सिर्फ इन लोगो के सामने झुकते हैं सीएम मोदी, ये हैं इंडिया के...

सिर्फ इन लोगो के सामने झुकते हैं सीएम मोदी, ये हैं इंडिया के…

नई दिल्ली. आध्यात्मिक गुरु चंद्रास्वामी का मंगलवार को 66 साल की उम्र में निधन हो गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वो कई दिनों से डायलिसिस पर थे। बता दें कि 1948 में जन्मे चंद्रास्वामी देश के विवादित तांत्रिक थे और पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा राव के करीबी माने जाते थे। dainikbhaskar.com आपको इंडिया के 10 ऐसे संत के बारे में बता रहा है जिनके भक्तों में पीएम से लेकर सीएम तक शामिल हैं।सिर्फ इन लोगो के सामने झुकते हैं सीएम मोदी, ये हैं इंडिया के...यह भी पढ़े:> अभी-अभी: लगातार हुए 900 धमाके, इस धमाके से दहल उठा पूरा देश…

पीएम का दो गुरुओं से नाता रहा है। पहले हैं स्वामी दयानंद गिरी, जबकि दूसरे हैं स्वामी आत्मस्थानंद। स्वामी दयानंद गिरी का निधन हो चुका है जबकि स्वामी आत्मस्थानंद पिछले कुछ समय से बीमार हैं।

# स्वामी आत्मस्थानंद

स्वामी आत्मस्थानंद 3 दिसंबर 2007 से रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन के 15वें अध्यक्ष हैं। उनका जन्म 10 मई 1919 को ढाका के नजदीक सबाजपुर में हुआ था। इन्होंने 3 जनवरी 1941 को 22 साल की उम्र में रामकृष्ठ मिशन में शामिल हुए।

इससे पहले उन्होंने साल 1938 में स्वामी ज्ञानानंद से आध्यात्मिक दीक्षा ली थी। साल 1945 में बेलूर मठ के तत्कालीन अध्यक्ष स्वामी वीरजानंद ने उन्हें ब्रह्मचर्य का पालन सिखाया था और 1949 में संन्यास की प्रतिज्ञा दिलाई थी। इसके बाद ही उनका नाम आत्मस्थानंद पड़ा था।

कहा जाता है कि यंग एज में मोदी जब पहली बार बेलूर मठ गए थे तो उन्होंने स्वामी से कहा था कि वे संन्यासी बनना चाहते हैं लेकिन स्वामी ने मोदी की कम उम्र देखकर मना कर दिया था। उन्होंने मोदी से कहा कि वह लोगों की खातिर काम करने के लिए बने हैं न कि संन्यास के लिए। इसके बाद मोदी अपने गुरु आत्मस्तनंद के साथ राजकोट लौट आए और आरएसएस की सदस्यता ले ली। इसके बाद मोदी पॉलिटिक्स में आए।

# स्वामी दयानंद गिरी

मोदी के दूसरे गुरू स्वामी दयानंद गिरी थे जिनका 87 साल की उम्र में सितंबर 2015 में ऋषिकेश स्थित आश्रम में निधन हो गया था। स्वामी दयानंद गिरि हरिद्वार के ऋषिकेश में दयानंद सरस्वती आश्रम और कोयंबटूर में अर्श विद्या गुरुकुलम के शिक्षक थे। स्वामी दयानंद गिरि शंकर परंपरा के वेदांत और संस्कृत के शिक्षक थे और करीब 50 सालों से देश और विदेश स्तर पर वेदांत की शिक्षा दे रहे थे।

सरस्वती आश्रम के पूरे भारत में 100 से ज्यादा केंद्र संचालित किए जाते हैं जबकि ऋषिकेश, कोयंबटूर और नागपुर में कुल तीन मुख्य केंद्र हैं। वहीं, अमेरिका के पेन्सिलवेनिया में भी आश्रम का एक केंद्र है। दयानंद गिरी ने साल 2000 में ऑल इंडिया मूवमेंट फॉर सेवा संस्था की भी नींव रखी थी। शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रयासों के लिए संस्था को साल 2005 में संयुक्त राष्ट्र की तरफ से अवॉर्ड भी दिया गया था।

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