जन्मदिन विशेष: जानिए क्यों अपने साथ इस्तीफा लेकर घूमते थे अब्दुल कलाम

जन्मदिन विशेष: जानिए क्यों अपने साथ इस्तीफा लेकर घूमते थे अब्दुल कलाम

पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम प्रेरणादायक व्यक्ति थे. उन्होंने अपने जीवन में कई ऐसे काम किए थे, जो आज भी हमारे लिए प्रेरणादास्पद हैं. उनकी जिंदगी से जुड़े कई अहम किस्से हैं, जो हमारा हमेशा मार्गदर्शन करते हैं. आइए जानते हैं उनकी जिंदगी से जुड़े कुछ प्रेरणादायक प्रसंग…जन्मदिन विशेष: जानिए क्यों अपने साथ इस्तीफा लेकर घूमते थे अब्दुल कलामजानिए क्यों प्रियंका गांधी को नहीं मिल सकी एसी फस्र्ट क्लास में जगहा?

अब्दुल कलाम ना सिर्फ अच्छे वैज्ञानिक थे, बल्कि बहुत अच्छे इंसान भी थे. सभी को साथ लेकर चलने वाले कलाम साहब जानवरों से भी उतना ही प्यार करते हैं, जितना इंसानों से करते हैं. एक बार डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) में उनकी टीम बिल्डिंग की सुरक्षा को लेकर चर्चा कर रही थी. टीम ने सुझाव दिया कि बिल्डिंग की दीवार पर कांच के टुकड़े लगा देने चाहिए. लेकिन डॉ कलाम ने टीम के इस सुझाव को ठुकरा दिया और कहा कि अगर हम ऐसा करेंगे तो इस दीवार पर पक्षी नहीं बैठेंगे.

इस्तीफा रखते थे साथ

डीआरडीओ के पूर्व चीफ की मानें तो ‘अग्नि’ मिसाइल के टेस्ट के समय कलाम काफी नर्वस थे. उन दिनों वो अपना इस्तीफा अपने साथ लिए घूमते थे. उनका कहना था कि अगर कुछ भी गलत हुआ तो वो इसकी जिम्मेदारी लेंगे और अपना पद छोड़ देंगे.

डीआरडीओ में काम का काफी दवाब रहता था. एक बार साथ में काम करने वाला एक वैज्ञानिक उनके पास आया और बोला कि उसे समय से पहले घर जाना है. दरअसल वैज्ञानिक को अपने बच्चों को प्रदर्शनी दिखानी थी. डॉ कलाम ने उसे अनुमति दे दी. लेकिन काम के चक्कर में वह भूल गया कि उसे जल्दी घर जाना है. बाद में उसे बड़ा बुरा लगा कि वो अपने बच्चों को प्रदर्शनी दिखाने नहीं ले जा सका. जब वह घर गया तो पता चला कि कलाम के कहने पर मैनेजर उसके बच्चों को प्रदर्शनी दिखाने ले जा चुका था. 

1 करोड़ 70 लाख युवाओं से की थी मुलाकात

एक बार कुछ नौजवानों ने डॉ कलाम से मिलने की इच्छा जताई. इसके लिए उन्होंने उनके ऑफिस में एक पत्र लिखा. कलाम ने राष्ट्रपति भवन के पर्सनल चैंबर में उन युवाओं से न सिर्फ मुलाकात की बल्कि काफी समय उनके साथ गुजार कर उनके आइडियाज भी सुनें. आपको बता दें कि डॉ कलाम ने पूरे भारत में घूमकर करीब 1 करोड़ 70 लाख युवाओं से मुलाकात की थी.

साहस पर डॉ कलाम ने अपनी एक किताब में एक घटना का जिक्र किया है. उन्होंने लिखा है कि जब वो SU-30 MKI एयर क्राफ्ट उड़ा रहे थे तो एयर क्राफ्ट के नीचे उतरने पर कई नौजवान और मीडिया के लोग उनसे बातें करने लगे. एक ने कहा कि आपको 74 साल की उम्र में सुपरसोनिक फाइटर एयरक्राफ्ट चलाने में डर नहीं लगा? इस पर डॉ कलाम का जवाब था, ’40 मिनट की फ्लाइट के दौरान मैं यंत्रों को कंट्रोल करने में व्यस्त रहा और इस दौरान मैंने डर को अपने अंदर आने का समय ही नहीं दिया.

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