अब निगाहें 2020 ओलंपिक पर

गोल्ड कोस्ट में मिली शानदार कामयाबी के बाद गुरुराजा ने अपना अगला लक्ष्य भी तय कर लिया. अब वे 2020 टोक्यो ओलिंपिक की तैयारी में जुटेंगे. कमाल की बात है कि 8 साल पहले तक जिस गुरुराजा पुजारी को वेटलिफ्टिंग से डर लगता था, भार उठाने में पांव फूल जाते थे, वही गुरुराजा कॉमनवेल्थ में कमाल करने के बाद अब ओलंपिक पदक जीतने का मन बना रहे हैं.

बनना चाहते थे पहलवान, बन गए वेटलिफ्टर

गुरुराजा के मुताबिक , ‘मैंने 2010 दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में पहलवान सुशील कुमार को देखा था. उस समय मैंने भी रेसलिंग में अपना करियर शुरू करने की सोची लेकिन जब मैं अपने कोच राजेंद्र प्रसाद से मिला तो उन्होंने मुझसे वेटलिफ्टिंग करने को कहा.’ अच्छा हुआ कि गुरुराजा ने सुशील की तरह पहलवानी नहीं चुनी नहीं आज अखाड़े के मेडल तो आते लेकिन वेटलिफ्टिंग के पदकों की संख्या में इजाफा नहीं हो पाता.