जानिए डेंगू के लक्षण और बचाव के उपाय

निया के तमाम देशों में डेंगू हर साल लाखों लोगों की मौत का कारण बनता है। मानसून खत्म होते-होते भारत में भी हर साल डेंगू के मामले बढ़ने शुरू हो जाते हैं। इस लिहाजे से सितंबर-अक्टूबर के माह में लोगों को डेंगू से बचाव को लेकर विशेष अलर्ट रहने की सलाह दी जाती है। एडीज मच्छरों के काटने के कारण होने वाली इस गंभीर बीमारी के मामले देश में एक बार फिर से बढ़ते हुए देखे जा रहे हैं। हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक देश के 11 राज्यों में डेंगू के गंभीर संक्रमण के खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार ने अलर्ट जारी किया है। रिपोर्टस के मुताबिक
इस बार डेंगू के नए स्ट्रेन ‘सीरोटाइप-2’ के मामले देखे जा रहे हैं, जिन्हें स्वास्थ्य विशेषज्ञ कई मायनों में बेहद खतरनाक मान रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि डेंगू के अन्य रूपों की तुलना में यह गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक डेंगू के मच्छर साफ और स्थिर पानी में पनपते हैं, ऐसे में सभी लोगों को घरों के आस-पास पानी के जमाव को लेकर विशेष सावधान रहने की जरूरत है। डेंगू की गंभीर स्थिति जानलेवा भी हो सकती है, इसलिए लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। आइए आगे की स्लाइडों में इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

डेंगू सीरोटाइप-2
अमेरिकन जर्नल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन एंड हाइजीन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, डेंगू सीरोटाइप-2 (DEN-2) बेहद गंभीर जटिलताओं के साथ घातक हो सकता है। यह लोगों में  डेंगू के रक्तस्रावी बुखार का भी कारण बन सकता है जिसे डेंगू का सबसे गंभीर रूप माना जाता है। इसमें रोगियों के ब्लड प्रेशर में तेजी से गिरावट आ जाती है, जिससे शॉक लगने या मृत्यु का जोखिम बढ़ जाता है। तेज बुखार, लसीका तंत्र को नुकसान पहुंचा सकती है जिसके कारण लोगों के नाक से खून आने या त्वचा के नीचे से खून जमने की समस्या हो सकती है।

डेंगू सीरोटाइप-2 के लक्षणों को जानिए
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो रक्तस्रावी डेंगू बुखार के कारण लोगों को गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं जैसे लो ब्लड प्रेशर, सर्दी, चिपचिपी त्वचा, बेचैनी और पल्स रेट में गिरावट जैसी समस्या हो सकती है। इसके अलावा कुछ लोगों में कई और गंभीर स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं हो सकती हैं, जिसके बारे में विशेष सावधान रहने की आवश्यकता है।
तेज बुखार
लसीका तंत्र को क्षति
परिसंचरण तंत्र की विफलता
नाक से या त्वचा के नीचे से खून बहना
आंतरिक रक्तस्राव
लिवर के बढ़ने की समस्या

डेंगू का इलाज
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक देश में जिस तरीके से डेंगू सीरोटाइप-2 के मामले बढ़ रहे हैं, ऐसे में यह बड़ी मुसीबतों का कारण बन सकता है। स्थिति के निदान के लिए डॉक्टर सबसे पहले खून की जांच कराने की सलाह देते हैं। डेंगू की पुष्टि होने पर इसके लक्षणों के आधार पर इलाज शुरू किया जाता है। वैसे तो डेंगू बुखार का फिलहाल कोई विशिष्ट उपचार नहीं है, हालांकि लक्षणों को देखते हुए रोगियों को दवाइयां दी जाती हैं। रोगियों को ज्यादा से ज्यादा आराम करने और अधिक मात्रा में तरल पदार्थों के सेवन की सलाह दी जाती है।

डेंगू सीरोटाइप-2 से बचाव के लिए क्या करें?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक इस समय लोगों को डेंगू से बचाव के लिए विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। डेंगू के मच्छर दिन में ज्यादा काटते हैं ऐसे में सभी लोगों को इससे बचाव के तरीकों को प्रयोग में लाते रहना चाहिए।
घर के अंदर और बाहर दोनों जगह मच्छर भगाने वाली दवाओं का प्रयोग करें।
घर या आस-पास पानी जमा होने से रोकें।
खाली कंटेनरों और अन्य बर्तनों जिनमें पानी जमा रह सकता है उन्हें ढककर या उल्टा रखें।
अपने आस-पास के स्थानों को साफ-सुथरा रखें।
पूरी बाजू के और ढीले कपड़े पहनें।
सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें।

 

 

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