्ताह का वक्त दिया था। पठानकोट की जिला एवं सत्र अदालत ने बच्ची से बलात्कार व उसकी हत्या के मामले में आठ जून को सात आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किये थे।

अब तक जांच में क्या

क्राइम ब्रांच सांझी राम, उसके पुत्र विशाल, उसके किशोर भतीजे, दो विशेष पुलिस अधिकारियों दीपक खजूरिया उर्फ “दीपू”, सुरेंद्र वर्मा व उसके मित्र परवेश कुमार उर्फ मन्नू को इस मामले में गिरफ्तार कर चुकी है। नौ अप्रैल को दायर पहली चार्जशीट में इन सबका नाम था। कांस्टेबल तिलक राज और उपनिरीक्षक आनंद दत्ता को को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। आरोप है कि इन्होंने सांझी राम से चार लाख रुपये लिए थे और अहम सुबूतों को नष्ट कर दिया था। वहीं परवेश कुमार न सिर्फ सह आरोपी खजूरिया के साथ संपर्क में था, बल्कि राज के संपर्क में भी था।

आरोपपत्र में कुमार की कॉल डिटेल्स भी है, ताकि यह दिखाया जा सके वह अपराध व तत्काल बाद की महत्वपूर्ण तारीखों पर वह अन्य आरोपियों के साथ मौजूद था।

बता दें कि जम्मू के कठुआ के रसाना गांव की आठ वर्षीय बच्ची 10 जनवरी 2018 को लापता हुई थी। 17 जनवरी को उसका शव गांव के ही नजदीक जंगल से बरामद हुआ था। बाद में बच्ची से दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी।