हाल ही में बीजेपी के दिग्गज नेता नितिन गडकरी ने एनसीपी के अध्‍यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार से मुलाकात की. अब शरद पंवार का कहना है कि तीसरा मोर्चा 'व्‍यवहारिक' नहीं है, इसलिए यह क्रियान्वित नहीं हो पाएगा. इसके उलट पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस नेता एचडी देवगौड़ा ने तीसरे मोर्चे के गठन की मांग की है. शरद पवार ने कहा कि तीसरे मोर्चे के रूप में विभिन्‍न दलों का महागठबंधन अव्‍यवहारिक है. हालांकि उन्‍होंने यह भी कहा कि उनके कई साथी चाहते हैं कि महागठबंधन बनाया जाए. उन्‍होंने कहा, 'सबसे पहले मुझे खुद भी महागठबंधन या विकल्‍प के लिए बहुत भरोसा नहीं है. मैं निजी तौर पर महसूस करता हूं कि स्थिति वर्ष 1977 के जैसी है. आप देखिए इंदिरा गांधी एक मजबूत इरादों वाली महिला थीं. आपातकाल के बाद वह प्रधानमंत्री थीं. उस समय कोई राजनीतिक दल नहीं था लेकिन कश्‍मीर से लेकर कन्‍याकुमारी तक जनता ने उनके खिलाफ वोट किया और कांग्रेस की हार हुई.' पवार ने कहा, 'जनता ने इंदिरा को भी हरा दिया. चुनाव के बाद जिन लोगों ने इंदिरा गांधी को हराया था, वे साथ आ गए और जनता पार्टी का गठन किया. इसके बाद उन्‍होंने एक नेता के रूप में मोरार जी देसाई का चुनाव किया. लेकिन चुनाव के दौरान मोरार जी देसाई को चुनाव के दौरान विकल्‍प के तौर पेश नहीं किया गया था. इसलिए शरद पवार या कोई और आज की डेट में किसी को पीएम पद के चेहरे के रूप में पेश करने का कोई सवाल नहीं है.' शरद पवार ने कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो मैं महसूस करता हूं कि कोई महागठबंधन या तीसरा मोर्चा संभव नहीं है. मेरा अपना आंकलन है कि यह व्‍यवहारिक नहीं है. इसी वजह से यह बन नहीं पाएगा. मेरे कई साथी चाहते हैं कि महागठबंधन बनाया जाए लेकिन मैं यह महसूस करता हूं कि यह क्रियान्वित नहीं हो पाएगा.' हाल ही में बीजेपी के दिग्गज नेता नितिन गडकरी ने एनसीपी के अध्‍यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार से मुलाकात की. अब शरद पंवार का कहना है कि तीसरा मोर्चा 'व्‍यवहारिक' नहीं है, इसलिए यह क्रियान्वित नहीं हो पाएगा. इसके उलट पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस नेता एचडी देवगौड़ा ने तीसरे मोर्चे के गठन की मांग की है. शरद पवार ने कहा कि तीसरे मोर्चे के रूप में विभिन्‍न दलों का महागठबंधन अव्‍यवहारिक है. हालांकि उन्‍होंने यह भी कहा कि उनके कई साथी चाहते हैं कि महागठबंधन बनाया जाए. उन्‍होंने कहा, 'सबसे पहले मुझे खुद भी महागठबंधन या विकल्‍प के लिए बहुत भरोसा नहीं है. मैं निजी तौर पर महसूस करता हूं कि स्थिति वर्ष 1977 के जैसी है. आप देखिए इंदिरा गांधी एक मजबूत इरादों वाली महिला थीं. आपातकाल के बाद वह प्रधानमंत्री थीं. उस समय कोई राजनीतिक दल नहीं था लेकिन कश्‍मीर से लेकर कन्‍याकुमारी तक जनता ने उनके खिलाफ वोट किया और कांग्रेस की हार हुई.' पवार ने कहा, 'जनता ने इंदिरा को भी हरा दिया. चुनाव के बाद जिन लोगों ने इंदिरा गांधी को हराया था, वे साथ आ गए और जनता पार्टी का गठन किया. इसके बाद उन्‍होंने एक नेता के रूप में मोरार जी देसाई का चुनाव किया. लेकिन चुनाव के दौरान मोरार जी देसाई को चुनाव के दौरान विकल्‍प के तौर पेश नहीं किया गया था. इसलिए शरद पवार या कोई और आज की डेट में किसी को पीएम पद के चेहरे के रूप में पेश करने का कोई सवाल नहीं है.' शरद पवार ने कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो मैं महसूस करता हूं कि कोई महागठबंधन या तीसरा मोर्चा संभव नहीं है. मेरा अपना आंकलन है कि यह व्‍यवहारिक नहीं है. इसी वजह से यह बन नहीं पाएगा. मेरे कई साथी चाहते हैं कि महागठबंधन बनाया जाए लेकिन मैं यह महसूस करता हूं कि यह क्रियान्वित नहीं हो पाएगा.'

जनता ने इंदिरा को भी हरा दिया था-शरद पंवार

हाल ही में बीजेपी के दिग्गज नेता नितिन गडकरी ने एनसीपी के अध्‍यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार से मुलाकात की. अब शरद पंवार का कहना है कि तीसरा मोर्चा ‘व्‍यवहारिक’ नहीं है, इसलिए यह क्रियान्वित नहीं हो पाएगा. इसके उलट पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस नेता एचडी देवगौड़ा ने तीसरे मोर्चे के गठन की मांग की है. शरद पवार ने कहा कि तीसरे मोर्चे के रूप में विभिन्‍न दलों का महागठबंधन अव्‍यवहारिक है. हालांकि उन्‍होंने यह भी कहा कि उनके कई साथी चाहते हैं कि महागठबंधन बनाया जाए. 

हाल ही में बीजेपी के दिग्गज नेता नितिन गडकरी ने एनसीपी के अध्‍यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार से मुलाकात की. अब शरद पंवार का कहना है कि तीसरा मोर्चा 'व्‍यवहारिक' नहीं है, इसलिए यह क्रियान्वित नहीं हो पाएगा. इसके उलट पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस नेता एचडी देवगौड़ा ने तीसरे मोर्चे के गठन की मांग की है. शरद पवार ने कहा कि तीसरे मोर्चे के रूप में विभिन्‍न दलों का महागठबंधन अव्‍यवहारिक है. हालांकि उन्‍होंने यह भी कहा कि उनके कई साथी चाहते हैं कि महागठबंधन बनाया जाए.    उन्‍होंने कहा, 'सबसे पहले मुझे खुद भी महागठबंधन या विकल्‍प के लिए बहुत भरोसा नहीं है. मैं निजी तौर पर महसूस करता हूं कि स्थिति वर्ष 1977 के जैसी है. आप देखिए इंदिरा गांधी एक मजबूत इरादों वाली महिला थीं. आपातकाल के बाद वह प्रधानमंत्री थीं. उस समय कोई राजनीतिक दल नहीं था लेकिन कश्‍मीर से लेकर कन्‍याकुमारी तक जनता ने उनके खिलाफ वोट किया और कांग्रेस की हार हुई.' पवार ने कहा, 'जनता ने इंदिरा को भी हरा दिया. चुनाव के बाद जिन लोगों ने इंदिरा गांधी को हराया था, वे साथ आ गए और जनता पार्टी का गठन किया. इसके बाद उन्‍होंने एक नेता के रूप में मोरार जी देसाई का चुनाव किया. लेकिन चुनाव के दौरान मोरार जी देसाई को चुनाव के दौरान विकल्‍प के तौर पेश नहीं किया गया था. इसलिए शरद पवार या कोई और आज की डेट में किसी को पीएम पद के चेहरे के रूप में पेश करने का कोई सवाल नहीं है.'    शरद पवार ने कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो मैं महसूस करता हूं कि कोई महागठबंधन या तीसरा मोर्चा संभव नहीं है. मेरा अपना आंकलन है कि यह व्‍यवहारिक नहीं है. इसी वजह से यह बन नहीं पाएगा. मेरे कई साथी चाहते हैं कि महागठबंधन बनाया जाए लेकिन मैं यह महसूस करता हूं कि यह क्रियान्वित नहीं हो पाएगा.' हाल ही में बीजेपी के दिग्गज नेता नितिन गडकरी ने एनसीपी के अध्‍यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार से मुलाकात की. अब शरद पंवार का कहना है कि तीसरा मोर्चा 'व्‍यवहारिक' नहीं है, इसलिए यह क्रियान्वित नहीं हो पाएगा. इसके उलट पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस नेता एचडी देवगौड़ा ने तीसरे मोर्चे के गठन की मांग की है. शरद पवार ने कहा कि तीसरे मोर्चे के रूप में विभिन्‍न दलों का महागठबंधन अव्‍यवहारिक है. हालांकि उन्‍होंने यह भी कहा कि उनके कई साथी चाहते हैं कि महागठबंधन बनाया जाए.    उन्‍होंने कहा, 'सबसे पहले मुझे खुद भी महागठबंधन या विकल्‍प के लिए बहुत भरोसा नहीं है. मैं निजी तौर पर महसूस करता हूं कि स्थिति वर्ष 1977 के जैसी है. आप देखिए इंदिरा गांधी एक मजबूत इरादों वाली महिला थीं. आपातकाल के बाद वह प्रधानमंत्री थीं. उस समय कोई राजनीतिक दल नहीं था लेकिन कश्‍मीर से लेकर कन्‍याकुमारी तक जनता ने उनके खिलाफ वोट किया और कांग्रेस की हार हुई.' पवार ने कहा, 'जनता ने इंदिरा को भी हरा दिया. चुनाव के बाद जिन लोगों ने इंदिरा गांधी को हराया था, वे साथ आ गए और जनता पार्टी का गठन किया. इसके बाद उन्‍होंने एक नेता के रूप में मोरार जी देसाई का चुनाव किया. लेकिन चुनाव के दौरान मोरार जी देसाई को चुनाव के दौरान विकल्‍प के तौर पेश नहीं किया गया था. इसलिए शरद पवार या कोई और आज की डेट में किसी को पीएम पद के चेहरे के रूप में पेश करने का कोई सवाल नहीं है.'    शरद पवार ने कहा, 'ईमानदारी से कहूं तो मैं महसूस करता हूं कि कोई महागठबंधन या तीसरा मोर्चा संभव नहीं है. मेरा अपना आंकलन है कि यह व्‍यवहारिक नहीं है. इसी वजह से यह बन नहीं पाएगा. मेरे कई साथी चाहते हैं कि महागठबंधन बनाया जाए लेकिन मैं यह महसूस करता हूं कि यह क्रियान्वित नहीं हो पाएगा.'
उन्‍होंने कहा, ‘सबसे पहले मुझे खुद भी महागठबंधन या विकल्‍प के लिए बहुत भरोसा नहीं है. मैं निजी तौर पर महसूस करता हूं कि स्थिति वर्ष 1977 के जैसी है. आप देखिए इंदिरा गांधी एक मजबूत इरादों वाली महिला थीं. आपातकाल के बाद वह प्रधानमंत्री थीं. उस समय कोई राजनीतिक दल नहीं था लेकिन कश्‍मीर से लेकर कन्‍याकुमारी तक जनता ने उनके खिलाफ वोट किया और कांग्रेस की हार हुई.’ पवार ने कहा, ‘जनता ने इंदिरा को भी हरा दिया. चुनाव के बाद जिन लोगों ने इंदिरा गांधी को हराया था, वे साथ आ गए और जनता पार्टी का गठन किया. इसके बाद उन्‍होंने एक नेता के रूप में मोरार जी देसाई का चुनाव किया. लेकिन चुनाव के दौरान मोरार जी देसाई को चुनाव के दौरान विकल्‍प के तौर पेश नहीं किया गया था. इसलिए शरद पवार या कोई और आज की डेट में किसी को पीएम पद के चेहरे के रूप में पेश करने का कोई सवाल नहीं है.’ 

शरद पवार ने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो मैं महसूस करता हूं कि कोई महागठबंधन या तीसरा मोर्चा संभव नहीं है. मेरा अपना आंकलन है कि यह व्‍यवहारिक नहीं है. इसी वजह से यह बन नहीं पाएगा. मेरे कई साथी चाहते हैं कि महागठबंधन बनाया जाए लेकिन मैं यह महसूस करता हूं कि यह क्रियान्वित नहीं हो पाएगा.’ 

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