गुल्लक के जादू की सच्ची कहानी से आपके पक्के साथी बनने तक की पूरी यात्रा 

गुल्लक के जादू की सच्ची कहानी से आपके पक्के साथी बनने तक की पूरी यात्रा #tosnews

गुल्लक  #tosnews

घर में छोटी-छोटी जरूरतों के लिए अक्सर आपके पास पैसे नहीं होते हैं, तब ख्याल आता है किसी अलमारी के कोने में रखे गुल्लक का। जल्दी से उसे तोड़ते हैं या उसमें से पैसे निकालने की जद्दोजहद करते हैं और अपनी जरूरत को पूरा करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि ये छोटा सा गुल्लक Gullak जो आपकी छोटी-छोटी जरूरतों का ख्याल रखता है वह आपका साथी बन सकता है, कभी बड़ी जरूरत में काम आ सकता है।

कब से शुरू हुआ प्रचलन गुल्लक का beginning #tosnews

पिगी बैंक piggy bank शब्द तो 15वीं शताब्दी के यूरोप में मिट्टी व अन्य तरीके से पिग जैसे दिखने वाली चीजें बनाई जाती थीं। फिर लोग इनमें फुटकर पैसों को रखने लगे तो इन्हें लोग पिगी बैंक कहने लगे। बाद में इन्हें बकायदा आकार देकर गुल्लक gullak की तरह बनाया जाने लगा। कुछ लोगों का मानना है कि पिग बैंक piggy bank जर्मनी से मिला है क्योंकि उसकी शुरुआत वहीं हुई थी। 13वीं शताब्दी में। वहीं कुछ लोग इसे इंडोनेशिया से शुरू हुआ भी मानते हैं। जहां से यह कई देश पहुंचा। चीन में भी यह उनकी अपनी संस्कृति मानते हैं। स्कॉटलैंड में भी कुछ जानकार पिगी बैंक का अस्तित्व पाते हैं। भारत में इसे गुल्लक कहते हैं।

गुल्लक के जादू की सच्ची कहानी #tosnews

कुछ साल पहले मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से एक खबर आई थी कि खेल-खेल में स्कूल के बच्चों के गुल्लक में लाखों रुपए जमा कर लिए। इसे देकर लोग हैरान रह गए। बाद में वहां सरकार ने एक योजना भी शुरू की जिससे बच्चों को गुल्लक gullak में पैसे जोड़ने का प्रोत्साहन मिले।

बचत ही हमारा आधार #tosnews

वर्ष 2008 की मंदी अच्छे से याद होगी आपको। उस समय पूरा विश्व भयानक मंदी से जूझ रहा था। अमेरिका जैसा देश भी इससे निपट नहीं सका और वहां कई हजार लोगों की नौकरी चली गई और लोगों का पैसा डूब गया। लेकिन भारत में इस मंदी का असर कम हुआ था। इसका बड़ा कारण यहां लोगों की बचत की आदत थी। बैंक से लेकर घरों तक में बचत की गई रकम से हमारी अर्थव्यवस्था का आधार मजबूत बना रहा और हम सब इससे निपट सके। इसलिए बचत के फायदे को कम न आंककर इसे और बढ़ाना चाहिए।

बनाएं गुल्लक gullak को दोस्त #tosnews

गुल्लक gullak तो बाजार में आपको कई मिल जाएंगे। इसमें मिट्टी से लेकर प्लास्टिक और धातु के भी होते हैं। कई घरों में तो धातु और लोहे की पतली चादर से बना गुल्लक gullak भी मिल जाएगा। इसमें बकायदा ताले पड़े होते हैं और इसे तोड़ नहीं सकते। इन गुल्लक gullak को अपना दोस्त बनाने के लिए आपको रोजाना इसमें कुछ न कुछ रुपए डालने हैं। चाहे बाजार से लौट कर आने पर बचे हुए पैसे हों या फिर बिना किसी काम के कुछ छुट्टे रुपए। इन सभी को गुल्लक gullak में डालते रहे। महीने में एक निश्चित पैसा यानी 100 रुपए से लेकर 500 रुपए तक भी आप गुल्लक gullak में डाल सकते हैं।

ऐसे बढ़ाएं गुल्लक की बचत saving #tosnews

गुल्लक gullak की बचत बढ़ाने के लिए आपको अपने खर्चों में कटौती करनी होगी। यह खर्चें कुछ बेवजह के होते हैं जिनका उपयोग आप कभी न कभी करते हैं। ऐसे में आपको उन्हीं पैसों को गुल्लक gullak में डालना है। इसके अतिरिक्त साल में एक साल वेतन बढ़ोतरी पर कुछ हिस्सा आप गुल्लक gullak में डाल सकते हैं। साल भर में जैसे ही यह राशि बढ़ जाए इससे आप बैंक में रिकरिंग डिपाजिट यानी आरडी RD करवा दें। इससे आपको अच्छे ब्याज intrest पर पैसा मिलता रहेगा। इसके अलावा अन्य कई निवेश में आप पैसे लगा सकते हैं।

बनी रहे नियमितता गुल्लक की regularity #tosnews

गुल्लक gullak में बचत करते समय यह ध्यान रखें कि इसकी नियमितता बनी रहनी चाहिए। जैसे आपका का खाना और बातचीत मिस नहीं होता उसी तरह से हर महीने और रोजाना की बचत भी मिस नहीं होनी चाहिए। नियमितता बनी रहने से गुल्लक में जमा राशि आपको निराश नहीं करेगी। आप चाहे तों घर में सभी सदस्यों के लिए भी गुल्लक का उपयोग कर सकती हैं और बाद में इसकी जमा रकम का उपयोग कर सकेंगी।

—–GB Singh

 

 

 

 

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