कानपुर रेल हादसे में पाकिस्तानी एजेंसी आइएसआइ का हाथ!

बिहार: 20 नवंबर को कानपुर के पुखराया के पास हुआ रेल हादसा में आइएसआइ का हाथ होने कि बात निकल कर सामने आई है| बिहार के मोतिहारी पुलिस ने तीन लोगों को के गिरफ्तार किए है| पूछताछ में पता लगा कि कानपुर रेल हादसे का मास्टर माइंड दुबई में बैठा नेपाल का कारोबारी शम्शुल होदा है। उसी ने इसके लिए फंडिंग की। जांच में सामने आया कि ये कारोबारी आइएसआइ को भी फंडिंग करता है। बता दें 20 नवंबर 2016 को हुए कानपुर ट्रेन हादसे में पटना-इंदौर एक्स्प्रेस पटरी से उतर गई थी। इसमें 150 से ज्यादा लोगों की जान गई।


आरोपी बोला- बम लगाकर उड़ाई थी पटरी!

मोती पासवान समेत तीन आरोपियों ने कानपुर रेल हादसे से जुड़े कई बड़े खुलासे किए हैं। एसपी के मुताबिक, शम्शुल ने नेपाल के बृजकिशोर गिरी उर्फ बाबा के जरिए कानपुर रेल हादसे की साजिश रची।” मोती ने पुलिस को बताया, “पुखराया के पास रेलवे ट्रैक को बम लगाकर उड़ा दिया था। इसके चलते 20 नवंबर की सुबह पटना-इंदौर एक्सप्रेस पुखराया के पास हादसे का शिकार हो गई।”

घोड़ासहन में भी थी पैसेंजर ट्रेन उड़ाने की साजिश
मोती ने बताया, इस साजिश में कारोबारी शम्शुल का भतीजा जियाउल हक और एक अन्य व्यक्ति भी शामिल था। इनके साथ राकेश यादव, गजेंद्र यादव और बृजकिशोर गिरी के अलावा दूसरे लोग पूर्वी चंपारण से गए थे।
इसी ग्रुप ने पूर्वी चंपारण के घोड़ासहन में भी अक्टूबर में आईडी लगाकर पैसेंजर ट्रेन उड़ाने की कोशिश की थी।
अब तक 8 गिरफ्तारियां इस मामले में अब तक 8 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें मोती पासवान, मुकेश यादव, उमाशंकर पटेल को घोड़ासहन से। बृजकिशोर, मुजाहिर अंसारी और शंभु गिरी को नेपाल से पकड़ा गया। जुबैर और जियाउल को दिल्ली से पकड़ा गया। गजेंद्र शर्मा और राकेश यादव की तलाश जारी है।

घोड़ासहन से 25 दिसंबर को अरुण राम और दीपक राम लापता हुए थे। 28 दिसंबर को नेपाल के जंगलों में इनकी हत्या कर दी गई। जांच में शक के आधार पर मुजाहिर अंसारी को पकड़ा गया। मुजाहिर ने पुलिस को बताया कि रक्सौल-दरभंगा रेल ट्रैक पर घोड़ासहन के पास आईडी से ट्रेन को उड़ाने की साजिश थी। शम्शुल होदा ने ये प्लान किया और इसमें बृजकिशोर, उसका साला शंभु और मुजाहिर शामिल थे। ट्रैक उड़ाने के लिए शम्शुल ने अरुण और दीपक को 20-20 लाख और स्कॉर्पियो देने का वादा किया था। शम्शुल ने बृजकिशोर के जरिए 3-3 लाख एडवांस भेजे थे। दीपक और अरुण ने ट्रैक पर विस्फोटक तो प्लांट कर दिए, लेकिन आईडी का तार नहीं जोड़ा। प्लान फेल हो गया। दोनों ने पैसे नहीं लौटाए, जिसके बाद उनकी हत्या कर दी गई। एनआईए, आईबी और रॉ की टीमें मोतिहारी पहुंचीं | मोती पासवान की गिरफ्तारी और खुलासे के बाद एनाइअ और दूसरी खुफिया एजेंसियां मोतिहारी पहुंच गई हैं। आईबी, रॉ, एटीएस, स्पेशल ब्रांच अलग-अलग मोती से पूछताछ में जुटी हैं। माना जा रहा है कि इस पूछताछ में कई और अहम खुलासे हो सकते हैं।

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