पतित पावनी गंगा रक्षा और गंगा महासभा के गंगा एक्ट को लागू करने की मांग को लेकर मातृ सदन में पिछले 71 दिन से अनशन तप कर रहे स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद (प्रोफेसर जी डी अग्रवाल ) ने शिक्षण एवं अनुसंधान के लिए अपनी देह को दान कर दिया है। उन्होंने इसके लिए सभी तरह की औपचारिकताएं पूरी करते हुए जरूरी पत्र ऋषिकेश एम्स को अपने वकील अरुण भदोरिया के माध्यम से भेज दिया है। स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद ने गंगा रक्षा को लेकर किए जा रहे हैं अपने तप को समाप्त करने का किए गए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और उमा भारती के अनुरोध को मानने से इनकार कर चुके हैं। उनका कहना है कि वह अपना तप अब तब ही समाप्त करेंगे, जब उनकी मांगे पूरी कर दी जाएंगी। इस मामले में केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने उन्हें अगली कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव लाकर उनकी मांग पूरी करने का आश्वासन दिया था। इस पर स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद ने कहा था कि अगर वह तब तक जिंदा रहे तो कैबिनेट में प्रस्ताव पारित होने के बाद वह अनशन त्याग देंगे अन्यथा वह अपनी देह त्याग देंगे। इसी सिलसिले में उन्होंने अगला कदम उठाते हुए शुक्रवार को अपनी देह दान के संदर्भ में सभी औपचारिकताओं को पूरा कर पत्र ऋषिकेश एम्स भेज दिया।

गंगा रक्षा को तप कर रहे सानंद ने किया देह दान

पतित पावनी गंगा रक्षा और गंगा महासभा के गंगा एक्ट को लागू करने की मांग को लेकर मातृ सदन में पिछले 71  दिन से अनशन तप कर रहे स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद (प्रोफेसर जी डी अग्रवाल ) ने शिक्षण एवं अनुसंधान के लिए अपनी देह को दान कर दिया है। उन्होंने इसके लिए सभी तरह की औपचारिकताएं पूरी करते हुए जरूरी पत्र ऋषिकेश एम्स को अपने वकील अरुण भदोरिया के माध्यम से भेज दिया है। पतित पावनी गंगा रक्षा और गंगा महासभा के गंगा एक्ट को लागू करने की मांग को लेकर मातृ सदन में पिछले 71  दिन से अनशन तप कर रहे स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद (प्रोफेसर जी डी अग्रवाल ) ने शिक्षण एवं अनुसंधान के लिए अपनी देह को दान कर दिया है। उन्होंने इसके लिए सभी तरह की औपचारिकताएं पूरी करते हुए जरूरी पत्र ऋषिकेश एम्स को अपने वकील अरुण भदोरिया के माध्यम से भेज दिया है।    स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद ने गंगा रक्षा को लेकर किए जा रहे हैं अपने तप को समाप्त करने का किए गए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और उमा भारती के अनुरोध को मानने से इनकार कर चुके हैं। उनका कहना है कि वह अपना तप अब तब ही समाप्त करेंगे, जब उनकी मांगे पूरी कर दी जाएंगी।   इस मामले में केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने उन्हें अगली कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव लाकर उनकी मांग पूरी करने का आश्वासन दिया था। इस पर स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद ने कहा था कि अगर वह तब तक जिंदा रहे तो कैबिनेट में प्रस्ताव पारित होने के बाद वह अनशन त्याग देंगे अन्यथा वह अपनी देह त्याग देंगे। इसी सिलसिले में उन्होंने अगला कदम उठाते हुए शुक्रवार को अपनी देह दान के संदर्भ में सभी औपचारिकताओं को पूरा कर पत्र ऋषिकेश एम्स भेज दिया।

स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद ने गंगा रक्षा को लेकर किए जा रहे हैं अपने तप को समाप्त करने का किए गए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और उमा भारती के अनुरोध को मानने से इनकार कर चुके हैं। उनका कहना है कि वह अपना तप अब तब ही समाप्त करेंगे, जब उनकी मांगे पूरी कर दी जाएंगी। 

इस मामले में केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने उन्हें अगली कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव लाकर उनकी मांग पूरी करने का आश्वासन दिया था। इस पर स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद ने कहा था कि अगर वह तब तक जिंदा रहे तो कैबिनेट में प्रस्ताव पारित होने के बाद वह अनशन त्याग देंगे अन्यथा वह अपनी देह त्याग देंगे। इसी सिलसिले में उन्होंने अगला कदम उठाते हुए शुक्रवार को अपनी देह दान के संदर्भ में सभी औपचारिकताओं को पूरा कर पत्र ऋषिकेश एम्स भेज दिया।

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