जहरीली शराब कांड में आबकारी उपायुक्त समेत तीन अफसर निलंबित, नजरबंद पूर्व मंत्री इलाज के बहाने लापता  

कानपुर में जहरीली शराब पीने से हुई 16 लोगों की मौत के बाद अब प्रशासन जागा है। आबकारी विभाग ने बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए कानपुर रेंज के उपायुक्त समेत तीन अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। निलंबित किए गए अफसरों के स्थान पर नए अधिकारियों की तैनाती की गई है।

 

प्रमुख सचिव आबकारी कल्पना अवस्थी ने बताया कि कानपुर नगर रेंज के उपायुक्त सुनील कुमार मिश्रा को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा कानपुर नगर और कानपुर देहात के जिला आबकारी अधिकारी अभिमन्यु प्रताप सिंह व हेमंत कुमार चौधरी को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया इन अधिकारियों की भी लापरवाही सामने आई थी, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है।

अवस्थी ने बताया कि बरेली के उपायुक्त शिव हरि मिश्रा को कानपुर रेंज का नया आबकारी उपायुक्त बनाया गया है। वहीं कानपुर नगर में कुशीनगर के जिला आबकारी अधिकारी राजेश कुमार मिश्रा जबकि कानपुर देहात में शाहजहांपुर के जिला आबकारी अधिकारी जितेंद्र कुमार सिंह को भेजा गया है।

नजरबंद 82 साल के पूर्व मंत्री इलाज के बहाने लापता

जहरीली शराब से मौत के मामले में नजरबंद बताए जा रहे आरोपी पूर्व मंत्री रामस्वरूप सिंह गौर इलाज के बहाने लापता हो गया। पूर्व मंत्री के परिजन पुलिस को बता गए कि राम स्वरूप की हालत गंभीर है, उसे शहर के चांदनी अस्पताल ले जा रहे हैं। लेकिन उसके बाद से पूर्व मंत्री का कोई पता नहीं है। देर रात तक पुलिस पूर्व मंत्री का पता नहीं लगा सकी थी।

एसपी देहात रतनकांत पांडेय ने बताया कि रविवार रात करीब डेढ़ बजे रूरा कस्बे में रह रहे पूर्व मंत्री की हालत बिगड़ने की बात कहकर परिजन उसे पहले आर्य नगर के चांदनी हॉस्पिटल ले गए थे। वहां के डॉक्टरों से जानकारी मिली है कि पूर्व मंत्री को रावतपुर स्थित कॉडियोलॉजी हॉस्पिटल रेफर किया गया है। कॉडियोलॉजी  के डॉक्टर राकेश वर्मा के मुताबिक राम स्वरूप सिंह गौर नाम का कोई मरीज अस्पताल में भर्ती ही नहीं है।

पुलिस पर राजनीतिक दबाव

दरअसल, पूर्व मंत्री की गोशाला और घर में अवैध शराब का कारोबार चल रहा था। पुलिस ने पूर्व मंत्री के पौत्रों नीरज सिंह और विनय के खिलाफ गैर इरादतन हत्या समेत कई धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया था। राम स्वरूप पर भी रिपोर्ट दर्ज की गई लेकिन गिरफ्तारी तो दूर उनसे अभी तक पूछताछ भी नहीं हुई। चर्चा यह है कि पुलिस पर राजनीतिक दबाव है। विपक्ष के साथ ही सत्ताधारी दल से जुड़े एक सांसद और अन्य पदाधिकारी भी राम स्वरूप की पैरवी में लगे हैं।

यह था बयान 
पूर्व मंत्री की सरपरस्ती में अवैध शराब का कारोबार उनके पौत्र कर रहे थे। पूर्व मंत्री को भी एक तरह से हाउस अरेस्ट किया गया है। घर के बाहर फोर्स भी तैनात है। लगातार उनकी निगरानी भी की जा रही है। स्वास्थ्य सही होते ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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