जानिए क्यों यहां हर रोज भगवान श्रीराम को देते हैं बन्दूक से सलामी

जानिए क्यों यहां हर रोज भगवान श्रीराम को देते हैं बन्दूक से सलामी

हिन्दू धर्म में राम नाम का शब्द लेने से ही जीवन का उध्दार समझा जाता है। हिन्दू धर्म की मान्यता है कि अगर बजरंगबलि को खुश करना है, तो प्रभु श्रीराम का नाम ले लीजिए। इनका नाम लेने से जहां भगवान राम तो प्रसन्न होते ही हैं साथ ही बजरंगबलि भी खुश हो जाते हैं। आज यहां पर हम आपको एक ऐसे स्थान के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां श्री राम को एक राजा के रूप में पूजा जाता है, इतना ही नहीं हर रोज बन्दूकों से इन्हे सलामी भी दी जाती है। जानिए क्यों यहां हर रोज भगवान श्रीराम को देते हैं बन्दूक से सलामी

दरअसल मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले में स्थित ओरछा धार्मिक नगरी होने के साथ ही ऐतिहासिक शहर भी है। यहां पर राजा राम मंदिर स्थित है। मप्र पुलिस के जवानों द्वारा सूर्योदय और सूर्योस्त के समय मंदिर में बंदूकों द्वारा सलामी दी जाती है। यह सिलसिला काफी समय से जारी है। ओरछा के राजा राम मंदिर में बना हुआ पान यानी पान का बीड़ा दिया जाता है।

बुंदेला स्थापत्य शैली में बना दूसरी ओर ओरछा का प्रसिद्ध किला है। कहते हैं कि ओरछा की महारानी राजा राम के बाल रूप को अयोध्या से पैदल लेकर आईं थीं। रानी का नाम गणेशकुंवर था और राजा का नाम मधुरकशाह। रानी रामभक्त थीं। एक बार वह अयोध्या की तीर्थयात्रा पर गईं और वहां सरयू नदी के किनारे लक्ष्मण किले के पास अपनी कुटी बनाकर साधना आरंभ की।

इन्हीं दिनों संत शिरोमणि तुलसीदास भी अयोध्या में साधनारत थे। संत से आशीर्वाद पा कर रानी की आराधना और दृढ़ होती गई। लेकिन रानी को कई महीनों तक राजा राम के दर्शन नहीं हुए। वह निराश होकर अपने प्राण त्यागने सरयू की मझधार में कूद पड़ी। यहीं जल की अतल गहराइयों में उन्हें राजा राम के दर्शन हुए। रानी ने उनसे ओरछा चलने का आग्रह किया। और इस तरह साक्षात ओरछा आए।

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