उत्तरी कश्मीर में एलओसी के साथ सटे मच्छल (कुपवाड़ा) सेक्टर में मंगलवार को सेना की 45 आरआर के वाहिनी मुख्यालय में रहस्यमय हालात में आग लग गई। आग में लाखों रुपये मूल्य की संपत्ति व तेल भंडार और गोला बारूद के नष्ट होने के अलावा तीन सैन्यकर्मी भी आंशिक रूप से झुलस गए हैं। जानकारी के अनुसार, मच्छल सेक्टर के हमारगली इलाके में स्थित 45 आरआर के वाहिनी मुख्यालय में आज दोपहर एक बजे के करीब अचानक ही एक बैरक में आग लग गई। आग को देखते ही वहां मौजूद सैनिक व अधिकारी तुरंत बाहर निकले और उन्होंने उसी समय आग पर आग पाने के प्रयास किया। उन्होंने वहां रखे गए हथियारों के जखीरे, संचार उपकरणों और महत्वपूर्ण दस्तावेजों व अन्य साजो सामान को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की कार्रवाई भी शुरू कर दी। लेकिन इसी दौरान आग की लपटों ने एक शस्त्रागार को भी अपने कब्जे में ले लिया और फिर वहां गोला बारूद के फटने से होने वाले धमाकों की गूंज पूरे इलाके में सुनाई देने लगी। वाहिनी मुख्यालय का तेल डिपु भी आग की चपेट में आ गया। कश्मीर में आत्महत्या के मामलों में बढ़ोतरी यह भी पढ़ें वाहिनी मुख्यालय में आग की सूचना मिलते ही निकटवर्ती इलाकों में पुलिस और दमकल विभाग के लोग भी अपने साजो सामान के साथ मौके पर पहुंचने लगे। लेकिन इस खबर के लिखे जाने तक शिविर में आग की लपटें लगातार निकल रही थी। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि दोपहर बाद शाम चार बजे तक आठ बैरकों के अलावा वाहिनी मुख्यालय का कार्यालय भी आग में पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। इस दौरान तीन जवान भी आग बुझाने के प्रयास में आंशिक रूप से झुलस गए। तीनों को उपचार के लिए निकटवर्ती सैन्य अस्पताल में दाखिल कराया गया है। अनुच्छेद 35ए हटाने की अफवाह पर कश्मीर में तनाव, 30 घायल यह भी पढ़ें उन्होंने बताया कि आग से हुए सही नुक्सान का पता, आग के पूरी तरह बुझने के बाद ही चलेगा। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आग शॉट सर्किट से लगी है। इसके अलावा बैरकों के निर्माण में लकड़ी का इस्तेमाल हुआ था, इसलिए आग तेजी से फैली।

कश्मीर के कुपवाड़ा में सैन्य शिविर में आग से लाखों का नुकसान

उत्तरी कश्मीर में एलओसी के साथ सटे मच्छल (कुपवाड़ा) सेक्टर में मंगलवार को सेना की 45 आरआर के वाहिनी मुख्यालय में रहस्यमय हालात में आग लग गई। आग में लाखों रुपये मूल्य की संपत्ति व तेल भंडार और गोला बारूद के नष्ट होने के अलावा तीन सैन्यकर्मी भी आंशिक रूप से झुलस गए हैं।उत्तरी कश्मीर में एलओसी के साथ सटे मच्छल (कुपवाड़ा) सेक्टर में मंगलवार को सेना की 45 आरआर के वाहिनी मुख्यालय में रहस्यमय हालात में आग लग गई। आग में लाखों रुपये मूल्य की संपत्ति व तेल भंडार और गोला बारूद के नष्ट होने के अलावा तीन सैन्यकर्मी भी आंशिक रूप से झुलस गए हैं।   जानकारी के अनुसार, मच्छल सेक्टर के हमारगली इलाके में स्थित 45 आरआर के वाहिनी मुख्यालय में आज दोपहर एक बजे के करीब अचानक ही एक बैरक में आग लग गई। आग को देखते ही वहां मौजूद सैनिक व अधिकारी तुरंत बाहर निकले और उन्होंने उसी समय आग पर आग पाने के प्रयास किया। उन्होंने वहां रखे गए हथियारों के जखीरे, संचार उपकरणों और महत्वपूर्ण दस्तावेजों व अन्य साजो सामान को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की कार्रवाई भी शुरू कर दी। लेकिन इसी दौरान आग की लपटों ने एक शस्त्रागार को भी अपने कब्जे में ले लिया और फिर वहां गोला बारूद के फटने से होने वाले धमाकों की गूंज पूरे इलाके में सुनाई देने लगी। वाहिनी मुख्यालय का तेल डिपु भी आग की चपेट में आ गया।   कश्मीर में आत्महत्या के मामलों में बढ़ोतरी यह भी पढ़ें वाहिनी मुख्यालय में आग की सूचना मिलते ही निकटवर्ती इलाकों में पुलिस और दमकल विभाग के लोग भी अपने साजो सामान के साथ मौके पर पहुंचने लगे। लेकिन इस खबर के लिखे जाने तक शिविर में आग की लपटें लगातार निकल रही थी।  संबंधित अधिकारियों ने बताया कि दोपहर बाद शाम चार बजे तक आठ बैरकों के अलावा वाहिनी मुख्यालय का कार्यालय भी आग में पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। इस दौरान तीन जवान भी आग बुझाने के प्रयास में आंशिक रूप से झुलस गए। तीनों को उपचार के लिए निकटवर्ती सैन्य अस्पताल में दाखिल कराया गया है।   अनुच्छेद 35ए हटाने की अफवाह पर कश्मीर में तनाव, 30 घायल यह भी पढ़ें उन्होंने बताया कि आग से हुए सही नुक्सान का पता, आग के पूरी तरह बुझने के बाद ही चलेगा। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आग शॉट सर्किट से लगी है। इसके अलावा बैरकों के निर्माण में लकड़ी का इस्तेमाल हुआ था, इसलिए आग तेजी से फैली।

जानकारी के अनुसार, मच्छल सेक्टर के हमारगली इलाके में स्थित 45 आरआर के वाहिनी मुख्यालय में आज दोपहर एक बजे के करीब अचानक ही एक बैरक में आग लग गई। आग को देखते ही वहां मौजूद सैनिक व अधिकारी तुरंत बाहर निकले और उन्होंने उसी समय आग पर आग पाने के प्रयास किया। उन्होंने वहां रखे गए हथियारों के जखीरे, संचार उपकरणों और महत्वपूर्ण दस्तावेजों व अन्य साजो सामान को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की कार्रवाई भी शुरू कर दी। लेकिन इसी दौरान आग की लपटों ने एक शस्त्रागार को भी अपने कब्जे में ले लिया और फिर वहां गोला बारूद के फटने से होने वाले धमाकों की गूंज पूरे इलाके में सुनाई देने लगी। वाहिनी मुख्यालय का तेल डिपु भी आग की चपेट में आ गया।

वाहिनी मुख्यालय में आग की सूचना मिलते ही निकटवर्ती इलाकों में पुलिस और दमकल विभाग के लोग भी अपने साजो सामान के साथ मौके पर पहुंचने लगे। लेकिन इस खबर के लिखे जाने तक शिविर में आग की लपटें लगातार निकल रही थी।

संबंधित अधिकारियों ने बताया कि दोपहर बाद शाम चार बजे तक आठ बैरकों के अलावा वाहिनी मुख्यालय का कार्यालय भी आग में पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। इस दौरान तीन जवान भी आग बुझाने के प्रयास में आंशिक रूप से झुलस गए। तीनों को उपचार के लिए निकटवर्ती सैन्य अस्पताल में दाखिल कराया गया है।

उन्होंने बताया कि आग से हुए सही नुक्सान का पता, आग के पूरी तरह बुझने के बाद ही चलेगा। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आग शॉट सर्किट से लगी है। इसके अलावा बैरकों के निर्माण में लकड़ी का इस्तेमाल हुआ था, इसलिए आग तेजी से फैली।

English News

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com