गणगौर तीज आज, जानें महत्व और उपाय

गणगौर तीज आज, जानें महत्व और उपाय

मंगलवार को गणगौर तीज है. इसे गौरी तृतीया भी कहते हैं. यह मूल रूप से राजस्थान, उत्तरप्रदेश, हरियाणी और मध्यप्रदेश में मनाया जाता है. गणगौर तीज चैत्र शुक्ल तृतीया को मनाया जाता है. यह पर्व दरअसल, होली के दूसरे दिन से ही शुरू हो जाता है और गुड़ी पड़वा के बाद तक चलता है. इस वर्ष यह 2 मार्च को शुरू हुआ और आज 20 मार्च को यह संपन्न होने जा रहा है.गणगौर तीज आज, जानें महत्व और उपायक्या है महत्व
गणगौर तीज कुंवारी और विवाहित महिलाएं अपने सौभाग्य और अच्छे वर की कामना करने के लिए करती हैं. इस दिन मां पार्वती और भगवान शंकर की पूजा की जाती है. 16 दिन चलने वाले इस पर्व का समापन शुक्ल तृतीया के दिन होता है. कुंवारी, विवाहिताएं और नवविवाहिताएं सुहागिनें आज के दिन नदी, तालाब या शुद्ध स्वच्छ शीतल सरोवर पर जाकर गीत गाती हैं और गणगौर को विसर्जित करती हैं. यह व्रत विवाहित महिलाएं पति से सात जन्मों का साथ, स्नेह, सम्मान और सौभाग्य पाने के लिए करती हैं. इस व्रत को करने से कुंवारी कन्या को उत्तम पति मिलता है और सुहागिनों का सुहाग अखंड रहता है.

उपाय

ऐसी मान्यता है कि गणगौर में मां पार्वती और भगवान शंकर की एक साथ पूजा करनी चाहिए. इस दिन मां पार्वती और भोलेनाथ को घी का भोग लगाएं तथा उसका दान करें. कहते हैं ऐसा करने से रोगी से छुटकारा मिलता है और वह जातक निरोग रहता है. माता पार्वती को शक्कर का भोग लगाकर उसका दान करने से भी भक्त को दीर्घायु प्राप्त होती है. दूध चढ़ाकर दान करने से सभी प्रकार के दु:खों से मुक्ति मिलती है. इस दिन घर में मालपूआ बनाकर मां को चढ़ाएं और दान भी करें. इससे आपकी सभी प्रकार की समस्याएं दूर हो जाएंगी.

अगर आप लंबे समय से वाहन खरीदने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन खरीद नहीं पा रहे हैं तो आज के दिन भगवान शंकर को चमेली के फूल चढ़ाएं. आपको जल्दी ही वाहन सुख मिलेगा. अलसी के फूलों से शिव का पूजन करने से भोलेनाथ की कृपा तो मिलती ही है, साथ में वह जातक भगवान विष्णु का भी प्रिय हो जाता है.

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