कासगंज हिंसाः एक समुदाय के लोगों के साथ प्रशासन की पीस मीटिंग

कासगंज हिंसाः एक समुदाय के लोगों के साथ प्रशासन की पीस मीटिंग

कासगंज पर हिंसा पर बुलाई गई पीस मीटिंग पूरी हो गई है. मीटिंग में डीएम आरपी सिंह ने सबसे लॉ एंड ऑर्डर का पालन करने की अपील की. उन्होंने कहा कि मीटिंग में मौजूद लोगों से अपील करते हुए कहा कि किसी भी तरह की हिंसा में शामिल न हो. न ही किसी दुकान को जलाएं और बस में आग लगाएं.

सिंह ने लोगों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर शांति स्थापित करने में लोगों ने सहयोग नहीं किया, तो उपद्रवियों की पहचान करके सख्त एक्शन लिया जाएगा.

एक ही समुदाय के लोगों के साथ पीस मीटिंग!

हालांकि पीस मीटिंग में समाज के सभी वर्गों की हिस्सेदारी नजर नहीं आई. मीटिंग के लिए केवल हिंदू समुदाय के लोग ही पहुंचे थे. गौर करने वाली बात है कि फायरिंग की घटना के अलावा अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के वाहनों और गाड़ियों को उपद्रवियों ने आग के हवाले किया और तोड़ फोड़ की.

माना जा रहा है कि टकराव की आशंका के चलते प्रशासन ने केवल हिंदू समुदाय के लोगों को ही पीस मीटिंग के बुलाया. पीस कमेटी की बैठक में एडीजी आगरा जोन और कमिश्वर ने बैठक में हिस्सा लिया.

हालात काबू में, ड्रोन से निगरानीः डीजीपी

बता दें कि कासगंज में पिछले तीन दिनों से हिंसा जारी है. दूसरी ओर डीजीपी ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हिंसा काबू में है और स्थिति पर ड्रोन से निगरानी की जा रही है. हालांकि तीसरे दिन भी आगजनी की छिटपुट घटनाएं अभी भी जारी है.

डीजीपी ने कहा कि घटना के बाद आरोपी राशिद के घर से तलाशी मे देशी बम मिले है. पुलिस ने कई देशी बम बरामद किए हैं. हालांकि हालात नियंत्रण में हैं और पिछले 10 घंटे से किसी तरह की हिंसा की कोई खबर नहीं है.

हिंसा के मामले में 60 से ज्यादा गिरफ्तारियां

उन्होंने कहा कि छिटपुट आगजनी की खबरें हो रही हैं वो सुनसान जगहों पर हुई है. ऐसी जगहों पर हुई जो सालों से सुनसान पड़ी थी. प्रशासन के लोग एरियल सर्वे कर रहे हैं. ड्रोन से निगरानी की जा रही है. अब तक मामले में 60 से ज्यादा गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. सभी संदिग्ध लोगों को पकड़ा गया है.

डीजीपी ने कहा कि इस घटना में कहां चूक हुई? कौन जिम्मेदार है? इसकी विवेचना बाद में होगी. फिलहाल प्रशासन पूरा ध्यान स्थिति को काबू करने में लगा है, जो कि लगभग हो चुका है. डीजीपी ने कहा कि फिलहाल साजिश के नजरिए से हम इसे नहीं देख रहे, लेकिन जांच में अगर बात आई तो उसकी भी जांच होगी.

यह है पूरा मामला

शुक्रवार को गणतंत्र दिवस पर VHP और ABVP के कार्यकर्ताओं ने तिरंगा यात्रा निकाली. तिरंगा यात्रा जब बिलमार गेट के पास अल्पसंख्यक समुदाय के मोहल्ले से गुजरने लगा तो तिरंगा यात्रा निकाल रहे युवकों ने भड़काऊ नारेबाजी की, जिससे दो गुटों में झड़प शुरू हो गई. झड़प इतनी बढ़ी की इसने हिंसा का रूप ले लिया.

दोनों पक्षों के बीच जमकर पत्थरबाजी हुई और गोलियां भी चलीं. फायरिंग में हिंदू समुदाय के एक युवक चंदन गुप्ता की मौत हो गई. युवक की मौत के बाद हिंसा ने उग्र रूप ले लिया. उग्र उपद्रवियों ने जमकर दुकानों में तोड़फोड़, लूटपाट और आगजनी की. रात होते-होते इलाके में भारी पुलिस और सुरक्षा बल तैनात करना पड़ा और कर्फ्यू लगा दिया गया.

रात भर माहौल शांत लेकिन तनावपूर्ण बना रहा. हालांकि अगले दिन यानि शनिवार को कर्फ्यू के बावजूद फिर से हिंसा भड़क उठी और उपद्रवियों ने दर्जनों बसों और वाहनों में आग लगा दी. इलाके के सभी आला अधिकारी मौके पर पहुंचे. PAC और RAF की कई कंपनियां तैनात कर दी गईं और कासगंज छावनी में तब्दील हो गया.

कासगंज में बीते तीन दिनों से कर्फ्यू लगा हुआ है और शनिवार की शाम से इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं. अब तक 60 से ज्यादा उपद्रवियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. रविवार को भी छिटपुट हिंसा की खबरें आईं. पुलिस उपद्रवियों की निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है.

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