muh ke chhale ke kaaran, lakshan or upchaar in hindi

जाने किसकी कमी के कारण हो सकती है ,मुंह में जलन की समस्या

दुनियाभर में कोरोना महामारी को डेढ़ साल से अधिक का समय बीत चुका है। संक्रमण से सुरक्षित रहने के लिए तमाम अध्ययनों में उन खाद्य पदार्थों के सेवन के बारे में सुझाया जाता रहा है जो विटामिन सी और डी के अच्छे स्रोत होते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक विटामिन सी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती देने में मदद करता है जबकि विटामिन डी शरीर को अच्छी तरह से काम करने में सक्षम बनाने में सहायक है। यह दोनों विटामिन शरीर के लिए सबसे आवश्यक हैं। हालांकि कुछ हालिया अध्ययनों में बताया जा रहा है कि कोविड-19 के कारण लगे लॉकडाउन ने लोगों को लंबे समय तक घरों में बंद रहने को मजबूर कर दिया, ऐसे में लोगों का सूर्य से संपर्क कम हो गया है। परिणामस्वरूप अब लोगों में विटामिन-डी की कमी के मामले ज्यादा देखने को मिल रहे हैं।

विशेषज्ञों के मुताबिक हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के साथ विटामिन-डी कई तरह के कैंसर के खतरे को कम करने में भी सहायक है। कोरोनावायरस संक्रमण से लड़ने के लिए शरीर को तैयार करने में भी इस विटामिन की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है। ऐसे में शरीर में विटामिन-डी की कमी होना काफी चुनौतीपूर्ण स्थिति हो सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक इस विटामिन की कमी को आसानी से पहचाना जा सकता है। आइए आगे की स्लाइडों में इसे विस्तार से समझते हैं।

विटामिन डी की कमी
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक मोटापा और मधुमेह के रोगियों में विटामिन-डी की कमी अधिक देखने को मिलती है। इन स्थितियों में कोविड-19 से मृत्यु का खतरा भी अधिक हो जाता है। विटामिन-डी की कमी के कारण गठिया की बीमारी, हड्डियों में दर्द और कोरोना संक्रमण का खतरा भी अधिक हो जाता है। डॉक्टरों के मुताबिक विटामिन-डी की कमी का बिना रक्त परीक्षण किए भी पता लगाया जा सकता है। इसके लिए शरीर में कुछ संकेतों को पहचानने की आवश्यकता होती है। जीभ में होने वाली कुछ समस्याएं इस विटामिन की कमी का संकेत मानी जाती हैं।

जीभ या मुंह में जलन की समस्या
मायो क्लिनिक द्वारा साल 2017 में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, विटामिन-डी की कमी लोगों में बर्निंग माउथ सिंड्रोम (बीएमएस) का कारण बन सकती है। अध्यनकर्ताओं के अनुसार आमतौर पर होंठ या जीभ में जलन या दर्द, सूखापन या सुन्न हो जाने की समस्या को विटामिन डी की कमी का संकेत माना जाता है। ऐसे लोगों को खाने में काफी कष्ट भी हो सकता है। कुछ लोगों को जीभ की संवेदनशीलता से जुड़ी दिक्कतें भी हो सकती हैं। यदि आपको भी इस तरह के लक्षणों का अनुभव होता है तो सावधान हो जाइए।

सूरज की रोशनी सबसे आवश्यक
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक विटामिन-डी की कमी को पूरा करने में सूर्य की रोशनी सबसे बेहतर और आसान तरीका हो सकती है। इसके लिए सप्ताह में दो से तीन बार सुबह के समय 10-15 मिनट धूप में जरूर घूमना चाहिए। पर्याप्त मात्रा में विटामिन-डी को अवशोषित करने के लिए यह तरीका सबसे कारगर हो सकता है। वहीं अध्ययनों के अनुसार भोजन के माध्यम से 18 साल से अधिक आयु के लोगों को प्रतिदिन 600 इंटरनेशन यूनिट की मात्रा में इस विटामिन का सेवन सुनिश्चित करना चाहिए।

विटामिन-डी की कमी में लें पौष्टिक आहार 
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक जिन लोगों में विटामिन-डी की कमी का निदान होता है उन्हें अपने आहार पर विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है। ऐसे लोगों के लिए मशरूम, अंडे, दूध, सैल्मन मछली, सोयाबीन जैसी चीजों का सेवन फायदेमंद हो सकता है। विटामिन-डी की आवश्यकताओं को देखते हुए डॉक्टर आपको कुछ स्पलीमेंट्स के सेवन की भी सलाह दे सकते हैं। हालांकि ध्यान रहे, बिना डॉक्टरी सलाह के किसी भी तरह के सप्लीमेंट्स का सेवन नहीं करना चाहिए।

 

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