चंदा कोचर के बाद RBI ने अब शिखा शर्मा पर साधा निशाना...

चंदा कोचर के बाद RBI ने अब शिखा शर्मा पर साधा निशाना…

वीडियोकॉन मामले में जहां आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ चंदा कोचरसे पूछताछ की जा रही है. वहीं, अब आरबीआई के निशाने पर एक्सिस बैंक चीफ शिखा शर्मा भी आ गई हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक्सिस बैंक के बोर्ड को चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी में आरबीआई ने कहा है कि शिखा शर्मा को तीन साल का चौथा कार्यकाल देने के फैसले पर दोबारा विचार करने चाहिए. बैंक ने पिछले साल शिखा शर्मा को चौथा टर्म ऑफर किया था. सूत्रों के मुताबिक, इससे संकेत मिलता है कि आरबीआई बैंक के सीईओ की नियुक्ति को लेकर आगे सख्ती कर सकता है.चंदा कोचर के बाद RBI ने अब शिखा शर्मा पर साधा निशाना...

क्यों मजबूर हुआ आरबीआई
इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, आरबीआई ने एक्सिस बैंक चेयरमैन संजीव मिश्रा को चिट्ठी लिखकर इस फैसले पर पुनर्विचार करने की वजह बताई हैं. सूत्रों की माने तो इनमें बैंक का कमजोर परफॉर्मेंस और एसेट क्वॉलिटी का बिगड़ना जैसे कारण बताए गए हैं. सूत्रों ने बताया कि बैंक अब शिखा को एक साल का टर्म देने पर विचार कर रहा है. इस दौरान उनके उत्तराधिकारी की तलाश की जाएगी. 

चल रहा है तीसरा कार्यकाल
शिखा शर्मा ने 2009 में एक्सिस बैंक की कमान संभाली थी और अभी सीईओ के तौर पर उनका यह तीसरा कार्यकाल चल रहा है. हालांकि, यह कार्यकाल मई के अंत तक ही है. शिखा का चौथा कार्यकाल जून से शुरू होगा. हालांकि, इस खबर के संबंध में आरबीआई से पूछे गए सवाल का जवाब नहीं मिला है.

बैंक ने गोपनीय रखी बात
एक्सिस बैंक से पूछने पर जवाब मिला कि आरबीआई और बैंक के बीच की बातचीत गोपनीय है. बैंक के प्रवक्ता ने कहा, ‘हमारा बोर्ड सीनियर अपॉइंटमेंट में स्टैंडर्ड प्रक्रिया का पालन करता है और अपने सुझाव आरबीआई के पास भेजता है. अभी प्रक्रिया चल रही है, आखिरी फैसले की जानकारी मेरे पास नहीं है. हम जरूर कहना चाहेंगे कि बैंक और आरबीआई के बीच जो बातचीत होती है, वह अत्यंत गोपनीय होती है.’ प्रवक्ता ने कहा कि इस मुद्दे पर बैंक के पास कहने के लिए इसके अलावा कुछ भी नहीं है और जो भी सवाल पूछे गए हैं, वे अटकलों पर आधारित हैं.

3 साल में 300% बढ़ा NPA
एक्सिस बैंक के नॉन-परफॉर्मिंग ऐसेट्स (एनपीए) में पिछले तीन साल में 300 पर्सेंट से अधिक की बढ़ोतरी हुई है. दिसंबर 2009 में बैंक का एनपीए 1,173 करोड़ रुपए था, जो दिसंबर 2017 तक बढ़कर 25,001 करोड़ रुपए हो गया था. इसका ग्रॉस एनपीए रेशो 2010 दिसंबर में 1.23 पर्सेंट था, जो आज यह 5.28 पर्सेंट हो गया है. शिखा के नेतृत्व में बैंक अच्छी ग्रोथ हासिल कर रहा था, लेकिन दिसंबर 2015 में आरबीआई के एसेट क्वॉलिटी रिव्यू के निर्देश के बाद स्थिति बदल गई. 

बदल गई बैड लोन की स्थिति
दिसंबर 2016 तक इसका ग्रॉस बैड लोन 20,466 करोड़ रुपए था, जो 2015 दिसंबर में सिर्फ 5,724 करोड़ रुपए हुआ करता था. दिसंबर 2016 तिमाही में बैंक का मुनाफा घटकर 579 करोड़ रुपए रह गया था, जो एक साल पहले की इसी तिमाही में 2,175 करोड़ रुपए था. दिसंबर 2017 तिमाही में एक्सिस बैंक को 726 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा हुआ था.

 
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