कार से चलते थे यह चोर, मकान का नम्बर नोट करके करते थे चोरी

लखनऊ:  एसटीएफ ने एक ऐसे चोरों के गैंग को पकड़ा है जो दिन में कार से घरों की तलाशते थे और मकान का नम्बर नोट करके रात में वहां चोरी की वारदात को अंजाम देते थे।  एसटीएफ की टीम ने इस गैंग के सात लोगों को विभूतिखण्ड इलाके से गिरफ्तार किया है। पकड़े गये आरोपियों के पास से 2 लाख 19 हजार रुपये, दो कार, दो पिस्टल, 15 किलो चांदी की सिल्ली, 150 ग्राम सोने की सिल्ली, एक स्कूटी सहित अन्य चोरी का माल बरामद हुआ। पकड़े गये आरोपियों में तीन सर्राफ हैं जो इन चोरों से चोरी का माल खरीद कर उसको गला कर सिल्ली का रूप देते थे। चोरों के इस गैंग का कहना है कि अब तक वह लोग हजारों चोरियों की वारदात को अंजाम दे चुके हैं।
एसटीएफ के हत्थे चढ़ा शातिर चोरों का गैंग
एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि कुछ माह से राजधानी में लगातार चोरियों की घटनाएं बढ़ गयी थीं। इस सूचना पर एसटीएफ की एक टीम को छानबीन कर कार्रवाई का आदेश दिया गया था। सोमवार को एसटीएफ को मुखबिर व सर्विलांस की मदद से इस बात की सूचना मिली कि विभूतिखण्ड स्थित शहीद पथ के पास चोरों का गैंग आने वाला है। इस सूचना पर एसटीएफ की टीम पहले से वहां पहुंच गयी और घेराबंदी कर ली। इस बीच एक दो आई-10 कार सवार सात संदिग्ध लोग वहां पहुंच गये। एसटीएफ की टीम ने जैसे ही उनको घेरा वह लोग भागने लगे। इस पर एटीएफ की टीम ने सभी को चारों तरफ से घेर कर धर लिया। कार की तलाशी ली गयी तो उसमेें से 2 पिस्टल, 2 लाख 19 हजार रुपये नकद, 150 ग्राम सोने की सिल्ली, 15 किलो चांदी की सिल्ली, 13 मोबाइल सहित भारी मात्रा में चोरी का सामान मिला। एसटीएफ ने पकड़े गये आरोपियों की निशानदेही पर एक काले रंग की एक्टिवा गाड़ी भी बरामद की। पूछताछ की गयी तो पकड़े गये बदमाशों ने अपना नाम चिनहट निवासी समीर उर्फ विक्की, इन्दिरानगर निवासी आशीष कश्यप, आलमबाग निवासी अरविंद, गुड़म्बा निवासी अजमान उर्फ बाबा, मडिय़ांव निवासी शिवम अवस्थी, मडिय़ांव निवासी रजनीश उर्फ राजू, चौक निवासी रफीक खान बताया। पकड़े गये आरोपियों में शिवम, रजनीश व रफीक सर्राफ हैं। यह लोग चोरों के इस गैंग से चोरी के जेवरात खरीदते थे और फिर उनको गला कर सिल्ली का रूप दे दिया करते थे।
चोरी की रकम से महंगे क्लब में करते थे पार्टियां
पकड़े गये चोरों ने एसटीएफ को बताया कि वह लोग दिन में कार से इधर-उधर टहलते थे। इस दौरान यह लोग पॉश कालोनी में बने बंद घरों को चिन्हित कर लेते थे, फिर मकान का नम्बर अपनी डायरी पर नोट कर लिया करते थे। इसके बाद रात को मौका देखकर चोरी की वारदात को अंजाम देते थे। आरोपियों ने अब तक कृष्णानगर, पीजीआई, गोमतीनगर, इन्दिरानगर, गाजीपुर और विभूतिखण्ड इलाके में 9 चोरी की घटनाओं को अंजाम देने की बात कबूली है। पकड़े गये चोरों ने बताया कि वह लोग चोरी की रकम अपने हाईफाई शौक पूरे करते थे और महंगे क्लब में जाकर मौज मस्ती किया करते थे।

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