आम्रपाली और जेपी इंफ्राटेक के प्रोजेक्ट्स में जिन घर खरीदारों का पैसा लगा है, उनके लिए एक अच्छी खबर आई है. इन बिल्डर के प्रोजेक्ट्स को सरकारी कंस्ट्रक्शन कंपनी नेशनल बिल्ड‍िंग्स कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (NBCC) अपने हाथ में ले सकती है. एनबीसीसी अधूरे पड़े प्रोजेक्ट्स को पूरा करेगी. बिजनेस टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक एनबीसीसी इन दोनों बिल्डरों के अधूरे प्रोजेक्ट्स को अपने हाथ में लेगी और उन्हें तैयार करने का काम करेगी. एनबीसीसी ये सुनिश्च‍ित करेगी कि ये अधूरे प्रोजेक्ट्स पूरे हों और घर बोनाफाइड ऑनर्स को सौंप दिए जाएं. हालांकि इसके लिए एनबीसीसी ने एस्क्रॉ अकाउंट के जरिये वित्तीय मामलों पर पूरा नियंत्रण मांगा है. रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी की जिम्मेदारी मौजूदा प्रमोटर्स के पास ही रहेगी. कुछ मामलों में यह जिम्मेदारी इन्सॉलवेंसी रेजोल्यूशन प्रोफेशनल (IRP) को भी मिलेगी. एनबीसीसी की भूमिका इस मामले में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसलटेंट के तौर पर रहेगी. एनबीसीसी यह सुनिश्च‍ित करेगी कि थर्ड पार्टी कंस्ट्रक्शन कंपन‍ियों को शामिल कर इन्हें पूरा करवाए. बता दें कि इसी महीने की शुरुआत में आम्रपाली ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट को एक प्रस्ताव सौंपा था. इस प्रस्ताव में उसने कहा था कि हमने सरकार को एक प्रपोजल सौंपा है. इसमें हमने अधूरे पड़े प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए एनबीसीसी की मदद लेने की बात कही है. इस पर जस्ट‍िस अरुण मिश्रा और यूयू ललित की बेंच ने आम्रपाली ग्रुप से प्रपोजल की पूरी डिटेल सौंपने को कहा था. इसके लिए कोर्ट ने 10 दिनों का समय दिया था. इसके साथ ही कोर्ट ने ग्रुप से 2008-2009 से अब तक लिए गए प्रोजेक्ट्स की पूरी वित्तीय जानकारी मांगी थी.

घर खरीदारों के लिए खुशखबरी! NBCC पूरा करेगी आम्रपाली-जेपी के अटके प्रोजेक्ट्स

आम्रपाली और जेपी इंफ्राटेक के प्रोजेक्ट्स में जिन घर खरीदारों का पैसा लगा है, उनके लिए एक अच्छी खबर आई है. इन बिल्डर के प्रोजेक्ट्स को सरकारी कंस्ट्रक्शन कंपनी नेशनल बिल्ड‍िंग्स कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (NBCC) अपने हाथ में ले सकती है. एनबीसीसी अधूरे पड़े प्रोजेक्ट्स को पूरा करेगी.आम्रपाली और जेपी इंफ्राटेक के प्रोजेक्ट्स में जिन घर खरीदारों का पैसा लगा है, उनके लिए एक अच्छी खबर आई है. इन बिल्डर के प्रोजेक्ट्स को सरकारी कंस्ट्रक्शन कंपनी नेशनल बिल्ड‍िंग्स कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (NBCC) अपने हाथ में ले सकती है. एनबीसीसी अधूरे पड़े प्रोजेक्ट्स को पूरा करेगी.  बिजनेस टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक एनबीसीसी इन दोनों बिल्डरों के अधूरे प्रोजेक्ट्स को अपने हाथ में लेगी और उन्हें तैयार करने का काम करेगी. एनबीसीसी ये सुनिश्च‍ित करेगी कि ये अधूरे प्रोजेक्ट्स पूरे हों और घर बोनाफाइड ऑनर्स को सौंप दिए जाएं. हालांकि इसके लिए एनबीसीसी ने एस्क्रॉ अकाउंट के जरिये वित्तीय मामलों पर पूरा नियंत्रण मांगा है.  रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी की जिम्मेदारी मौजूदा प्रमोटर्स के पास ही रहेगी. कुछ मामलों में यह जिम्मेदारी इन्सॉलवेंसी रेजोल्यूशन प्रोफेशनल (IRP) को भी मिलेगी.  एनबीसीसी की भूमिका इस मामले में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसलटेंट के तौर पर रहेगी. एनबीसीसी यह सुनिश्च‍ित करेगी कि थर्ड पार्टी कंस्ट्रक्शन कंपन‍ियों को शामिल कर इन्हें पूरा करवाए.  बता दें कि इसी महीने की शुरुआत में आम्रपाली ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट को एक प्रस्ताव सौंपा था. इस प्रस्ताव में उसने कहा था कि हमने सरकार को एक प्रपोजल सौंपा है. इसमें हमने अधूरे पड़े प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए एनबीसीसी की मदद लेने की बात कही है.  इस पर जस्ट‍िस अरुण मिश्रा और यूयू ललित की बेंच ने आम्रपाली ग्रुप से प्रपोजल की पूरी डिटेल सौंपने को कहा था. इसके लिए कोर्ट ने 10 दिनों का समय दिया था. इसके साथ ही कोर्ट ने ग्रुप से 2008-2009 से अब तक लिए गए प्रोजेक्ट्स की पूरी वित्तीय जानकारी मांगी थी.

बिजनेस टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक एनबीसीसी इन दोनों बिल्डरों के अधूरे प्रोजेक्ट्स को अपने हाथ में लेगी और उन्हें तैयार करने का काम करेगी. एनबीसीसी ये सुनिश्च‍ित करेगी कि ये अधूरे प्रोजेक्ट्स पूरे हों और घर बोनाफाइड ऑनर्स को सौंप दिए जाएं. हालांकि इसके लिए एनबीसीसी ने एस्क्रॉ अकाउंट के जरिये वित्तीय मामलों पर पूरा नियंत्रण मांगा है.

रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी की जिम्मेदारी मौजूदा प्रमोटर्स के पास ही रहेगी. कुछ मामलों में यह जिम्मेदारी इन्सॉलवेंसी रेजोल्यूशन प्रोफेशनल (IRP) को भी मिलेगी.

एनबीसीसी की भूमिका इस मामले में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसलटेंट के तौर पर रहेगी. एनबीसीसी यह सुनिश्च‍ित करेगी कि थर्ड पार्टी कंस्ट्रक्शन कंपन‍ियों को शामिल कर इन्हें पूरा करवाए.

बता दें कि इसी महीने की शुरुआत में आम्रपाली ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट को एक प्रस्ताव सौंपा था. इस प्रस्ताव में उसने कहा था कि हमने सरकार को एक प्रपोजल सौंपा है. इसमें हमने अधूरे पड़े प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए एनबीसीसी की मदद लेने की बात कही है.

इस पर जस्ट‍िस अरुण मिश्रा और यूयू ललित की बेंच ने आम्रपाली ग्रुप से प्रपोजल की पूरी डिटेल सौंपने को कहा था. इसके लिए कोर्ट ने 10 दिनों का समय दिया था. इसके साथ ही कोर्ट ने ग्रुप से 2008-2009 से अब तक लिए गए प्रोजेक्ट्स की पूरी वित्तीय जानकारी मांगी थी.

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