आधार कार्ड को और सुरक्षित बनाने के लिए यूनिक आईडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) द्वारा 2 अप्रैल को पेश की गई वर्चुअल आईडी अब लागू होने जा रही है। सरकार 1 जुलाई से इसे देशभर में लागू कर देगी जिसके बाद अब जहां भी आपको आधार कार्ड की जररूत होगी वहां यह वर्चुअल आईडी का उपयोग कर सकेंगे। इसके कारण आधार जहां और सुरक्षित हो जाएगा वहीं आपकी जानकारी भी सार्वजनिक होने का डर नहीं रहेगा। जानें क्या है वर्चुअल आईडी? वर्चुअल आईडी एक 16 अंकों का विशिष्ट नंबर है जिसे आधार धारक द्वारा बनाया व बदला जा सकता है। वर्चुअल आईडी को आधार धारक कई बार बदल सकते हैं। फिलहाल वर्चुअल आईडी न्यूनतम एक दिन के लिए वैध है। इसका मतलब आधार धारक वर्चुअल आईडी को एक दिन के बाद रीजनरेट कर सकते हैं। वर्चुअल आईडी की एक्सपाइरी डेट के बार में फिलहाल कुछ नहीं कहा गया है। ऐसे में एक वर्चुअल आईडी तब तक के लिए वैध होगी जब तक आधार धारक नई आईडी नहीं बना लेते हैं। एक समय पर किसी भी आधार कार्ड के लिए केवल एक ही एक्टिव वर्चुअल आईडी हो सकती है। कैसे इस्तेमाल करें वर्चुअल आईडी? किसी भी ऑथेंटिकेशन के लिए धारकों को पहले अपना आधार नंबर देना होता था। लेकिन 1 जुलाई से उन्हें 16 अंकों का वर्चुअल आईडी देना होगा। इससे आधार धारक को किसी भी ट्रांजैक्शन या अन्य काम के लिए अपना आधार नंबर देने की आवश्यकता नहीं है। केवल वर्चुअल आईडी देकर भी ऑथेंटिकेशन संभव है। ऑथेंटिकेशन के लिए वर्चुअल आईडी देने के बाद आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा जिसका इस्तेमाल आप किसी भी सर्विस या ट्रांजैक्शन को सत्यापित करने के लिए कर सकते हैं। ऐसे ले सकेंगे वीआईडी यह एक डिजिटल आईडी होगी। इसे सिर्फ यूआईडीएआई के पोर्टल से ही जनरेट किया जा सकता है। यह एक दिन के लिए मान्य होगा। यानी इसे जरूरत पड़ने पर रोजाना हासिल करना होगा। ऐसे जनरेट करें - इसके लिए यूआईडीएआई के होमपेज पर जाएं। - अपना आधार नंबर डालें। इसके बाद सिक्योरिटी कोड डालें और सेंड ओटीपी पर क्लिक कर दें। - रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी मिल जाएगा। - ओटीपी डालने के बाद आपको नई वीआईडी जनरेट करने का विकल्प मिल जाएगा। - जब यह जनरेट हो जाएगी तो आपके मोबाइल पर आपकी वर्चुअल आईडी भेज दी जाएगी। यानी 16 अंकों का नंबर आ जाएगा। - यह वर्चुअल आईडी अनगिनत बार जनरेट किया जा सकेगा और नया आईडी जनरेट होते ही पुराना बेकार हो जाएगा। - इसकी खास बात यह रहेगी कि वर्चुअल आइडी की नकल नहीं की जा सकेगी। वर्चुअल आईडी की यहां पड़ेगी जरूरत आपको बता दें कि वर्चुअल आईडी की सभी भुगतान बैंक, बीमा कंपनी, एनपीसीआई, पीपीआई, एनबीएफसी, टेलिकॉम ऑपरेटर या अन्य एजेंसियों पर सत्यापन के लिए जरुरत होगी। यह आधार नंबर का विकल्प है जिससे आधारकार्ड धारक की गोपनियता बनी रहेगी।

कल से आधार की नहीं पड़ेगी जरूरत, वर्चुअल आईडी करेगा सारे काम

आधार कार्ड को और सुरक्षित बनाने के लिए यूनिक आईडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) द्वारा 2 अप्रैल को पेश की गई वर्चुअल आईडी अब लागू होने जा रही है। सरकार 1 जुलाई से इसे देशभर में लागू कर देगी जिसके बाद अब जहां भी आपको आधार कार्ड की जररूत होगी वहां यह वर्चुअल आईडी का उपयोग कर सकेंगे। इसके कारण आधार जहां और सुरक्षित हो जाएगा वहीं आपकी जानकारी भी सार्वजनिक होने का डर नहीं रहेगा।आधार कार्ड को और सुरक्षित बनाने के लिए यूनिक आईडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) द्वारा 2 अप्रैल को पेश की गई वर्चुअल आईडी अब लागू होने जा रही है। सरकार 1 जुलाई से इसे देशभर में लागू कर देगी जिसके बाद अब जहां भी आपको आधार कार्ड की जररूत होगी वहां यह वर्चुअल आईडी का उपयोग कर सकेंगे। इसके कारण आधार जहां और सुरक्षित हो जाएगा वहीं आपकी जानकारी भी सार्वजनिक होने का डर नहीं रहेगा।  जानें क्या है वर्चुअल आईडी?  वर्चुअल आईडी एक 16 अंकों का विशिष्ट नंबर है जिसे आधार धारक द्वारा बनाया व बदला जा सकता है। वर्चुअल आईडी को आधार धारक कई बार बदल सकते हैं। फिलहाल वर्चुअल आईडी न्यूनतम एक दिन के लिए वैध है। इसका मतलब आधार धारक वर्चुअल आईडी को एक दिन के बाद रीजनरेट कर सकते हैं। वर्चुअल आईडी की एक्सपाइरी डेट के बार में फिलहाल कुछ नहीं कहा गया है। ऐसे में एक वर्चुअल आईडी तब तक के लिए वैध होगी जब तक आधार धारक नई आईडी नहीं बना लेते हैं। एक समय पर किसी भी आधार कार्ड के लिए केवल एक ही एक्टिव वर्चुअल आईडी हो सकती है।  कैसे इस्तेमाल करें वर्चुअल आईडी?  किसी भी ऑथेंटिकेशन के लिए धारकों को पहले अपना आधार नंबर देना होता था। लेकिन 1 जुलाई से उन्हें 16 अंकों का वर्चुअल आईडी देना होगा। इससे आधार धारक को किसी भी ट्रांजैक्शन या अन्य काम के लिए अपना आधार नंबर देने की आवश्यकता नहीं है। केवल वर्चुअल आईडी देकर भी ऑथेंटिकेशन संभव है। ऑथेंटिकेशन के लिए वर्चुअल आईडी देने के बाद आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा जिसका इस्तेमाल आप किसी भी सर्विस या ट्रांजैक्शन को सत्यापित करने के लिए कर सकते हैं।  ऐसे ले सकेंगे वीआईडी  यह एक डिजिटल आईडी होगी। इसे सिर्फ यूआईडीएआई के पोर्टल से ही जनरेट किया जा सकता है। यह एक दिन के लिए मान्य होगा। यानी इसे जरूरत पड़ने पर रोजाना हासिल करना होगा।  ऐसे जनरेट करें  - इसके लिए यूआईडीएआई के होमपेज पर जाएं।  - अपना आधार नंबर डालें। इसके बाद सिक्योरिटी कोड डालें और सेंड ओटीपी पर क्लिक कर दें।  - रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी मिल जाएगा।  - ओटीपी डालने के बाद आपको नई वीआईडी जनरेट करने का विकल्प मिल जाएगा।  - जब यह जनरेट हो जाएगी तो आपके मोबाइल पर आपकी वर्चुअल आईडी भेज दी जाएगी। यानी 16 अंकों का नंबर आ जाएगा।  - यह वर्चुअल आईडी अनगिनत बार जनरेट किया जा सकेगा और नया आईडी जनरेट होते ही पुराना बेकार हो जाएगा।  - इसकी खास बात यह रहेगी कि वर्चुअल आइडी की नकल नहीं की जा सकेगी।  वर्चुअल आईडी की यहां पड़ेगी जरूरत  आपको बता दें कि वर्चुअल आईडी की सभी भुगतान बैंक, बीमा कंपनी, एनपीसीआई, पीपीआई, एनबीएफसी, टेलिकॉम ऑपरेटर या अन्य एजेंसियों पर सत्यापन के लिए जरुरत होगी। यह आधार नंबर का विकल्प है जिससे आधारकार्ड धारक की गोपनियता बनी रहेगी।

जानें क्या है वर्चुअल आईडी?

वर्चुअल आईडी एक 16 अंकों का विशिष्ट नंबर है जिसे आधार धारक द्वारा बनाया व बदला जा सकता है। वर्चुअल आईडी को आधार धारक कई बार बदल सकते हैं। फिलहाल वर्चुअल आईडी न्यूनतम एक दिन के लिए वैध है। इसका मतलब आधार धारक वर्चुअल आईडी को एक दिन के बाद रीजनरेट कर सकते हैं। वर्चुअल आईडी की एक्सपाइरी डेट के बार में फिलहाल कुछ नहीं कहा गया है। ऐसे में एक वर्चुअल आईडी तब तक के लिए वैध होगी जब तक आधार धारक नई आईडी नहीं बना लेते हैं। एक समय पर किसी भी आधार कार्ड के लिए केवल एक ही एक्टिव वर्चुअल आईडी हो सकती है।

कैसे इस्तेमाल करें वर्चुअल आईडी?

किसी भी ऑथेंटिकेशन के लिए धारकों को पहले अपना आधार नंबर देना होता था। लेकिन 1 जुलाई से उन्हें 16 अंकों का वर्चुअल आईडी देना होगा। इससे आधार धारक को किसी भी ट्रांजैक्शन या अन्य काम के लिए अपना आधार नंबर देने की आवश्यकता नहीं है। केवल वर्चुअल आईडी देकर भी ऑथेंटिकेशन संभव है। ऑथेंटिकेशन के लिए वर्चुअल आईडी देने के बाद आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा जिसका इस्तेमाल आप किसी भी सर्विस या ट्रांजैक्शन को सत्यापित करने के लिए कर सकते हैं।

ऐसे ले सकेंगे वीआईडी

यह एक डिजिटल आईडी होगी। इसे सिर्फ यूआईडीएआई के पोर्टल से ही जनरेट किया जा सकता है। यह एक दिन के लिए मान्य होगा। यानी इसे जरूरत पड़ने पर रोजाना हासिल करना होगा।

ऐसे जनरेट करें

– इसके लिए यूआईडीएआई के होमपेज पर जाएं।

– अपना आधार नंबर डालें। इसके बाद सिक्योरिटी कोड डालें और सेंड ओटीपी पर क्लिक कर दें।

– रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी मिल जाएगा।

– ओटीपी डालने के बाद आपको नई वीआईडी जनरेट करने का विकल्प मिल जाएगा।

– जब यह जनरेट हो जाएगी तो आपके मोबाइल पर आपकी वर्चुअल आईडी भेज दी जाएगी। यानी 16 अंकों का नंबर आ जाएगा।

– यह वर्चुअल आईडी अनगिनत बार जनरेट किया जा सकेगा और नया आईडी जनरेट होते ही पुराना बेकार हो जाएगा।

– इसकी खास बात यह रहेगी कि वर्चुअल आइडी की नकल नहीं की जा सकेगी।

वर्चुअल आईडी की यहां पड़ेगी जरूरत

आपको बता दें कि वर्चुअल आईडी की सभी भुगतान बैंक, बीमा कंपनी, एनपीसीआई, पीपीआई, एनबीएफसी, टेलिकॉम ऑपरेटर या अन्य एजेंसियों पर सत्यापन के लिए जरुरत होगी। यह आधार नंबर का विकल्प है जिससे आधारकार्ड धारक की गोपनियता बनी रहेगी।

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