आज वो लम्हा आ ही गया जिसकी कल्पना करना भी मुश्किल था. सिंगापुर के कैपेला रिजॉर्ट में किम जोंग उन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मिले तो ये पल दुनिया के इतिहास में दर्ज हो गया. ये महज मुलाकात नहीं कूटनीतिक एनकाउंटर था. किम जोंग और डोनाल्ड ट्रंप पहली बार आमने-सामने हुए तो दुनिया भर के विशेषज्ञों की नजर दोनों के हाव-भाव पर थी. दुनिया देखना चाहती थी कि किम जोंग से कैसे मिलते हैं ट्रंप. बाएं से किम जोंग और दाएं से डोनाल्ड ट्रंप की स्टेज पर जैसे ही एंट्री हुई दोनों तरफ से मनोवैज्ञानिक दांव शुरू हो गए. दरअसल ट्रंप ने आते ही जोंग से गर्मजोशी से हाथ मिलाया. जोंग के कंधे पर हाथ रखा और ये दिखाने की कोशिश की कि इस मीटिंग को लेकर वो किसी तरह के दवाब में नहीं है. जब तक कैमरे चमकते रहे. डोनाल्ड ट्रंप मीटिंग से पहले मनोवैज्ञानिक बढ़त बनाने में लगे रहे, वो कभी जोंग की बांह पर हाथ रखते तो कभी पीठ पर. दोनों मीटिंग के लिए आगे बढ़े तब भी ट्रंप का हाथ जोंग की पीठ पर ही था. मनोविश्लेषकों का मानना है कि इस मीटिंग को लेकर दोनों नेता दबाव में दिख रहे थे. ट्रंप के चेहर पर भी दबाव दिख रहा था. लेकिन किम जोंग ज्यादा दबाव में दिख रहे थे. शुरुआती हिचक दूर होते ही किम जोंग भी सधे और सहज दिखे. उधर, जोंग से दोगुनी उम्र के ट्रंप बार-बार ये दिखाने की कोशिश कर रहे थे कि वो सुपर पावर अमेरिका के सर्वेसर्वा हैं. जब वन टू वन मीटिंग से पहले दोनों नेता लॉबी में रुके तब भी माइंड गेम जारी था. तब तक जोंग पूरी तरह सहज हो चुके थे. इस बार ट्रंप की बांह थपथपाने की बारी किम जोंग की थी. लेकिन जब मीटिंग रूम में घुसने का मौका आया तो ट्रंप ने एक बार फिर जोंग की पीठ पर हाथ रखा और रास्ता दिखाया.

कैमरे चलते रहे, मनोवैज्ञानिक बढ़त बनाने में लगे रहे ट्रंप, देखें: कौन किसपर भारी

आज वो लम्हा आ ही गया जिसकी कल्पना करना भी मुश्किल था. सिंगापुर के कैपेला रिजॉर्ट में किम जोंग उन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मिले तो ये पल दुनिया के इतिहास में दर्ज हो गया.आज वो लम्हा आ ही गया जिसकी कल्पना करना भी मुश्किल था. सिंगापुर के कैपेला रिजॉर्ट में किम जोंग उन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मिले तो ये पल दुनिया के इतिहास में दर्ज हो गया.  ये महज मुलाकात नहीं कूटनीतिक एनकाउंटर था. किम जोंग और डोनाल्ड ट्रंप पहली बार आमने-सामने हुए तो दुनिया भर के विशेषज्ञों की नजर दोनों के हाव-भाव पर थी. दुनिया देखना चाहती थी कि किम जोंग से कैसे मिलते हैं ट्रंप. बाएं से किम जोंग और दाएं से डोनाल्ड ट्रंप की स्टेज पर जैसे ही एंट्री हुई दोनों तरफ से मनोवैज्ञानिक दांव शुरू हो गए.  दरअसल ट्रंप ने आते ही जोंग से गर्मजोशी से हाथ मिलाया. जोंग के कंधे पर हाथ रखा और ये दिखाने की कोशिश की कि इस मीटिंग को लेकर वो किसी तरह के दवाब में नहीं है. जब तक कैमरे चमकते रहे. डोनाल्ड ट्रंप मीटिंग से पहले मनोवैज्ञानिक बढ़त बनाने में लगे रहे, वो कभी जोंग की बांह पर हाथ रखते तो कभी पीठ पर. दोनों मीटिंग के लिए आगे बढ़े तब भी ट्रंप का हाथ जोंग की पीठ पर ही था.     मनोविश्लेषकों का मानना है कि इस मीटिंग को लेकर दोनों नेता दबाव में दिख रहे थे. ट्रंप के चेहर पर भी दबाव दिख रहा था. लेकिन किम जोंग ज्यादा दबाव में दिख रहे थे. शुरुआती हिचक दूर होते ही किम जोंग भी सधे और सहज दिखे. उधर, जोंग से दोगुनी उम्र के ट्रंप बार-बार ये दिखाने की कोशिश कर रहे थे कि वो सुपर पावर अमेरिका के सर्वेसर्वा हैं.     जब वन टू वन मीटिंग से पहले दोनों नेता लॉबी में रुके तब भी माइंड गेम जारी था. तब तक जोंग पूरी तरह सहज हो चुके थे. इस बार ट्रंप की बांह थपथपाने की बारी किम जोंग की थी. लेकिन जब मीटिंग रूम में घुसने का मौका आया तो ट्रंप ने एक बार फिर जोंग की पीठ पर हाथ रखा और रास्ता दिखाया.

ये महज मुलाकात नहीं कूटनीतिक एनकाउंटर था. किम जोंग और डोनाल्ड ट्रंप पहली बार आमने-सामने हुए तो दुनिया भर के विशेषज्ञों की नजर दोनों के हाव-भाव पर थी. दुनिया देखना चाहती थी कि किम जोंग से कैसे मिलते हैं ट्रंप. बाएं से किम जोंग और दाएं से डोनाल्ड ट्रंप की स्टेज पर जैसे ही एंट्री हुई दोनों तरफ से मनोवैज्ञानिक दांव शुरू हो गए.

दरअसल ट्रंप ने आते ही जोंग से गर्मजोशी से हाथ मिलाया. जोंग के कंधे पर हाथ रखा और ये दिखाने की कोशिश की कि इस मीटिंग को लेकर वो किसी तरह के दवाब में नहीं है. जब तक कैमरे चमकते रहे. डोनाल्ड ट्रंप मीटिंग से पहले मनोवैज्ञानिक बढ़त बनाने में लगे रहे, वो कभी जोंग की बांह पर हाथ रखते तो कभी पीठ पर. दोनों मीटिंग के लिए आगे बढ़े तब भी ट्रंप का हाथ जोंग की पीठ पर ही था.

मनोविश्लेषकों का मानना है कि इस मीटिंग को लेकर दोनों नेता दबाव में दिख रहे थे. ट्रंप के चेहर पर भी दबाव दिख रहा था. लेकिन किम जोंग ज्यादा दबाव में दिख रहे थे. शुरुआती हिचक दूर होते ही किम जोंग भी सधे और सहज दिखे. उधर, जोंग से दोगुनी उम्र के ट्रंप बार-बार ये दिखाने की कोशिश कर रहे थे कि वो सुपर पावर अमेरिका के सर्वेसर्वा हैं.

जब वन टू वन मीटिंग से पहले दोनों नेता लॉबी में रुके तब भी माइंड गेम जारी था. तब तक जोंग पूरी तरह सहज हो चुके थे. इस बार ट्रंप की बांह थपथपाने की बारी किम जोंग की थी. लेकिन जब मीटिंग रूम में घुसने का मौका आया तो ट्रंप ने एक बार फिर जोंग की पीठ पर हाथ रखा और रास्ता दिखाया.

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