दिल्ली : हाल ही में महाराष्ट्र सरकार का चाय का बजट ने सबको चौकाया था. सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत यह खुलासा हुआ है अब ऐसा ही एक घोटाला दिल्ली सरकार भी कर बैठी है. केजरीवाल सरकार ने पिछले 3 सालों में चाय पानी पर 1 करोड़ 3 लाख 4 हजार 162 रुपये खर्च कर डाले हैं. यही नहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पिछले 3 सालों में 56 हवाई दौरे किए जिनका खर्च 11.99 लाख रुपये आया. गौरतलब है कि इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने पिछले महीने महाराष्ट्र सरकार पर आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) में रोजाना 18,500 कप चाय की खपत है. मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरुपम ने सूचना का अधिकार (आरटीआई) का हवाला देते हुए कहा कि पिछले तीन साल में सीएमओ में चाय की खपत पर खर्च में भारी वृद्धि हुई है. आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार, 2017-18 में सीएमओ में 3,34,64,904 रुपये की चाय पी गई, जबकि 2015-16 में करीब 58 लाख रुपया इस पर खर्च किया गया था. आरटीआई एक्टिविस्ट हेमंत गोनिया के मुताबिक दिल्ली के मुख्यमंत्री ने जनता की गाढ़ी कमाई का दुरुपयोग किया, जबकि सरकार बनने से पहले उन्होंने जनता से वादा किया था कि वे जनता के साथ मिलकर काम करेंगे, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. दिल्ली के मुख्यमंत्री जब 3 साल में 1 करोड़ रुपये से ज्यादा चाय पानी पर खर्च कर सकते हैं. वैसे भी दिल्ली की राजनीति में आने के बाद आम आदमी पार्टी और उसके प्रमुख अरविन्द केजरीवाल जनता के बीच काम से ज्यादा विवादों के कारण चर्चा में रहे है. तीन साल के कार्यकाल मे विवाद से लागातार घिरे रहना ही आप की सरकार की खासियत रही, विधायकों की कारस्तानिया, बागी तेवर, केजरीवाल का आरोप लगाकर माफ़ी मांगते फिरना या थप्पड़ कांड और उस पर अब एक करोड़ की चाय. जनता सब देख रही है और अब समझ भी रही है. संभव है कि ये एक करोड़ की चाय केजरीवाल के बुरे दिन की शुरुआत में अहम भूमिका निभा दे.

घोटाला: अब दिल्ली सरकार ने पी एक करोड़ की चाय

हाल ही में महाराष्ट्र सरकार का चाय का बजट ने सबको चौकाया था. सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत यह खुलासा हुआ है अब ऐसा ही एक घोटाला दिल्ली सरकार भी कर बैठी है. केजरीवाल सरकार ने पिछले 3 सालों में चाय पानी पर 1 करोड़ 3 लाख 4 हजार 162 रुपये खर्च कर डाले हैं. यही नहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पिछले 3 सालों में 56 हवाई दौरे किए जिनका खर्च 11.99 लाख रुपये आया. गौरतलब है कि इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने पिछले महीने महाराष्ट्र सरकार पर आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) में रोजाना 18,500 कप चाय की खपत है.दिल्ली : हाल ही में महाराष्ट्र सरकार का चाय का बजट ने सबको चौकाया था. सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत यह खुलासा हुआ है अब ऐसा ही एक घोटाला दिल्ली सरकार भी कर बैठी है. केजरीवाल सरकार ने पिछले 3 सालों में चाय पानी पर 1 करोड़ 3 लाख 4 हजार 162 रुपये खर्च कर डाले हैं. यही नहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पिछले 3 सालों में 56 हवाई दौरे किए जिनका खर्च 11.99 लाख रुपये आया. गौरतलब है कि इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने पिछले महीने महाराष्ट्र सरकार पर आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) में रोजाना 18,500 कप चाय की खपत है.  मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरुपम ने सूचना का अधिकार (आरटीआई) का हवाला देते हुए कहा कि पिछले तीन साल में सीएमओ में चाय की खपत पर खर्च में भारी वृद्धि हुई है. आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार, 2017-18 में सीएमओ में 3,34,64,904 रुपये की चाय पी गई, जबकि 2015-16 में करीब 58 लाख रुपया इस पर खर्च किया गया था. आरटीआई एक्टिविस्ट हेमंत गोनिया के मुताबिक दिल्ली के मुख्यमंत्री ने जनता की गाढ़ी कमाई का दुरुपयोग किया, जबकि सरकार बनने से पहले उन्होंने जनता से वादा किया था कि वे जनता के साथ मिलकर काम करेंगे, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. दिल्ली के मुख्यमंत्री जब 3 साल में 1 करोड़ रुपये से ज्यादा चाय पानी पर खर्च कर सकते हैं.  वैसे भी दिल्ली की राजनीति में आने के बाद आम आदमी पार्टी और उसके प्रमुख अरविन्द केजरीवाल जनता के बीच काम से ज्यादा विवादों के कारण चर्चा में रहे है. तीन साल के कार्यकाल मे विवाद से लागातार घिरे रहना ही आप की सरकार की खासियत रही, विधायकों की कारस्तानिया, बागी तेवर, केजरीवाल का आरोप लगाकर माफ़ी मांगते फिरना या थप्पड़ कांड और उस पर अब एक करोड़ की चाय. जनता सब देख रही है और अब समझ भी रही है. संभव है कि ये एक करोड़ की चाय केजरीवाल के बुरे दिन की शुरुआत में अहम भूमिका निभा दे.

मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरुपम ने सूचना का अधिकार (आरटीआई) का हवाला देते हुए कहा कि पिछले तीन साल में सीएमओ में चाय की खपत पर खर्च में भारी वृद्धि हुई है. आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार, 2017-18 में सीएमओ में 3,34,64,904 रुपये की चाय पी गई, जबकि 2015-16 में करीब 58 लाख रुपया इस पर खर्च किया गया था. आरटीआई एक्टिविस्ट हेमंत गोनिया के मुताबिक दिल्ली के मुख्यमंत्री ने जनता की गाढ़ी कमाई का दुरुपयोग किया, जबकि सरकार बनने से पहले उन्होंने जनता से वादा किया था कि वे जनता के साथ मिलकर काम करेंगे, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. दिल्ली के मुख्यमंत्री जब 3 साल में 1 करोड़ रुपये से ज्यादा चाय पानी पर खर्च कर सकते हैं.

वैसे भी दिल्ली की राजनीति में आने के बाद आम आदमी पार्टी और उसके प्रमुख अरविन्द केजरीवाल जनता के बीच काम से ज्यादा विवादों के कारण चर्चा में रहे है. तीन साल के कार्यकाल मे विवाद से लागातार घिरे रहना ही आप की सरकार की खासियत रही, विधायकों की कारस्तानिया, बागी तेवर, केजरीवाल का आरोप लगाकर माफ़ी मांगते फिरना या थप्पड़ कांड और उस पर अब एक करोड़ की चाय. जनता सब देख रही है और अब समझ भी रही है. संभव है कि ये एक करोड़ की चाय केजरीवाल के बुरे दिन की शुरुआत में अहम भूमिका निभा दे.

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